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सातवें साल भी लगातार बढ़ा वैश्विक सैन्य ख़र्च: SIPRI रिपोर्ट

रक्षा पर सबसे ज़्यादा ख़र्च करने वाले 10 देशों में से 4 नाटो के सदस्य हैं। 2021 में उन्होंने कुल वैश्विक खर्च का लगभग आधा हिस्सा खर्च किया।
सातवें साल भी लगातार बढ़ा वैश्विक सैन्य ख़र्च: SIPRI रिपोर्ट

SIPRI (स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट) द्वारा रविवार 25 अप्रैल को जारी नए आंकड़े बताते हैं कि 2020 की तुलना में 2021 में वैश्विक सैन्य खर्च में भारी बढ़ोत्तरी हुई है।

संस्थान के मुताबिक़, दुनिया भर में सरकारों ने उस साल में अपने रक्षा खर्च में बढ़ोत्तरी की है, जब कोविड महामारी के चलते आई एक साल की मंदी से अर्थव्यवस्थाएं उभर रही हैं।

SIPRI ने 2021 में वैश्विक रक्षा खर्च में पिछले साल की तुलना में 0.7 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की है। इसके बाद कुल वैश्विक रक्षा खर्च 2,113 अरब डॉलर पहुंच गया है।

बता दें 2021 लगातार सातवां साल है, जब वैश्विक सैन्य खर्च में इजाफा हुआ है। आज वैश्विक सैन्य खर्च, दुनिया के सकल घरेलू उत्पाद का 2.2 फीसदी हो चुका है।

अमेरिका और उसके सहयोगियों की दुनिया के कुल रक्षा खर्च में आधी हिस्सेदारी सभी देशों में सबसे ज्यादा रक्षा खर्च अमेरिका में है। ज्यादा तेज जीडीपी दर के चलते, जीडीपी की कुल हिस्सेदारी में रक्षा बजट के हिस्से में 1.4 फ़ीसदी की कमी हुई है, लेकिन अगर संख्या की बात करें तो यह पिछले साल से 33 बिलियन डॉलर ज्यादा होकर 2021 में 801 बिलियन डॉलर हो गया। फिलहाल अमेरिका अपनी कुल जीडीपी का 3.5 फीसदी रक्षा पर खर्च करता है।

शुरुआती 10 बड़े रक्षा बजट वाले देशों में 7 नाटो सदस्य हैं। 2021 में इनके बजट में भी तेजी से इज़ाफा हुआ है। 8 यूरोपीय देश नाटो के लक्ष्य, मतलब जीडीपी के दो फ़ीसदी हिस्से का रक्षा पर खर्च का लक्ष्य हासिल कर चुके हैं।

शुरुआती 10 सबसे ज्यादा खर्च करने वालों में चार (अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी) नाटो के सदस्य हैं। यह चारों सामूहिक तौर पर दुनिया के रक्षा खर्च का आधा हिस्सा खर्च करते हैं। 2021 में उन्होंने कुल 982 अमेरिकी डॉलर रक्षा खर्च के तौर पर आवंटित किए थे। इन शुरुआती 10 सबसे बड़े रक्षा खर्च वाले देशों में 7 अमेरिका के करीबी मित्र देश हैं। यह देश मिलकर कुल 1,142 बिलियन अमेरिकी डॉलर का रक्षा बजट रखते हैं।

2021 में अमेरिका के सहयोगी जापान ने अपने रक्षा खर्च में 7 फीसदी से ज्यादा इजाफा किया। यह 1972 के बाद से किया गया सबसे बड़ा इजाफा है। दक्षिण कोरिया और सऊदी अरब भी 10 सबसे बड़े रक्षा बजट वाले देशों में शामिल हैं, यह दोनों ही अमेरिका के करीबी सहयोगी हैं।

2021 में रूस ने अपने रक्षा खर्च के लिए 66 बिलियन डॉलर आवंटित किए थे, जो उसकी जीडीपी का 4.1 फ़ीसदी हिस्सा था। यह पिछले साल के रक्षा खर्च से 2.9 फ़ीसदी ज्यादा था।

वहीं चीन ने 2021 में 4 फीसदी का इजाफा करते हुए रक्षा पर 293 बिलियन डॉलर खर्च किए।

वहीं दुनिया के तीसरे सबसे बड़े रक्षा बजट वाले भारत ने 2021 में 76.6 बिलियन डॉलर खर्च किए, जो पिछले साल से 1 फीसदी ज्यादा था।

दूसरे विकासशील देशों में नाइजीरिया में इस बार पिछले रक्षा बजट की तुलना में भारी बढ़ोरी की गई। 2020 की तुलना में नाइजीरिया के रक्षा बजट में 56 फीसदी का इजाफा हुआ। अब वहां का कुल रक्षा बजट 4.5 बिलियन डॉलर हो चुका है।

यहां गौर करने की बात है कि यह इज़ाफा तब और अहम हो जाता है, जब यह ऐसे साल में किया जाता है, जिसमें कोविड के चलते आई मंदी से दुनिया की अर्थव्यवस्थाएं उबरने की कोशिश कर रही थीं। SIPRI में वरिष्ठ शोधार्थी डॉक्टर डिएगो लोपेज़ डा सिल्वा कहते हैं कि "जिस दौर में महंगाई के चलते वास्तविक विकास दर में मंदी थी," तब नाममात्र (नॉमिनल) शब्दावली में "सैन्य खर्च में 6.1 फीसदी का इजाफा हुआ।"

 

इस लेख को मूल अंग्रेजी में पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।

https://peoplesdispatch.org/2022/04/26/global-military-expenditure-increases-for-seventh-year-in-a-row-sipri-report/

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