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ब्राज़ील में अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों पर टैक्स लगाना बेहद ज़रूरी  

ब्राज़ील में एक नए टैक्स सुधार कार्यक्रम में अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों की खपत को कम करने के लिए टैक्स पर विचार किया गया है, जो प्रति वर्ष 57,000 मौतों का जिम्मेदार है लेकिन इंडस्ट्री इसका विरोध कर रहा है।
Brazil
फोटो :माइक मोजार्ट सीसी-बाय-डीड 2.0

पिछले साल दिसंबर में ब्राजील सरकार द्वारा प्रस्तावित टैक्स सुधार को मंजूरी दे दी गई। सुधार में एक महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल है कि: स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए हानिकारक उत्पादों पर चुन कर टैक्स लगाना, उनके इस्तेमाल को हतोत्साहित करना। इस प्रावधान को लागू करने के बारे में किसी भी विवरण को अभी तक परिभाषित नहीं किया गया है – यह अभी तय किया जाना बाकी है कि किन उत्पादों पर टैक्स लगाया जाएगा, और उस सूची को नए टैक्स को विनियमित करने वाले पूरक कानून में परिभाषित भी किया जाना है।

अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ (यूपीएफ) की मुख्य उत्पाद श्रेणियों को भविष्य में टैक्स का सामना करना पड़ेगा। उन्हें बनाने वाला उद्योग पहले से ही पर्दे के पीछे से काम कर रहा है और कानून में यूपीएफ को शामिल करने के खिलाफ लड़ रहा है। अंततः, यूपीएफ पर टैक्स लगाने या न लगाने का निर्णय वित्त मंत्रालय के हाथ में होगा, जिसने इस विधेयक को तैयार किया है, और आखिरी निर्णय राष्ट्रीय कांग्रेस का होगा, जो इसके अनुमोदन पर निर्णय लेगी।

शोधकर्ता, एक्टिविस्ट और स्वास्थ्य एवं खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र के अग्रणी लोग मिलकर यह सुनिश्चित करने का काम कर रहे हैं कि ब्राजील में लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करने का यह मौका बर्बाद न हो। पिछले हफ्ते, ऐसे कार्यकर्ताओं से बनी एक पहल ने एक स्वस्थ टैक्स में सुधार के घोषणापत्र को लॉन्च किया, जिसमें तर्क दिया गया था कि "सिगरेट और मादक पेय पदार्थों के साथ-साथ अल्ट्रा-प्रोसेस्ड उत्पादों पर भी चुनिन्दा ढंग से टैक्स लगाना चाहिए।" उनका तर्क है कि "विभिन्न अध्ययनों से पता चलता है कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक उत्पादों की खपत को हतोत्साहित करने के लिए टैक्स सुधार सबसे प्रभावी सार्वजनिक नीति है।" हस्ताक्षरकर्ताओं में से एक, स्वास्थ्य विशेषज्ञ और ब्राज़ीलियाई स्वास्थ्य नियामक एजेंसी, अनविसा के संस्थापक, गोंज़ालो वेसिना ने आउट्रा साउदे को बताया कि "आगे का रास्ता राजस्व पैदा करने के लिए एक तरह का टैक्स लगाना है जिसका इस्तेमाल सार्वजनिक नीतियों का समर्थन करने के लिए किया जाएगा।"

इस कार्रवाई में दो पूर्व स्वास्थ्य मंत्री भी हिस्सा ले रहे हैं। उनमें से एक, जोस गोम्स टेम्पोराओ ने आउट्रा साउदे को बताया कि "यह मुद्दा नई पीढ़ियों के भविष्य के लिए बिल्कुल केंद्रीय है, क्योंकि यह यूपीएफ के कारण होने वाली अनगिनत पुरानी बीमारियों की रोकथाम को संदर्भित करता है"। उसी क्रम में, जब ब्राजील की आबादी के लिए आहार दिशानिर्देश पेश किए गए थे, उस समय स्वास्थ्य पोर्टफोलियो के लिए जिम्मेदार आर्थर चियोरो ने कहा था कि "इस उपाय के बिना, हम स्वास्थ्य प्रणाली (एसयूएस) पर पुरानी बीमारियों के बोझ से निपटने में सक्षम नहीं होंगे।" 

हम किन आहार प्रथाओं को प्रोत्साहित करना चाहते हैं?

यह सब जानते हैं कि अस्वास्थ्यकर उत्पादों के निर्माता बड़े पैमाने पर बिक्री को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न हथकंडे अपनाते हैं। उनकी एक रणनीति सकारात्मक वैज्ञानिक कवरेज खरीदना है: कुछ मिलियन डॉलर और कुछ मिलीभगत वाले शोधकर्ताओं के साथ मिलकर, इस बात को भ्रामक रूप से फैलाना संभव है, उदाहरण के लिए, कि शराब दिल के लिए अच्छी है और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ भूख की समस्या का समाधान हैं। 

लेकिन मुख्य रणनीति राज्य से टैक्स छूट की मांग करना है। आज, ब्राज़ीलियाई टैक्स  संरचना से औद्योगिकीकृत खाद्य पदार्थों को अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में अधिक लाभ होता है, उन्हें कम टैक्स चुकाना पड़ता है। इस तथ्य से निपटने के लिए यह पहल यूपीएफ पर टैक्स लगाने की तैयारी के लिए है।

यदि कोई लोगों की भलाई पर यूपीएफ की खपत के प्रभावों पर विचार करता है, तो यह जानकारी कि ऐसे उत्पादों को अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में अधिक कर सुरक्षा वाला बताया जाता है, जो बहुत विरोधाभासी लगती है। डोसे वेनेनो (मीठा जहर) अभियान इस बारे में चेतावनी देता है कि, "प्रति वर्ष 57,000 मौतें अति-प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की खपत के कारण होती हैं, और फिर भी इन उत्पादों को अभी भी टैक्स प्रोत्साहन मिलता है।" इस अभियान को "सॉसेज, स्नैक्स, शीतल पेय, भरवां कुकीज़" जैसे खाद्य पदार्थों के कराधान के समर्थन में संगठन एसीटी प्रोमोकाओ दा साउदे द्वारा प्रचारित किया गया है।

जैसा कि पूर्व मंत्री आर्थर चियोरो ने कहा था, भोजन पर टैक्स की वर्तमान संरचना "उन लोगों के लिए ख़ुशी की बात है जो एक ऐसे उद्योग के माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य का शोषण करते हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक उत्पादों का विपणन करता है।"

मुद्दे से निपटने और पूरक कानून को प्रभावित करने के लिए, पहल ने प्रस्तावों की एक श्रृंखला सामने रखी है: सबसे पहले यह सुनिश्चित करना कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड उत्पाद चयनात्मक कर के दायरे में आए; हानिकारक उत्पादों का उत्पादन करने वाले उद्योगों के लिए सब्सिडी और टैक्स लाभों पर प्रतिबंध लगाना; और स्वस्थ खाद्य पदार्थों की खपत को बढ़ावा देने के लिए तंत्र बनाना, जिसमें आम जन की पहुंच में सुधार लाने के लिए कम कर दर पर उत्पाद उपलब्ध कराना भी शामिल है।

जोस गोम्स टेम्पोराओ ने संक्षेप में कहा कि ब्राजीलियाई लोगों की थाली में बदलाव इस विचार से शुरू होना चाहिए कि "अच्छी गुणवत्ता वाला भोजन सस्ता होना चाहिए और जो भोजन आपके स्वास्थ्य के लिए खराब है वह बहुत महंगा होना चाहिए।"

वैज्ञानिक और स्वास्थ्य संबंधी तर्क, कराधान के पक्ष में हैं

चयनात्मक कराधान की शुरूआत के पीछे का तर्क राजनीतिक विचारों तक सीमित नहीं है, एक ऐसे उद्योग का सामना करना चाहते हैं जो बहुत अधिक नुकसान पहुंचाता है और समाज को बहुत कम वापस देता है। अधिवक्ता बताते हैं कि कई तकनीकी तर्क, तर्क के इस विचार का समर्थन करते हैं।

ऐसे तर्कों में से एक अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों की खपत के कारण प्रति वर्ष 57,000 मौतों का उपरोक्त आंकड़ा है। यह आंकड़ा सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजिकल रिसर्च इन न्यूट्रिशन एंड हेल्थ (नुपेंस) के एक अध्ययन से आया है, जो साओ पाउलो विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ का एक अध्ययन समूह है - जो नोवा खाद्य वर्गीकरण के निर्माता हैं। यह प्रणाली औद्योगिक प्रसंस्करण के स्तर के अनुसार खाद्य पदार्थों को वर्गीकृत करती है, और आजकल एक विश्वव्यापी संदर्भ का प्रतिनिधित्व करती है।

मौतों की संख्या महत्वपूर्ण है और हजारों जिंदगियों पर यूपीएफ के भारी प्रभाव को स्पष्ट रूप से दर्शाती है। इनमें से अधिकतर मौतें मधुमेह, कैंसर और हृदय समस्याओं जैसी पुरानी गैर-संचारी बीमारियों से जुड़ी हैं। नुपेंस के अनुसार औद्योगिकीकृत भोजन से शरीर में ऐसी बीमारियों के विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है।

टेंपोराओ और अर्थशास्त्री मोनिका डी बोले के साथ लिखे एक लेख में, नुपेंस के समन्वयक कार्लोस मोंटेइरो बताते हैं कि मेक्सिको और फ्रांस जैसे कई देश जिन्होंने अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों या शर्करा पेय पर टैक्स लगाने की पहल की है, वे अपनी खपत को कम करने और सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियों के लिए वित्त पोषण बढ़ाने में सफल रहे हैं। 

ब्राज़ीलियाई आबादी के लिए आहार संबंधी दिशानिर्देश, जो स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा नुपेंस के साथ मिलकर तैयार किए गए थे और 2014 में प्रकाशित हुए थे, पहले से ही सिफारिश करते हैं कि आहार मुख्य रूप से ताजा और न्यूनतम प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों पर आधारित होना चाहिए - और राज्य को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आम आबादी के लिए आसानी से सुलभ हो। 

पूर्व मंत्री कहते हैं कि दिशानिर्देश पेश करने से, "ब्राजील ने दुनिया को स्वस्थ भोजन के मामले में एक सफलता, एक नया प्रतिमान पेश किया है जिसका कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है और यह डब्ल्यूएचओ और एफएओ के लिए एक संदर्भ बन गया है।" खाद्य कराधान का पुनर्गठन, अच्छे भोजन को सस्ता और अस्वास्थ्यकर भोजन को अधिक महंगा बनाना, पूरी तरह से ऐसे दिशानिर्देशों के अनुरूप होगा।

अभी हाल ही में, पिछले साल जून से एक तकनीकी नोट में, स्वास्थ्य मंत्रालय के वर्तमान नेतृत्व ने ठोस वैज्ञानिक आधारों का हवाला देते हुए "स्वास्थ्य के लिए हानिकारक उत्पादों पर विशिष्ट टैक्स लगाने" की सूची सदस्यों से ली है। 

वह दस्तावेज़ इस साक्ष्य को आधार बनाकर बताता है कि "धूम्रपान, शराब का सेवन और अपर्याप्त आहार, उन पुरानी गैर-संचारी बीमारियों के विकास में सबसे बड़ा जोखिम कारक हैं", जो बीमारियां पहले से ही ब्राजील की 50 फीसदी से अधिक आबादी को अपनी गिरफ्त में ले चुकी हैं।

अंतरराष्ट्रीय अनुभव तो यही बताते हैं कि, यूपीएफ की खपत को कम करने का सबसे प्रभावी तरीका उन पर टैक्स लगाना है। उद्योग जो दावा कर रहा उसके विपरीत, यह टैक्स प्रतिगामी नहीं होगा, जो मुख्य रूप से गरीबों को प्रभावित करेगा। तकनीकी नोट में कहा गया है कि, "इसका शुद्ध प्रभाव प्रगतिशील है, क्योंकि सबसे कमजोर लोग यूपीएफ का इस्तेमाल करना बंद कर देंगे और टैक्स के माध्यम से इकट्ठा किए गए राजस्व को निम्न सामाजिक-आर्थिक स्तर पर आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।"

मंत्रालय ने यह भी कहा है कि ये उपाय, स्वास्थ्य के प्रति हानिकारक उत्पादों से पैदा होने वाले "नकारात्मक बाहरीताओं को ठीक करने" में योगदान देगा। यह कर अस्वास्थ्यकर उत्पादों की खपत के कारण होने वाले भारी सार्वजनिक खर्च के प्रति संतुलन के रूप में काम करेगा। उदाहरण के लिए, राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (आईएनसीए) के अनुसार, धूम्रपान से एसयूएस को करीब 10 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का वार्षिक नुकसान होता है। आईएनसीए के एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि एसयूएस को 34 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक की लागत का हवाला दिया गया है, जो 2018 में शराब के सेवन से जुड़े कैंसर के उपचार से पैदा हुई थी। एसयूएस डेटा के अनुसार, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के वित्तीय प्रभाव का अभी भी कोई समूचा अनुमान नहीं लगाया गया है, लेकिन लगभग 50 फीसदी आबादी में कम से कम एक व्यक्ति एनसीडी का शिकार है - और ये बीमारियां प्रति वर्ष 700,000 से अधिक लोगों की मौत का कारण बनती हैं।

गोंजालो वेसीना की माने तो, नए टैक्स की शुरूआत जरूरी है, लेकिन इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य शिक्षा अभियानों के साथ चलाना चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि, "अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों पर टैक्स और लेबल लगाया जाना चाहिए ताकि नागरिकों को पूरी तरह से पता चले कि उनका सेवन कितना खतरनाक है।"

वित्त मंत्रालय से मिले-जुले संकेत

चयनात्मक टैक्स की शुरुआत की दिशा में अगला कदम उस विधेयक को पेश करना है जो इसे रेगुलेट करेगा, और यह काम वित्त मंत्रालय को सौंपा गया है।

फिर भी, टैक्स सुधार को मंजूरी मिले तीन महीने बीत चुके हैं, और विधेयक अभी भी पेश नहीं किया गया है। सरकार की ओर से बिल न लाए जाने से, उद्योग से मजबूत संबंध रखने वाले उद्यमिता संसदीय मोर्चा ने सोमवार, 18 मार्च को अपना प्रस्ताव पेश किया था। प्रस्ताव में सूची से कई उत्पादों को हटाया गया है और जो टैक्स के दायरे को बहुत कम कर देता है।

इससे भी बदतर, ऐसी रिपोर्टें मिल रही हैं कि ट्रिजरी को डर है कि टैक्स खजाने के लिए समस्याएं पैदा कर सकता है। ऐसी रिपोर्टें दर्शाती हैं कि टैक्स के पीछे की वास्तविक प्रेरणा, लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा और टैक्स संग्रह की अमूर्त समझ के बीच एक बेमेल साबित हो सकती है।

घोषणापत्र कहता है कि "अल्ट्रा-प्रोसेस्ड उत्पादों पर चयनात्मक टैक्स लागू करने से देश को पर्याप्त और स्वस्थ भोजन के अधिकार की गारंटी देने में महत्वपूर्ण प्रगति करने का अवसर" का सामना करना पड़ रहा है। आने वाले हफ्तों में, फर्नांडो हद्दाद के वित्त मंत्रालय और राष्ट्रीय कांग्रेस को यह दिखाने करने का अवसर मिलेगा कि क्या उन्होंने इस ऐतिहासिक पल की तात्कालिकता को ठीक से समझा है।

रिपोर्ट गुइलहर्मे अरुडा द्वारा लिखी गई थी और आउट्रा साउदे में पुर्तगाली में प्रकाशित हुई थी।

साभार: पीपल्स डिस्पैच
 

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