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ईरान का पलटवार, अमेरिकी सैन्य बेसों पर हमला

ईरान ने जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला लेने के लिए इराक में  22 बैलिस्टिक मिसाइल दागी जहां अमेरिकी सेना और उसके सहयोगी बल ठहरे हुए हैं।
Iran-US tension
Image courtesy: Indian express

ईरान ने इराक स्थित ऐसे कम से कम दो सैन्य अड्डों पर 22 बैलिस्टिक मिसाइल दागी जहां अमेरिकी सेना और उसके सहयोगी बल ठहरे हुए हैं।  बगदाद में अमेरिकी हवाई हमले में ईरान के सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद यह कार्रवाई की गई है। जानकरों का कहना है कि ईरान द्वारा यह हमला कासिम सुलेमानी की मौत पर बदला लेने की भावना से की गयी है।

बताया गया है कि ईरान ने इराक के अनबर प्रांत में स्थित ऐन अल-असद बेस और इरबिल में एक ग्रीन जोन (अमेरिकी सैन्य ठिकानों) पर 22 बैलिस्टिक मिसाइल दागीं। ईरानी मीडिया ने दावा किया है कि इन हमलों में 80 ‘अमेरिकी आतंकी’ मारे गए। हाल ही में ईरान ने अमेरिका की सभी सेनाओं को आतंकी घोषित कर दिया है।

ईरान स्टेट टीवी ने रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स के हवाले से दावा किया कि हमले में अमेरिकी हथियारों और हेलिकॉप्टरों को नुकसान पहुंचा है। ईरान के निशाने पर अभी 100 अमेरिकी ठिकाने और हैं। अगर अमेरिका ने पलटवार की कोशिश की, तो वह इन ठिकानों पर हमला करेगा।

इराकी सेना ने कहा कि ईरान ने दोनों बेसों पर कुल 22 मिसाइलें दागी थीं। इनमें ऐन अल-असद बेस पर गिरी दो मिसाइलों में धमाका नहीं हुआ। नॉर्वे ने कहा है कि अल-असद बेस पर तैनात उसके 70 सैनिकों में से कोई हताहत नहीं हुआ। डेनमार्क ने भी कहा है कि उसके 130 जवानों में से किसी के मारे जाने या घायल होने की खबर नहीं है।

हमलों के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट कर कहा था, “अभी सब ठीक है। ईरान ने इराक स्थित दो मिलिट्री बेस पर मिसाइल लॉन्च कीं। नुकसान और मौतों का जायजा लिया जा रहा है। अब तक सब ठीक है। हमारे पास दुनिया की सबसे ताकतवर सेना है। मैं कल सुबह इस मामले पर बयान जारी करुंगा।”

ईरान की सरकारी मीडिया के मुताबिक, यह हमले जनरल सुलेमानी की हत्या का बदला लेने के लिए किए जा रहे हैं। ईरान के रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने बयान जारी कर कहा, “हम अमेरिका के सभी साथियों को चेतावनी देते हैं कि वे एक आतंकी सेना को अपने बेस इस्तेमाल न करने दे। अगर उनके किसी भी क्षेत्र को ईरान के खिलाफ हमले में इस्तेमाल किया गया, तो उसे निशाना बनाया जाएगा।” ईरान ने धमकी दी है कि अगर अमेरिका इन हमलों का जवाब देता है, तो उसकी हिज्बुल्ला सेना इजराइल पर रॉकेट दागेगी। ईरान की फार्स न्यूज एजेंसी ने बताया कि रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने अमेरिकी बेसों पर हमले के लिए फतेह-313 मिसाइलें इस्तेमाल कीं। यह जमीन से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें हैं। इनकी रेंज 300 किमी. तक है।

ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने हमलों के बाद ट्वीट में कहा, “ईरान ने आत्मरक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र चार्टर के आर्टिकल 51 के तहत कदम उठाए। हमने उन बेसों को निशाना बनाया, जिनका इस्तेमाल हमारे नागरिकों और वरिष्ठ अफसरों को निशाना बनाने के लिए किया गया। हम युद्ध नहीं बढ़ाना चाहते, लेकिन किसी भी आक्रमण के खिलाफ अपनी रक्षा करेंगे।

इन सबके बीच भारत में ईरान के राजदूत अली चेगेनी ने कहा है कि हम युद्ध नहीं चाहते। हम क्षेत्र में सभी के लिए शांति और समृद्धि चाहते हैं। ऐसे में भारत अगर ईरान और अमेरिका के बीच शांति की पहल करता है, तो हम उसका स्वागत करते हैं। इसके साथ  भारत ने इराक जाने वाले नागरिकों के लिए ट्रैवल वॉर्निंग जारी की है। इसमें कहा गया है कि अगर जरूरी न हो तो भारतीय इराक न जाएं। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इराक में रहने वाले भारतीय सतर्क रहें। वे इराक में भी सफर करने से बचें। बगदाद स्थित दूतावास और इरबिल स्थित वाणिज्य दूतावास उनकी मदद के लिए सेवा में रहेंगे।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

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