कोविड डयूटी पर लगे शिक्षकों को कोरोना वॉरियर्स घोषित करे सरकार : माकपा
देशभर में कई ऐसे विभाग के कर्मचारी है जो कोरोना संक्रमण के दौर काम कर रहे है लेकिन सरकारे उन्हें कोरोना वॉरियर्स दर्जा नहीं दे रही है। जिससे वो आर्थिक और सामजिक सुरक्षा के लाभ से बाहर रह जाते है। मध्य प्रदेश में भी डॉक्टरों, नर्सों, चिकित्सा विभाग के कर्मचारियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं, आशा ऊषा कर्मियों व सफाई कर्मचारी की तरह कोविड ड्यूटी में लगे शिक्षकों को भी कोरोना वॉरियर्स का दर्जा नहीं दिया गया है जबकि वो भी कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने में काम कर रहे है। इसको देखते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा)के मध्य प्रदेश की राज्य इकाई ने शिक्षकों को भी कोरोना वॉरियर्स का दर्जा देने की माँग की है।
माकपा के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने उक्त बयान जारी करते हुए कहा है कि कोविड अभियान में ड्यूटी के कारण करीब तीन हजार शिक्षक कोरोना से गंभीर रूप से संक्रमित होकर इलाज करवा रहे हैं और 723 शिक्षकों की मृत्यु भी संक्रमण से हो चुकी है। मगर शिवराज सिंह चौहान सरकार द्वारा उन्हें कोरोना वॉरियर्स न माने जाने के कारण न तो संक्रमित होने पर उनका उचित उपचार हो रहा है और न ही मृत्यु होने पर उनके परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा मिल रहा है।
माकपा ने राज्य सरकार से मांग की है कि कोरोना अभियान में लगे अन्य कर्मचारियों की तरह शिक्षकों को भी कोरोना वॉरियर माना जायेे। इसके तहत मृतक शिक्षकों के परिवारों को 50-50 लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाये।
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