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महिलाओं की समानता को भावनाओं का बहाना बनाकर विरोध कर रहे हैं गृहमंत्री: माकपा

देश मे कई समस्याएं है लेकिन इन सबके बीच एक बनावटी समस्या बनाकर सारी चर्चा उस ओर मोड़ दी जाती है। नया विवाद आमिर खान और कियारा आडवाणी के विज्ञापन को लेकर किया जा रहा है।
Kiara Advani Aamir Khan

देश मे कई समस्याएं है लेकिन इन सबके बीच एक बनावटी समस्या बनाकर सारी चर्चा उस ओर मोड़ दी जाती है। नया विवाद आमिर खान और कियारा आडवाणी के विज्ञापन को लेकर किया जा रहा है। हाल ही में दोनों ने एक बैंक का विज्ञापन किया है। इस विज्ञापन के बाद से ही दक्षणीपंथी नेता इसका विरोध कर रहे हैं। 

इसमें मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी कूद पड़े और बुधवार को कहा कि बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान को धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले विज्ञापनों और कृत्यों से दूर रहना चाहिए। मिश्रा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि खान को भारतीय परंपराओं और रीति-रिवाजों को ध्यान में रखते हुए विज्ञापन करने चाहिए। 

जबकि विपक्षी वाम दल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा है कि आमिर खान और कियारा आडवाणी के विज्ञापन को लेकर प्रदेश के गृहमंत्री की प्रतिक्रिया संस्कृति और परंपराओं पर हमला और भावनाओं को आहत करने की बात तो सिर्फ बहाना है, वे इस बहाने महिलाओं की समानता को किसी भी मायनों में स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। जिसकी सभी जनवादी और महिला समानता की पक्षधर ताकतों द्वारा निंदा की जानी चाहिए।

विज्ञापन में क्या है

विज्ञापन में अभिनेता आमिर खान और कियारा आडवाणी को नवविवाहित जोड़े के रूप में अपनी शादी से लौटते हुए दिखाया गया है और चर्चा की जा रही है कि वे दोनों विदाई के दौरान नहीं रोए थे।

विज्ञापन में आगे दिखाया गया है कि जोड़ा दुल्हन के घर पहुंचता है और दूल्हा दुल्हन के घर में पहला कदम रखता है, जो परंपारिक प्रथा के विपरीत है, जबकि पारंपरिक प्रथा के अनुसार दुल्हन, दूल्हे के घर जाती है और उसके घर में पहला कदम रखती है।

इस बारे में पूछे जाने पर मिश्रा ने कहा, ‘शिकायत मेरे पास भी आई है। शिकायत मिलने के बाद एक निजी बैंक के लिए अभिनेता आमिर खान का विज्ञापन मैंने भी देखा है। मेरा आमिर जी से अनुरोध है कि भारतीय परंपराओं और रीति-रिवाजों को ध्यान में रखकर आगे इस तरह का विज्ञापन करें।’’

माकपा ने कहा गृहमंत्री संघ परिवार की मनुवादी सोच का प्रतिनिधित्व करते हैं

माकपा  के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने उक्त बयान जारी कर कहा है कि देश के केवल उत्तर पूर्वी इलाके में ही नहीं, बल्कि उत्तर भारत में घर जमाई की परंपरा आम है। गृहमंत्री के गृह नगर में भी कई घर जमाई रह रहे होंगे। लेकिन इसके बाद भी वे इसे साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं।

माकपा ने कहा है कि सही मायनों में गृहमंत्री संघ परिवार की मनुवादी सोच का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह वह सोच है जो महिलाओं की समानता को स्वीकार नहीं करती है। इस विज्ञापन में भी शादी के बाद दुल्हन दूल्हे के घर आने की बजाय दूल्हा दुल्हन के घर जाता है ताकि वे दुल्हन के बीमार माता पिता की देखभाल कर सकें।

जसविंदर सिंह ने कहा है कि विज्ञापन आमतौर पर बाजारवाद को बढ़ावा देने और उपभोक्तावादी संस्कृति का विस्तार करने के लिए तैयार किए जाते हैं। मगर भाजपा और संघ परिवार को उपभोक्तावादी संस्कृति और बाजारवाद के विस्तार से चिंतित नहीं है। वे भावनात्मक मुद्दों की आड़ में बाजारवाद और निजीकरण की साजिशों पर पर्दा डालने की कोशिश करती है।

माकपा ने अपने बयान मे कहा माकपा एक ओर मनुवादी सोच के तहत महिला समानता की लड़ाई को पीछे धकेलने और दूसरी ओर कारपोरेट घरानों की लूट को संरक्षण देने की भाजपा और आरएसएस की कोशिशों को बेनकाब करने के लिए सभी जनवादी और महिला समानता की पक्षधर ताकतों को एकजुट होकर संघर्ष करने की अपील करती है।

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