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अदालत का जेट एअरवेज के नरेश गोयल को विदेश जाने की अनुमति देने से इंकार, लुक आउट नोटिस पर मांगा जवाब

 इस समय गोयल को कोई अंतरिम राहत नहीं दी जा सकती है और यदि वह तत्काल विदेश यात्रा करना चाहते हैं तो उन्हें गारंटी के तौर 18,000 करोड़ रुपये जमा कराने होंगे।
जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल

 

 दिल्ली उच्च न्यायालय ने जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को बिना पर्याप्त गारंटी के विदेश जाने की छूट देने से मंगलवार को मना कर दिया। अदालत ने साथ ही गोयल की उस याचिका पर सरकार से जवाब तलब किया है जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ ‘लुक आउट सर्कुलर’ (एलओसी) को चुनौती दी है। 
 न्यायाधीश सुरेश कैत ने कहा कि गोयल को फिलहाल कोई अंतरिम राहत नहीं दी जा सकती । वह यदि इस समय विदेश यात्रा करना चाहते हैं तो उन्हें 18,000 करोड़ रुपये की गारंटी जमा करानी होगी।
अदालत ने गोयल के नाम जारी लुक आउट सर्कुलर के खिलाफ दायर उनकी याचिका पर सुनवाई के दौरान यह यह टिप्पणी की। गोयल ने चुनौती दी है कि उन्हें 25 मई को जब दुबई जाने वाले विमान से उतारा गया था उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय या सीबीआई की ओर से कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी थी। 
गोयल ने कहा कि उन्हें लुक आउट सर्कुलर की जानकारी ही 25 मई को तब मिली जब उन्हें और उनकी पत्नी अनीता को दुबई जाने वाले विमान से उतार दिया गया था। वह दुबई होते हुए लंदन जा रहे थे।  अदालत इस मामले पर अगली सुनवाई 23 अगस्त को करेगी।
 गोयल के वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि जब गोयल दंपत्ति को विमान से उतारा गया तो उस समय उनके खिलाफ ऐसी कोई बात नहीं थी जिसके आधार पर कहा जा सके कि वह जांच से बचने के लिए भाग रहे थे। 
 सिंह ने कहा कि छह जुलाई को गोयल के उच्च न्यायालय में यह याचिका दाखिल करने के वक्त तक उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया। जब यह मामला सुनवाई के लिए अदालत के समक्ष आया तभी उन्हें गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) से 10 जुलाई को पेश होने और जांच में सहयोग देने का समन मिल गया।
 उन्होंने कहा कि गोयल का दुबई और लंदन जाना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि वह वित्तीय संकट का सामना कर रही जेट एयरवेज के लिए कोष जुटाना चाहते हैं।
गोयल की याचिका का अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मनिंदर आचार्य और केंद्र सरकार के वकील अजय दिग्पाल ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह 18,000 करोड़ रुपये की गंभीर धोखाधड़ी का मामला है और एसएफआईओ इसकी जांच कर रहा है।
सरकारी वकील ने याचिका पर जवाब देने के लिए समय मांगते हुए अदालत से कहा कि गोयल को जांच में सहयोग करना चाहिए।
गोयल की याचिका के मुताबिक उनके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर एसएफआईओ के कहने पर जारी किया गया है। एसएफआईओ कारपोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत आता है। उन्होंने अपनी याचिका में एलओसी को खत्म करने के साथ-साथ कई ऐसे कार्यालयी दिशानिर्देश हटाने के लिए कहा है जिनकी वजह से उनके यात्रा करने पर प्रतिबंध लगा है।
कारपोरेट मामलों के मंत्रालय का कहना है कि गोयल के खिलाफ एलओसी मंत्रालय की जांच के बाद जारी की गयी है। मंत्रालय ने जेट एयरवेज में बड़े स्तर की अनियमिताएं पायी हैं।
जेट एयरवेज ने नकदी संकट के चलते अप्रैल से परिचालन बंद कर रखा है।
गोयल दंपत्ति ने जेट एयरवेज के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया है। नरेश कंपनी के चेयरमैन का पद भी छोड़ चुके हैं और कंपनी के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। उन्होंने 26 साल पहले इस कंपनी की शुरुआत की थी।
    

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