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"सरकार इंसाफ करें, नहीं तो हमें भी गटर में मार दे"

खास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने बातचीत की दो ऐसी भारतीय महिला नागरिकों से जिनके पति की मौत गटर साफ करते हुए 2016 में हैदराबाद में हुई थी। तब से लेकर आज तक भाग्यलक्ष्मी और मंगम्मा 10 लाख रुपये के मुआवजे, सरकारी घर और बच्चों की मुफ्त शिक्षा को पाने के लिए संघर्षरत हैं, जो उनका कानूनी हक है। अपने बच्चों को कड़ी मेहनत से पाल रही ये दोनों महिलाएं सरकार को कहती है कि अगर कानूनी हक नहीं दे सकती, तो उन्हें भी गटर में ढकेल दे।

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