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ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे: कोर्ट कमिश्नर बदलने के मामले में मंगलवार को फ़ैसला

वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिविजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने कहा है कि सर्वे की टीम के कमिश्नर को बदलने की मांग वाली याचिका पर फ़ैसला मंगलवार को सुनाया जाएगा।
Gyanvapi

वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण और वीडियोग्राफी के विवाद में अब 10 मई (मंगलवार) को सुनवाई होगी। वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिविजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने कहा है कि सर्वे की टीम के कमिश्नर को बदलने की मांग वाली याचिका पर फैसला मंगलवार को सुनाया जाएगा।

अदालत ने मस्जिद प्रबंधन समिति की ओर से अदालत द्वारा श्रृंगार गौरी मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे और वीडियोग्राफी के लिए नियुक्त कोर्ट कमिश्नर को बदलने के लिए दाखिल याचिका पर अपना आदेश नौ मई तक के लिए सुरक्षित रखा था। कोर्ट ने जिसे अधिवक्ता कमिश्नर नियुक्त किया था वह शनिवार को ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मंदिर परिसर में गए, लेकिन करीब दो घंटे बाद सर्वेक्षण किए बगैर वापस आ गए। बाद में मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि मुस्लिम पक्ष उन्हें सर्वे करने नहीं दे रहा है।  

फ़ैसला सुरक्षित

वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी की ओर से दाखिल अर्जी पर सुनवाई के बाद अगली सुनवाई की तारीख नौ मई तय करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में अब मंगलवार को फैसला सुनाया जाएगा। इसके बाद आगे की कार्रवाई मुकर्रर की जाएगी।  

दिल्ली की राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, सीता साहू और अन्य की दैनिक पूजा और श्रृंगार गौरी में अनुष्ठान करने की अनुमति की मांग करने वाली याचिका पर धार्मिक स्थल की वीडियोग्राफी और सर्वेक्षण करने के लिए उसी अदालत के पहले के आदेश पर यह प्रक्रिया शुरू की है। दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर भगवान गणेश, भगवान हनुमान और नंदी स्थित हैं। उन्होंने 18 अप्रैल, 2021 को अपनी याचिका के साथ अदालत का रुख किया था और विरोधियों को मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने से रोकने की मांग की थी।

जितेंद्र बिसेन ने लिया यू-टर्न

विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन खुद को अलग-थलग होता देख 24 घंटे बाद अपनी चुप्पी तोड़ी है। रविवार के अपने मैसेज और फोन पर हुई बातचीत पर सोमवार को बिसेन ने यू-टर्न लिया। वाराणसी में कहा कि मीडिया ने मेरे मैसेज का गलत अर्थ निकाला है। हालांकि वह चौबीस घंटे तक मोबाइल बंद कर चुप क्यों रहे, इस पर वह कोई सटीक जवाब नहीं दे पाए। बिसेन का फोन पर दिया गया यह बयान सामने आने के बाद लोग उनकी तलाश करते रहे, लेकिन उनका पता नहीं चल सका।

जितेंद्र सिंह बिसेन ने सोमवार को वाराणसी की दीवानी कचहरी में कहा कि यहां हमारे संगठन के नेतृत्व में सात मुकदमे चल रहे हैं। छह मुकदमे ज्ञानवापी परिसर को लेकर हैं और एक मुकदमा लाटभैरव को लेकर है। ज्ञानवापी परिसर सर्वे को लेकर राखी सिंह बनाम उत्तर प्रदेश सरकार का मुकदमा आज की डेट में देश भर में हाईलाइट हो चुका है। इस मुकदमे के कारण ही दो दिन ज्ञानवापी परिसर में सर्वे की कार्रवाई भी हुई।

जितेंद्र सिंह बिसेन ने कहा, “राखी सिंह बनाम उत्तर प्रदेश सरकार का मुकदमा वापस नहीं हो रहा है। मैं खुद आदिविश्वेशर स्वयंभू ज्योतिर्लिंग विश्वेश्वर की तरफ से वादी हूं, उसे वापस ले लिया हूं। उसके लिए नया मुकदमा दाखिल करूंगा। इसकी वजह बताते हुए जितेंद्र ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर को लेकर जो चल रहा है, उसमें कई देश विरोधी शक्तियां शामिल हो चुकी हैं। वह प्रदेश में दंगा कराना चाहती थी। उनकी साजिश को विफल करने के लिए कई निर्णायक कदम उठाने पड़े।” 

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