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ईरान ने फ़ारस की खाड़ी क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य गतिविधियों पर चिंता जताई

पिछले कुछ हफ्तों में इस क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाने के बाद अमेरिका ने मंगलवार को फारस की खाड़ी के ऊपर अपने दो बी-52 बमवर्षक विमान उड़ाए।
ईरान

ईरान के विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ़ ने बुधवार 30 दिसंबर को अमेरिका को इस क्षेत्र में किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई से परहेज करने की चेतावनी दी क्योंकि यह इस तरह के किसी भी कार्रवाई के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होगा। ज़रीफ़ कतर के उपप्रधान मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान से बात कर रहे थे। इस खबर के बीच यह चेतावनी दी गई है कि अमेरिका ने बुधवार को फारस की खाड़ी के ऊपर अपने रणनीतिक दो बी-52 बमवर्षक विमानों को उड़ाया।

इन दो बी-52 बमवर्षक विमानों ने ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या की बरसी से तीन दिन पहले बुधवार को उत्तरी डकोटा स्थित अमेरिकी वायु सेना से चक्कर लगाया था।

3 जनवरी 2019 को बगदाद हवाई अड्डे के पास ड्रोन हमले में अमेरिका द्वारा इराक में पॉपुलर मोबलाइजेशन फोर्स के कमांडर अब्द महदी अल-मुहांडिस के साथ ईरानियन रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के कमांडर सुलीमनी को मार गिराया गया था। जवाबी कार्रवाई में ईरान ने इराक में एक सैन्य अड्डे पर मिसाइलें दागी थीं जहां अमेरिकी सैनिक तैनात थे। ईरान इस घटना को याद कर रहा और दोषी को पकड़ने की अपनी प्रतिज्ञा को दोहरा रहा है।

गुरुवार 31 दिसंबर को एक ईरानी अधिकारी ने कहा कि ईरान ने जनरल सुलेमानी की हत्या के लिए जिम्मेदार 48 लोगों की पहचान की है और उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू करने जा रहा है।

हालांकि अमेरिकी केंद्रीय कमान ने बमवर्षकों की उड़ान को "रक्षात्मक कदम" बताया है। हालांकि, पिछले कुछ हफ्तों से अमेरिका ने फारस की खाड़ी क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाई है। इसने सोमवार को आठ साल के अंतराल के बाद इस क्षेत्र में दो युद्धपोतों के साथ एक परमाणु-संचालित पनडुब्बी यूएसएस जॉर्जिया तैनात किया है।

नवंबर के अंतिम सप्ताह में अमेरिका ने इराक से वापस होने वाले अमेरिकी सैनिकों को सुरक्षा देने के लिए अपने यूएसएस निमिट्ज विमान वाहक को तैनात किया था। ट्रम्प प्रशासन ने इराक से अपने 500 सैनिकों के वापसी की घोषणा की थी जिससे देश में अमेरिकी सैनिकों की कुल संख्या 3,000 से घटकर 2,500 हो जाएगी।

पिछले हफ्ते ट्रम्प ने भी बगदाद में अमेरिकी दूतावास पर हमले के बाद ईरान के खिलाफ युद्ध की धमकी दी थी। इस कार्रवाई के लिए ईरान को ज़िम्मेदार ठहराते हुए ट्रम्प ने धमकी दी थी कि ऐसे हमलों में कोई भी अमेरिकी कर्मी मारे जाने की स्थिति में वह ईरान पर हमला करेगा।

पिछले साल सुलेमानी की हत्या के बाद से ईरान अधिक से अधिक क्षेत्रीय सहयोग और इस क्षेत्र से सभी विदेशी सैनिकों की वापसी पर जोर दे रहा है।

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