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अपनी गायकी से दिलों को जीतने वाले एसपी बालासुब्रमण्यम का कोरोना से निधन

कोविड-19 से 74 साल की उम्र में बालासुब्रमण्यम का चेन्नई के एक अस्पताल में निधन हो गया। उन्होंने तमिल और अपनी मातृभाषा तेलुगू, हिंदी समेत 16 भाषाओं में गाने गए।
एसपी बालासुब्रमण्यम

चेन्नई: पार्श्व गायक एस पी बालासुब्रमण्यम ने अपनी सुरीली आवाज से कई पीढ़ियों के दिलों पर राज किया। उन्होंने हिंदी, तमिल, तेलुगू समेत विभिन्न भाषाओं में गाने गाए और कई पुरस्कार भी जीते।

कोरोना वायरस की चपेट में आए मशहूर गायक एस. पी. बालासुब्रमण्यम का शुक्रवार को एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। अगस्त में संक्रमण की पुष्टि के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

बालासुब्रमण्यम के बेटे एवं फिल्मकार एस. पी. चरण ने पत्रकारों को बताया कि महान गायक (74) ने दोपहर करीब एक बजकर चार मिनट पर अंतिम सांस ली।

कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद पांच अगस्त से बालासुब्रमण्यम का यहां एमजीएम हेल्थकेयर अस्पताल में इलाज जारी था।

हालत बिगड़ने के बाद उन्हें जीवनरक्षक प्रणाली और ईसीएमओ (एक्स्ट्राकोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सिडेशन सपोर्ट) पर रखा गया था।

बालासुब्रमण्यम ने अपने पांच दशक से अधिक लंबे करियर में अपनी गायकी से लाखों दिलों को जीता।

कई राष्ट्रीय और राज्यों के पुरस्कार के साथ ही पद्म श्री और पद्म भूषण से भी उन्हें नवाजा गया। उन्होंने पांच दशक के अपने करियर में कई पीढ़ी के संगीतकारों के साथ काम किया और 40,000 से ज्यादा गाने गाए। बाद के दिनों में वह कई रियल्टी शो से भी जुड़े।

एस पी बालासुब्रमण्यम का पूरा नाम श्रीपति पंडिताराध्याउला बालासुब्रमण्यम था। मोहम्मद रफी के गानों से प्रभावित बालासुब्रमण्यम ने हजारों सदाबहार गाने गाए । सभी तरह के गानों को उन्होंने अपनी आवाज दी, चाहे खुशी के नगमें हो या दर्द भरे गीत। उन्होंने 1966 में पहला गीत गाया था।

वर्ष 1969 में एमजीआर अभिनीत ‘अदिमाईपेन’ में उनका गाया ‘अयराम निलावे वा’ बहुत लोकप्रिय रहा और उसके बाद वह बुलंदियों को छूते गए ।

शास्त्रीय गायन में औपचारिक प्रशिक्षण नहीं होने के बावजूद उन्होंने जिन ऊंचाइयों को छुआ, वहां तक कई प्रशिक्षित गायक भी नहीं पहुंच पाते हैं।

उनका जन्म आंध्रप्रदेश के नेल्लौर में चार जून 1946 को हुआ था। प्रख्यात संगीतकार इलैयाराजा समेत उनके कई दोस्त उन्हें प्यार से ‘बालू’ कहकर बुलाते थे।

पिछले वर्षों में बालासुब्रमण्यम ने कहा था, ‘‘मैं सिनेमा जगत में नहीं आना चाहता था। साठ के दशक में मैं एक इंजीनियर बनना चाहता था। चाहता था कि 250 रुपये वेतन मिले और मेरे पास एक जीप हो।’’

उन्होंने एम एस विश्वनाथन, इलैया राजा, ए आर रहमान समेत कई संगीतकारों के साथ काम किया और पी सुशीला, एस जानकी, वाणी जयराम और चित्रा समेत अन्य गायिकाओं के साथ युगल गाने भी गाए। बालासुब्रमण्यम को गानों के लिए छह राष्ट्रीय पुरस्कार मिले।

संगीतकार इलैयाराजा के साथ उनकी बहुत प्रगाढ दोस्ती थी। गायक के जे येसुदास के प्रति भी वह बहुत स्नेह रखते थे और उन्हें ‘गुरु’ कहकर पुकारते थे । बालासुब्रमण्यम की बहन एस पी शैलजा भी गायिका हैं। बालासुब्रमण्यम के पुत्र चरण भी सिनेमा-संगीत क्षेत्र में सक्रिय हैं।

भारतीय संगीत ने एक सुरीली आवाज खो दी : राष्ट्रपति कोविंद

नयी दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रसिद्ध गायक एस पी बालासुब्रमण्यम के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए शुक्रवार को कहा कि उनके निधन से भारतीय संगीत ने एक सुरीली आवाज खो दी जिन्हें उनके असंख्य प्रशंसक ‘गायकी का चांद’ कहते थे।

राष्ट्रपति कोविंद ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘ एस पी बालासुब्रमण्यम के निधन से भारतीय संगीत ने एक बेहद सुरीली आवाज खो दी। उन्हें उनके प्रशंसक उन्हें गायकी का चांद कहते थे। उन्हें पद्म भूषण सहित कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। ’’

उन्होंने कहा ‘‘ मेरी संवेदनाएं बालासुब्रमण्यम के परिवार, मित्र और प्रशंसकों के साथ हैं ।’’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बालासुब्रमण्यम के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि दशकों तक अपनी आवाज से लोगों को मंत्रमुग्ध कर देने वाली इस शख्सियत के दुनिया को अलविदा कहने से सांस्कृतिक दुनिया को काफी नुकसान हुआ है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गायक एसपी बालासुब्रमण्यम के निधन पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि उनकी आवाज सदा जीवित रहेगी।

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