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करनाल में किसानों पर भारी लाठीचार्ज, गुस्साए किसानों ने प्रदेशभर में किए टोल नाके बंद

किसान संयुक्त मोर्चा ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की और कहा कि ये संघर्ष आर-पार का है। उन्होंने कहा दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो पूरे हरियाणा में चक्का जाम करेंगे।
करनाल में किसानों पर भारी लाठीचार्ज, गुस्साए किसानों ने प्रदेशभर में किए टोल नाके बंद

हरियाणा में भाजपा नेताओं का विरोध कर रहे किसानों पर पुलिस ने बर्बर लाठीचार्ज किया। हरियणा के करनाल जिले में घरौंडा के पास बसताड़ा टोल प्लाजा पर पुलिस ने किसानों पर अंधाधुंध लाठियां भांजी। क्योंकि किसानों ने भाजपा नेताओं का विरोध करने का आवाह्न किया हुआ था और वो सभी इसी जगह एकत्रित हो रहे थे। पुलिस की इस बर्बर कार्रवाई से गुस्साए किसानों ने अब पूरे हरियाणा में टोल प्लाजा और सड़कों को जाम करने का एलान कर दिया है।

लाठीचार्ज में कई किसानों के सिर फूटे,खून बहा और कई किसानों की हड्डी टूटने की भी खबर आ रही है। वहीं पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए किसान खेतों में भाग गए लेकिन हरियाणा सरकार की पुलिस ने किसानों पर कोई रहम नहीं किया और दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, यही नहीं पुलिस ने वहां खड़ी किसानों की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की है।

किसान संयुक्त मोर्चा ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की और कहा कि ये संघर्ष आर-पार का है। उन्होंने कहा दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो पूरे हरियाणा में चक्का जाम करेंगे।

वहीं इस पूरे हमले में एक बुजुर्ग किसान की तस्वीर वायरल हुई जिनका नाम महेंद्र बताया जा रहा है। वो अपने छाती पर भगत सिंह का बिल्ला लगाए हुए हैं। वो पूरी तरह खून से लथपथ थे और उनके सिर में गंभीर चोट आई हुईं थी। इसी तरह कई नौजवानों के सर पांव और हाथों से खून बहता दिखा।

सोशल मीडिया पर अब एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि किसानों पर कार्रवाई से पहले पुलिस ने किसानों पर हमले की तैयारी कर ली थी। उस वीडियो में एक अधिकारी जो खुद को ड्यूटी मजिस्ट्रेट बता रहा है वो पुलिस कर्मियों को ये कहता हुआ दिख रहा है कि किसानों पर सीधा हमला किया जाए अगर कोई आगे बढ़े तो उसका सिर फोड़ दो। हालांकि न्यूज़क्लिक स्वतंत्र रूप से इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।

इस पूरी घटना के बाद संयुक्त मोर्चा में शामिल किसान नेताओं जैसे गुरुनाम सिंह चढूनी, दर्शनपाल, इंद्रजीत सहित कई नेताओं ने सोशल मीडिया पर अपने वीडियो संदेश जारी कर इस घटना की निंदा की और प्रदेश वासियों से सड़कों पर उतरकर इसका जोरदार प्रतिकार करने को कहा है।

युवा किसान नेता और हरियाणा किसान सभा के सचिव सुमित ने कहा कि पिछले नौ महीने से हम बीजेपी सरकार के तीन काले कानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे है लेकिन वो हमारी मांग नहीं मान रही है। बीजेपी के इस हठधर्मिता के कारण पूरे देश हमने बीजेपी के राजनैतिक और सरकारी कार्यक्रमों का विरोध करने का आह्वान किया हुआ है। इसी के तहत आज करनाल में भी किसान बीजेपी के राजनीतिक कर्यक्रम के ख़िलाफ़ अपना विरोध जता रहे थे लेकिन पुलिस ने जिस तरह से शांतिपूर्ण ढंग से विरोध कर रहे किसनों पर हमला किया है वो निंदनीय है।

सुमित ने कहा कि ये सरकार के इशारे पर किसानों पर बर्बर लाठीचार्ज किया गया है। इसलिए संयुक्त मोर्चे ने आज शाम पांच बजे तक सभी मुख्य सड़के बंद करने का आवाह्न किया है।

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (सीपीएम) के हरियाणा राज्य सचिवमंडल ने करनाल के #बसताड़ा_टोल_प्लाजा पर इकट्ठे हुए किसानों पर हरियाणा पुलिस द्वारा बर्बर लाठी चार्ज की कड़े शब्दों में निंदा की है।

पार्टी राज्य सचिव सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रदेश की मनोहर लाल खट्टर सरकार द्वारा इस प्रकार के दमन से किसान आंदोलन को दबाया नहीं जा सकता। बल्कि इससे आंदोलन और व्यापक रूप लेगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा की सरकार ने कारपोरेट परस्त भूमि अधिग्रहण कानून विधानसभा से पास करवा कर जले पर नमक छिडक़ने का काम किया है जिससे किसानों का आक्रोश और बढ़ा है।

उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह किसानों के 9 महीने से चल रहे आंदोलन के प्रति न केवल उदासीन रवैया अपनाए हुए है बल्कि लगातार किसानों को उकसाने व आंदोलन में फूट डालने के षडय़ंत्र करती रहती है। जब उसके ये हथकंडें सफल नहीं हुए तो वह बर्बर लाठीचार्ज जैसे दमनात्मक कदमों पर उतर आई है।

सीपीएम ने कहा कि आज प्रदेश की आम जनता इन काले कृषि कानूनों की असलियत समझ चुकी है और किसान आंदोलन का समर्थन कर रही है। सरकार के दमन का किसान और जनता मूंहतोड़ जवाब देगी। सीपीएम ने सरकार के इस भीषण लाठीचार्ज का प्रदेश भर में विरोध करने का आह्वान किया है। पार्टी ने गिरफ्तार किए गए किसानों की तुरंत रिहाई और घायलों का इलाज करवाने की मांग की है।

हिंदी अख़बार दैनिक भास्कर के रिपोर्ट के मुताबिक करनाल के डीसी निशांत यादव ने अपने बयान में कहा कि किसान सुबह एक बार करनाल की तरफ बढ़ना चाह रहे थे। उन्होंने कुछ देर के लिए नेशनल हाईवे को भी जाम कर दिया था। किसानों से बात करने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट व पुलिस के अधिकारी गए थे, क्योंकि लोगों को हाईवे जाम होने से परेशानी हो रही थी। किसानों को आराम से प्रदर्शन करना चाहिए था।

जब किसान नहीं माने तो पुलिस के द्वारा हल्का बल प्रयोग किया गया। इसमें कुछ पुलिसकर्मियों व किसानों को चोटें आईं। किसानों से अपील है कि वे आराम से बैठकर विरोध करें। हाईवे पर यातायात में बाधा डालने वालों को सहन नहीं किया जाएगा।

गौरतलब है कि शनिवार को करनाल शहर में भाजपा की संगठनात्मक बैठक थी, जिसमें मुख्यमंत्री समेत प्रदेश के नेता शामिल होने थे। जिसके चलते करनाल पुलिस और प्रशासन ने शहर में एंट्री के सभी प्वॉइंट बंद कर रखे हैं। इसलिए किसान मीटिंग और भाजपा नेताओं का विरोध करने के लिए शहर के अंदर नहीं जा पाए। किसान रेलवे रोड नहीं पहुंच पाए और उन्होंने नेशनल हाईवे 44 पर बसताड़ा टोल प्लाजा पर जाम लगा दिया। इसके बाद दोपहर में पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया जिसमें कई किसान घायल हुए हैं। अब इसे लेकर पूरे प्रदेश के किसानों और आम लोगों में गुस्सा फैल गया है।

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