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छात्रों द्वारा फ़ैज़ की नज़्म गाये जाने के मामले में आईआईटी कानपुर ने समिति गठित की

आईआईटी कानपुर के निदेशक अभय करंदिकर ने मीडिया में आयी उन खबरों की आलोचना करते हुए कहा कि मीडिया के कुछ हिस्सों में आया है कि आईआईटी कानपुर ने यह तय करने के लिए समिति बनायी है कि फैज की कविता हिन्दू विरोधी है अथवा नहीं। ये पूर्णतया गुमराह करने वाली रिपोर्ट हैं।
IIT kanpur

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थिति भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के छात्रों द्वारा जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए परिसर में 17 दिसंबर को मशहूर शायर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की कविता 'हम देखेंगे' गाये जाने के प्रकरण में जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है।

यह जानकारी आईआईटी कानपुर के उपनिदेशक मनिंद्र अग्रवाल ने बुधवार को दी। उन्होंने बताया कि आईआईटी के लगभग 300 छात्रों ने परिसर के भीतर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया था क्योंकि उन्हें धारा 144 लागू होने के चलते बाहर जाने की इजाजत नहीं थी।

प्रदर्शन के दौरान एक छात्र फ़ैज़ की कविता 'हम देखेंगे' गाई जिसके खिलाफ वासी कांत मिश्रा और 16 अन्य लोगों ने आईआईटी निदेशक के पास लिखित शिकायत दी। उनका कहना था कि वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि कविता में कुछ दिक्कत वाले शब्द हैं जो हिंदुओं की भावनाओं को प्रभावित कर सकते हैं।

अग्रवाल ने बताया कि उनके नेतृत्व में छह सदस्यों की एक समिति का गठन किया गया है जो प्रकरण की जांच करेगी। कुछ छात्रों से पूछताछ की गई है जबकि कुछ अन्य से पूछताछ की जाएगी जब वे अवकाश के बाद वापस संस्थान आएंगे।

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया की जंग में स्थिति खराब हो रही है इसलिए उन्होंने लोगों से इसे बंद करने को कहा है और उन्होंने उनकी बात मान ली है।

वीडियो में दिख रहा है कि छात्र हाथ में तख्तियां लिये हैं, जिन पर लिखा है, 'तुम्हारी लाठी और गोली से तेज हमारी आवाज है।' एक अन्य पर लिखा था, 'आईआईटी कानपुर जामिया और एएमयू के छात्रों पर पुलिस बर्बरता की निन्दा करती है।’

आईआईटी कानपुर के निदेशक अभय करंदिकर ने मीडिया में आयी उन खबरों की आलोचना करते हुए कहा कि मीडिया के कुछ हिस्सों में आया है कि आईआईटी कानपुर ने यह तय करने के लिए समिति बनायी है कि फैज की कविता हिन्दू विरोधी है अथवा नहीं। ये पूर्णतया गुमराह करने वाली रिपोर्ट हैं।

उन्होंने कहा कि संस्थान को शिकायतें मिली थीं कि प्रदर्शन के दौरान एक समूह ने मार्च को रोकने का प्रयास किया, जो गलत है इसलिए संस्थान ने समिति बनायी है कि वह सभी शिकायतों पर गौर करे कि वे सही हैं या नहीं । अगर शिकायतें सही हैं तो कार्रवाई की जाएगी ।

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