इजरायल के सैनिकों द्वारा बुलडोजर से शव को घसीटने के चलते अंतर्राष्ट्रीय समुमदाय नाराज
समाचार वेबसाइट अल जज़ीरा के अनुसार इज़रायली सैनिकों द्वारा मारे गए एक फिलिस्तीनी नागरिक के परिवार ने सोमवार 24 फरवरी को धार्मिक तरीके से दफन करने के लिए शव को वापस करने की मांग की। मोहम्मद की मां ने न सिर्फ जबरन उनकी हत्या बल्कि उनके शव से बुरा व्यवहार करने को लेकर इज़रायल सरकार पर मानवता के खिलाफ अपराध करने का आरोप लगाया है। उनकी मां ने आगे कहा कि वह चाहती हैं कि मोहम्मद को पास में कहीं दफनाया जाए ताकि वह हमेशा उनकी कब्र पर जा सके।
इजरायल के सुरक्षा बलों ने रविवार 23 फरवरी को गाजा-इज़राइल सीमा के पास एक फिलिस्तीनी व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी और उसके बेजान शरीर को बुलडोजर से घसीटा था। ये दुखद घटना उस वक्त हुई जब लोग घटना स्थल पर जमा हो रहे थे। लोग घायल व्यक्ति को बचाने और उसे अस्पताल ले जाने के लिए घटना स्थल की तरफ जा रहे थे।
इस घटना के ग्राफिक वीडियो ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गुस्से को तेज कर दिया है। इस वीडियो में बुलडोजर के जरिए मृतक फिलिस्तीनी के शव को उसके कपड़ों के सहारे लटका हुआ दिखाया गया है। घटना स्थल पर मौजूद अन्य फिलिस्तीनी कथित रूप से निहत्थे थे लेकिन फिर भी घायल व्यक्ति की मदद करने और उसे हासिल करने की कोशिश में इजरायल के सैनिकों की गोली के चपेट में नहीं आए।
इजरायल की गोलाबारी में दो फिलिस्तीनी नागरिक भी घायल हो गए। इजरायल की सेना ने दावा किया कि उसके सैनिकों ने इस संदेह के आधार पर गोलीबारी की थी कि ये दोनों सीमावर्ती अहाता के पास कोई विस्फोटक उपकरण रखने का प्रयास कर रहे थे। घटना स्थल के आसपास के क्षेत्र में मौजूद एक टैंक भी देखा जा सकता है। गाजा में फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि दोनों लोग को खान यूनिस में यूरोपीय अस्पताल ले जाया गया। उनमें से एक को उसके पैरों में गोली लगी है।
रविवार के घटनाक्रम के बाद इज़राइल में अरब अल्पसंख्यक अधिकार के लिए कानूनी केंद्र (अदाला) ने गोलाबारी और फिलिस्तीनी नागरिक के मारे जाने की आपराधिक जांच की मांग की है जिनके शव को एक बुलडोजर द्वारा खींचा गया था। अदाला ने इज़राइली मुख्य सैन्य अधिवक्ता जनरल शेरोन अफ़ेक को एक पत्र लिखा, जिसमें अंतरराष्ट्रीय कानूनों का हवाला दिया गया जो इस घटना को युद्ध अपराध बताता है। इसमें यह भी कहा गया है कि ये कार्रवाई इजरायल के कानूनों का उल्लंघन करती है।
आगे कहा गया कि "इजरायली सुप्रीम कोर्ट ने पिछले नियमों में मान्यता दी है जो इस मृतक की गरिमा को ठेस पहुंचता है जो इजरायल के मौलिक कानून मानीय गरिमा और स्वतंत्रता का उल्लंघन है।"
फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद (पीआईजे) ने रविवार को एक बयान में कहा कि जिस व्यक्ति की गोली मारकर हत्या की गई वह उसका सदस्य था। उसकी पहचान 27 वर्षीय मोहम्मद अली अल-नईम के रूप में हुई।
साभार : पीपल्स डिस्पैच
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