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जनता के पैसे का इस्तेमाल ख़ुद के लिए नहीं किया : राना अय्यूब

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक बयान जारी करते हुए अय्यूब ने कहा कि उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग के अधिकारियों को ‘‘स्पष्ट रूप से दिखाया’’ है कि ‘‘राहत अभियान के धन का कोई भी हिस्सा किसी अन्य उद्देश्य के लिए या अपने व्यक्तिगत खर्च के लिए इस्तेमाल नहीं किया गया है।’’
Rana Ayyub

नयी दिल्ली: पत्रकार राना अय्यूब ने शुक्रवार को उन आरोपों को खारिज कर दिया कि उन्होंने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर जुटाई गई दान राशि का ‘दुरुपयोग’ किया और कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए धनशोधन के आरोप ‘‘बेबुनियाद और पूरी तरह से दुर्भावनापूर्ण’’ हैं।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक बयान जारी करते हुए अय्यूब ने कहा कि उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग के अधिकारियों को ‘‘स्पष्ट रूप से दिखाया’’ है कि ‘‘राहत अभियान के धन का कोई भी हिस्सा किसी अन्य उद्देश्य के लिए या अपने व्यक्तिगत खर्च के लिए इस्तेमाल नहीं किया गया है।’’

ईडी ने इस महीने की शुरुआत में पत्रकार के खिलाफ धन शोधन जांच के सिलसिले में अय्यूब की 1.77 करोड़ रुपये की बैंक जमा राशि जब्त की थी। ईडी ने कहा था कि उसकी जांच में ‘‘ स्पष्ट हुआ है कि पूरी तरह से पूर्व नियोजित और व्यवस्थित तरीके से दान के नाम पर धन जमा किया गया और समूचे धन का उस उद्देश्य के लिए उपयोग नहीं किया गया जिसके लिए धन जुटाया गया था।’’

अय्यूब ने कहा, ‘‘यह बिल्कुल स्पष्ट है कि राहत अभियान कोष का कोई भी हिस्सा बिना हिसाब-किताब के नहीं रहता है और व्यक्तिगत खर्चों के लिए धन के दुरुपयोग के किसी भी प्रकार के आरोप के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। इस तरह के आरोप बेबुनियाद, पूरी तरह से दुर्भावनापूर्ण और झूठे हैं। मेरे बैंक स्टेटमेंट को जानबूझकर गलत तरीके से पढ़ा गया है।’’

पत्रकार ने कहा कि उसके पास ईडी के अस्थायी जब्ती आदेश की कोई प्रति नहीं है और ‘‘मीडिया की खबरों में बताए गए विभिन्न आरोप... पूरी तरह से निराधार, दुर्भावनापूर्ण और काल्पनिक हैं।’’

ईडी ने उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद पुलिस की सितंबर 2021 की प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद अय्यूब के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया था। यह मामला अय्यूब द्वारा ‘‘केटो’’ (चंदा जुटाने वाला ऑनलाइन मंच) के माध्यम से जुटाए गए 2.69 करोड़ रुपये से अधिक के धन में कथित अनियमितताओं से संबंधित है। पुलिस ने ‘‘हिंदू आईटी सेल’’ नामक एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के संस्थापक और गाजियाबाद के इंदिरापुरम के निवासी विकास सांकृत्यायन की शिकायत पर मामला दर्ज किया था।

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