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यूक्रेन पर रूस के हमले से जुड़ा अहम घटनाक्रम

यूरोपीय संघ रूस पर और आर्थिक एवं वित्तीय प्रतिबंध लगाने को सहमत। तो वहीं संयुक्त राष्ट्र ने यूक्रेन में मानवीय सहायता के लिए दो करोड़ डॉलर देने की घोषणा की।
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यूरोपीय संघ रूस पर और आर्थिक एवं वित्तीय प्रतिबंध लगाने पर सहमत

यूरोपीय संघ के नेता करीब छह घंटे चली बैठक के बाद रूस पर और आर्थिक एवं वित्तीय प्रतिबंध लगाने पर सहमत हो गए हैं।

यूरोपीय संघ परिषद के अध्यक्ष ने रूस पर यूक्रेन पर अपने आक्रमण को सही ठहराने के लिए ‘‘ झूठे और बेकार बहाने ’’ बनाने का आरोप लगाया और कहा कि प्रतिबंधों से रूसी सरकार को नुकसान होगा।

इन प्रतिबंधों के कानूनी मसौदे को रात में अंतिम रूप दिए जाने और शुक्रवार को यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के समक्ष अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किए जाने की उम्मीद है।

यूरोपीय संघ आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि इसमें 70 प्रतिशत रूसी बैंकिंग बाजार और प्रमुख सरकारी कम्पनियों को निशाना बनाना शामिल है।

उन्होंने कहा कि रूस के ऊर्जा क्षेत्र को भी निशाना बनाया जाएगा जिससे उसके लिए ‘‘अपने तेलशोधक कारखानों को अद्यतन करना असंभव हो जाएगा’’। रूस को सॉफ्टवेयर, सेमीकंडक्टर्स आदि की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगेगा।

रूस में प्रदर्शन

यूक्रेन में रूसी सैन्य अभियान के बाद  रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ और यूक्रेन के समर्थन में रूस में कई जगह प्रदर्शन हुए। कई जगह रूसी प्रदर्शनकारी और पुलिस में टकराव देखने को मिला। बताया जा रहा है कि कई प्रदर्शनकरियों को हिरासत में भी लिया गया है।

संयुक्त राष्ट्र ने यूक्रेन में मानवीय सहायता के लिए दो करोड़ डॉलर देने की घोषणा की

संयुक्त राष्ट्र ने रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद, युद्ध प्रभावित देश में विश्व निकाय के मानवीय अभियानों को तेज करने के लिए दो करोड़ डॉलर की मदद तत्काल देने की घोषणा की।

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने बृहस्पतिवार को इस संबंध में घोषणा करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र और उसके मानवतावादी सहयोगी ‘‘जरूरत के वक्त में यूक्रेन में लोगों के सहयोग के लिए मौजूद रहने को प्रतिबद्ध हैं.... यह बात मायने नहीं रखती कि वे कौन हैं और कहां हैं ।’’

उन्होंने कहा,‘‘ मरने वालों की संख्या बढ़ रही है, हम भय का, यूक्रेन के हर कोने में पीड़ा और आतंक का मंजर देख रहे हैं। जनता, निर्दोष जनता हमेशा भारी कीमत चुकाती है।’’

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय अभियानों के प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के केंद्रीय आपातकालीन प्रतिक्रिया कोष से दो करोड़ डॉलर पूर्वी दोनेत्स्क और लुहान्स्क और देश के अन्य क्षेत्रों में आपात अभियानों को मदद पहुंचाएंगे और ‘‘संघर्ष से प्रभावित लोगों को स्वास्थ्य देखभाल, आश्रय, भोजन, पानी आदि मुहैया कराने में भी इससे मदद मिलेगी।’’

ऑस्ट्रेलिया      

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने चीन पर ऐसे समय में व्यापार प्रतिबंधों में ढील देकर रूस को बढ़ावा देने का आरोप लगाया, जब अधिकतर देश यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को रोकने की कोशिश कर रहे हैं।     

‘द साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ की एक खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री मॉरिसन ने यह बयान दिया। खबर में दावा किया गया था कि चीन ने घोषणा की है कि वह रूसी गेहूं के आयात के लिए पूरी तरह तैयार है।

मॉरिसन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ और जापान रूस पर प्रतिबंध लगा रहे हैं,तो ऐसे में चीन द्वारा व्यापार प्रतिबंधों में ढील देना अस्वीकार्य है।          

तोक्यो

यूक्रेन पर हमले के जवाब में जापान ने रूस पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है।

जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने शुक्रवार को कहा कि नए उपायों में रूसी समूहों, बैंकों और लोगों की संपत्ति पर रोक लगाना और रूस में सैन्य संबद्ध संगठनों को अर्धचालक और अन्य जरूरी सामानों का निर्यात रोकना शामिल है।

संयुक्त राष्ट्र

यूक्रेन पर हमला करने की वजह से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा रूस की निंदा करने वाले प्रस्ताव पर शुक्रवार को मतदान होने की संभावना है। साथ ही प्रस्ताव में रूसी बलों की यूक्रेन से तत्काल वापसी की मांग भी की जाएगी।

अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन का मानना है कि इसे रूस द्वारा वीटो किया जा सकता है, लेकिन रूस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने के लिए प्रस्ताव पर मतदान होना महत्वपूर्ण है।

वाशिंगटन

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि अगर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) देशों में घुसे, तो अमेरिका हस्तक्षेप करेगा।

बाइडन ने जोर देकर कहा कि अगर उनके रूसी समकक्ष को अभी नहीं रोका गया, तो उनका हौसला बढ़ेगा।    

वहीं, व्हाइट हाउस ने यूक्रेन के अधिकारियों की एक ‘‘विश्वसनीय खबर’’ पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि, बंद पड़े चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र के कर्मचारियों को रूसी सैनिकों द्वारा बंधक बना लिया गया है।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘ हम इसकी निंदा करते हैं और कर्मचारियों को रिहा करने की अपील करते हैं।’’

इस परमाणु संयंत्र में अप्रैल, 1986 में दुनिया की सबसे भीषण परमाणु दुर्घटना हुई थी, जब एक परमाणु रिएक्टर में विस्फोट के बाद पूरे यूरोप में रेडियोधर्मी विकिरण फैल गया था।

ब्रेसल्स

फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का पुतिन को फोन करने का उद्देश्य सैन्य अभियान तत्काल रोकने की मांग करना था।

अधिकारी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर बताया कि रूस के खिलाफ प्रतिबंधों पर यूरोपीय संघ के नेताओं की आपात बैठक से पहले मैक्रों ने पुतिन को ब्रसेल्स से फोन किया था। उन्होंने बताया कि

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से सलाह करने के बाद ही मैक्रों ने पुतिन को फोन किया था।

अधिकारी ने बताया कि मैक्रों ने पुतिन को बताया, ‘‘रूस पर कड़े एवं व्यापक प्रतिबंध लगने वाले हैं।’’

वहीं, क्रेमलिन की एक खबर के अनुसार, फोन पर हुई बातचीत के दौरान पुतिन और मैक्रों में सम्पर्क में रहने पर सहमति बनी है।

यूक्रेन की राजधानी कीव में धमाकों की आवाजें सुनाई दीं

यूक्रेन पर रूस के हमले के एक दिन बाद शुक्रवार को राजधानी कीव में धमाकों की कई आवाजें सुनी गयीं। रूसी सैनिकों ने दूसरे दिन भी हमले जारी रखे हैं।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा था कि रूस के हमले में अभी तक 137 नागरिक और सैन्य कर्मी मारे गए हैं।

शहरों और सैन्य ठिकानों पर हवाई हमलों के बाद, रूसी सैन्य इकाइयां यूक्रेन के सबसे बड़े शहर कीव की ओर आगे बढ़ी। अमेरिकी अधिकारियों को संदेह है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन की सरकार को बेदखल करके अपना शासन स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।

यूक्रेन के खिलाफ बड़े सैन्य अभियान की घोषणा करते हुए पुतिन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा एवं प्रतिबंधों को नजरंदाज किया और अन्य देशों को चेतावनी दी कि रूसी कार्रवाई में किसी प्रकार के हस्तक्षेप के प्रयास के ‘‘ऐसे परिणाम होंगे, जो उन्होंने कभी नहीं देखे होंगे।''

इस बीच, राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि ओडेसा क्षेत्र के जमीनयी द्वीप के सभी सीमा रक्षक बृहस्पतिवार को मारे गए। यूक्रेन की सीमा सुरक्षा सेवा ने तड़के बताया कि रूस ने द्वीप को अपने कब्जे में ले लिया है।

जेलेंस्की ने बताया कि रूस के हमले में अभी तक 137 नागरिक और सैन्य कर्मी मारे गए हैं। हमले में सैकड़ों लोग घायल भी हुए हैं।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि अगर पुतिन उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) देशों में घुसेंगे, तो अमेरिका हस्तक्षेप करेगा। बाइडन ने जोर देकर कहा कि अगर उनके रूसी समकक्ष को अभी नहीं रोका गया, तो उनका हौसला बढ़ेगा।

बाइडन ने कहा, ‘‘अगर वह (पुतिन) नाटो देशों में दाखिल हुए, तो हम हस्तक्षेप करेंगे। मुझे केवल एक बात पर यकीन है कि अगर हमने उन्हें अभी नहीं रोका तो उनका हौसला बढ़ेगा। अगर हमने उनके खिलाफ अभी कड़े प्रतिबंध नहीं लगाए तो उनका हौसला बढ़ेगा।’’

यूक्रेन संकट पर मोदी ने की पुतिन से बात, तत्काल हिंसा रोकने की अपील की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन पर रूस के हमले से पैदा हुई स्थिति के मद्देनजर बृहस्पतिवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की और तत्काल हिंसा रोकने की अपील करते हुए सभी पक्षों से कूटनीतिक बातचीत और संवाद की राह पर लौटने के ठोस प्रयास करने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत के दौरान ‘‘अपने दीर्घकालिक दृढ़ विश्वास’’ को दोहराया कि रूस और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) समूह के बीच मतभेदों को सिर्फ ‘‘ईमानदार और गंभीर वार्ता’’ से ही सुलझाया जा सकता है।

पीएमओ के अनुसार, इस दौरान पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को यूक्रेन से संबंधित हालिया घटनाक्रम से अवगत कराया।

इसने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने तत्काल हिंसा रोकने की अपील की तथा सभी पक्षों से कूटनीतिक बातचीत और संवाद की राह पर लौटने के ठोस प्रयास करने का आह्वान किया।’’

टेलीफोन पर हुई बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन को यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों, खासकर छात्रों की सुरक्षा से जुड़ी भारत की चिंताओं से भी अवगत कराया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी सुरक्षित वापसी भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

रूसी पक्ष द्वारा मोदी-पुतिन वार्ता के बारे में जारी किए गए एक बयान में कहा गया कि मोदी ने वर्तमान में यूक्रेन में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायता मांगी, जिस पर राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि "आवश्यक निर्देश" दिए जाएंगे।

पीएमओ ने कहा कि नेताओं ने सहमति व्यक्त की कि उनके अधिकारी और राजनयिक दल सामयिक हितों के मुद्दों पर नियमित संपर्क बनाए रखेंगे।

मोदी-पुतिन वार्ता के बारे में रूसी बयान में कहा गया कि बातचीत के दौरान पुतिन ने डोनबास की नागरिक आबादी के खिलाफ "कीव की आक्रामक कार्रवाई" के बुनियादी आकलन के साथ-साथ मिन्स्क समझौतों को तोड़ने के उद्देश्य से यूक्रेन की "विनाशकारी नीति" को रेखांकित किया।

रूस के बयान में कहा गया, "इन परिस्थितियों में, और रूस के लिए अस्वीकार्य यूक्रेन के क्षेत्र में अमेरिका तथा उसके नाटो सहयोगियों के सैन्य घटनाक्रम के चलते एक विशेष सैन्य अभियान शुरू करने का निर्णय लिया गया।"  

बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्टीकरण के लिए धन्यवाद दिया और वर्तमान में यूक्रेन में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायता मांगी।

इसमें कहा गया कि राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि आवश्यक निर्देश दिए जाएंगे।

बयान में कहा गया कि दिसंबर 2021 में आयोजित रूस-भारत शिखर सम्मेलन के संदर्भ में द्विपक्षीय सहयोग के कुछ मुद्दों पर बात हुई।

भारत सभी देशों के वैध सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए तनाव कम करने के लिए दबाव बना रहा है।

मोदी-पुतिन के बीच टेलीफोन पर बातचीत रूसी हमले के बाद यूक्रेन द्वारा भारत का समर्थन मांगे जाने के कुछ घंटों बाद हुई।

पुतिन से प्रधानमंत्री मोदी की इस वार्ता से पहले यूक्रेन ने कहा था कि रूस के साथ भारत के विशेष संबंध हैं और स्थिति को सामान्य बनाने के लिए वह अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकता है।

यूक्रेन पर रूसी हमलों में आई तेजी के बाद भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने कहा कि रूस के सैन्य आक्रमण के कारण उत्पन्न संकट पर भारत के रुख को लेकर उनका देश (यूक्रेन) ‘काफी असंतुष्ट’ है। साथ ही उन्होंने स्थिति को सामान्य बनाने के लिए भारत से समर्थन मांगा।

पोलिखा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन कुछ गिने-चुने नेताओं में शामिल शामिल हैं, जिनकी बात रूसी राष्ट्रपति पुतिन सुनते हैं तथा नयी दिल्ली, मास्को के साथ इस निकटता का उपयोग स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए कर सकती है।

पुतिन से बातचीत से पहले प्रधानमंत्री ने सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) की बैठक की अध्यक्षता की और इसमें भारतीयों की सुरक्षित वापसी पर जोर दिया।

इस अहम बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हुए।

आधिकारिक सूत्रों की ओर से जारी एक वीडियो के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और हरदीप सिंह पुरी भी इस बैठक में शामिल हुए। हालांकि गोयल और पुरी सीसीएस के सदस्य नहीं हैं।

बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पी के मिश्रा सहित कई शीर्ष स्तरीय अधिकारी भी उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा एवं प्रतिबंधों को नजरंदाज करते हुए रूस ने बृहस्पतिवार को यूक्रेन पर आक्रमण कर दिया और उसके शहरों तथा सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले और गोलीबारी की। यूक्रेन सरकार के मुताबिक, रूसी टैंक और सैनिक सीमा पर घूम रहे हैं। यूक्रेन ने रूस पर ''पूर्ण युद्ध'' छेड़ने का भी आरोप लगाया।

यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई की घोषणा के साथ ही पुतिन ने अन्य देशों को चेतावनी भी दी कि रूसी कार्रवाई में किसी प्रकार के हस्तक्षेप के प्रयास के ‘‘ऐसे परिणाम होंगे, जो उन्होंने कभी नहीं देखे होंगे।''

बहरहाल, यूक्रेन में तेजी से बदलती स्थिति पर भारत करीब से नजर रख रहा है। सरकार की प्राथमिकता वहां फंसे भारतीयों, विशेषकर वहां पढ़ रहे छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

यूक्रेन की राजधानी कीव में भारतीय दूतावास ने यूक्रेन में सभी भारतीय नागरिकों को शांति बनाए रखने और सुरक्षित रहने की सलाह दी है। इस सिलसिले में दूतावास की ओर से आज भी एक परामर्श जारी किया गया।             

यूक्रेन में 20,000 से अधिक भारतीय फंसे हुए हैं। इनमें अधिकतर छात्र हैं। महाराष्ट्र, केरल, हरियाणा, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक और उत्तराखंड सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और विभिन्न राजनीतिक दलों ने सरकार से यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।

(एपी इनपुट के साथ)

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