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इज़रायली सुप्रीम कोर्ट ने शेख़ जर्राह जबरन बेदख़ली मामले पर फ़ैसला स्थगित किया

अदालत ने फ़िलिस्तीनियों को एक समझौते की पेशकश की जिसके अनुसार फ़िलिस्तीनी इस भूमि के यहूदी स्वामित्व को स्वीकार करने के बदले में अगली तीन पीढ़ियों के लिए अपने घरों में रह सकते हैं।
इज़रायली सुप्रीम कोर्ट ने शेख़ जर्राह जबरन बेदख़ली मामले पर फ़ैसला स्थगित किया

इज़रायल के सुप्रीम कोर्ट ने कब्जे वाले पूर्वी येरुशेलम के पास शेख जर्राह के फिलिस्तीनी निवासियों के जबरन बेदखली के मामले में अंतिम फैसला देने को स्थगित कर दिया है। कई मीडिया संस्थानों ने सोमवार 2 अगस्त ये रिपोर्ट प्रकाशित किया। लगभग 70 लोगों वाले चार फिलिस्तीनी परिवारों ने इजरायली अधिकारियों द्वारा उन्हें अवैध तरीके से खाली कराने के खिलाफ एक अपील दायर किया था। चरमपंथी इजरायली सेटलर समूह ने दावा किया था ये भूमि मूल रुप से यहूदियों की है।

इज़रायल में निचली अदालतों ने बेदखली के लिए हरी झंडी दे दी थी जिससे यह आशंका पैदा हो गई थी कि शेख जर्राह और पूर्वी येरुशेलम के आसपास के सैकड़ों अन्य परिवारों को अगली बार निशाना बनाया जाएगा जिसको लेकर फिलिस्तीन समर्थक एक्टिविस्टों और मानवाधिकार संगठनों ने कहा कि इजरायल का लक्ष्य धीरे-धीरे और लगातार नस्लीय रूप से फिलिस्तीनियों के क्षेत्र को साफ करना और इस क्षेत्र को 'यहूदी क्षेत्र बनाना' है।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपनी टिप्पणी में कहा कि इस मामले में अंतिम निर्णय लेने के लिए उसे और समय चाहिए और उसे इस मामले में दोनों विरोधी पक्षों की और दलीलें सुनने की जरूरत है। रिपोर्ट के मुताबिक सात दिनों के बाद एक और सुनवाई निर्धारित की गई है। इस फैसले को स्थगित करने का निर्णय तब भी आया जब अदालत ने एक 'समझौता' प्रस्ताव के रूप में पेश किया था, जिसमें फिलिस्तीनियों को अपनी जमीन का स्वामित्व नहलत शिमोन सेटलर समूह को देने और 'संरक्षित किरायेदारों' की स्थिति प्राप्त करने के बदले में प्रतीकात्मक किराए का भुगतान करने के लिए कहा गया था। इस स्थिति से फिलिस्तीनी परिवार बेदखली से सुरक्षित रहेंगे और उनकी अगली तीन पीढ़ियों को उनके घरों में रहने की अनुमति होगी। फिलीस्तीनियों ने फौरन और पूरी तरह से इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

इस मामले में मौलिक फैसला मई में दिया जाना था। इस साल अप्रैल और मई के महीनों में, इजरायली सुरक्षा बलों और चरमपंथी यहूदी सेटलर्स द्वारा फिलिस्तीनियों को जबरन बेदखल करने और उन्हें डराने के लिए हिंसक प्रयास किए गए, जिसके कारण उनके घरों की रक्षा करने के लिए हजारों अन्य लोगों के साथ-साथ फिलिस्तीनी निवासियों द्वारा बड़े पैमाने पर प्रदर्शन और धरना प्रदर्शन किया गया।।

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