जादवपुर यूनिवर्सिटी : छात्र संघ चुनाव में वाम समर्थक छात्र संगठनों की जीत, एबीवीपी का अच्छा प्रदर्शन

बंगाल की छात्र राजनीति में वाम मोर्चा का गढ़ कहे जाने वाले जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) के छात्रसंघ चुनावों में वाम समर्थक छात्र संगठनों ने तीन में से दो संकायों में अपना कब्जा बरकरार रखा है। इस बार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) भी यहां अपनी जगह बनाने में कामयाब रही। गुरुवार 20 फरवरी को घोषित हुए छात्र संघ के चुनाव नतीजों में एक संकाय में एबीवीपी ने सीपीएम के छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) को पीछे छोड़ते हुए दूसरे स्थान पर कब्जा जमा लिया।
बता दें कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने चुनाव में पहली बार अपने उम्मीदवार सभी पदों के लिए उतारे थे। परिषद ने अभियांत्रिकी और कला संकाय के केंद्रीय पैनलों के लिए उम्मीदवार उतारे। इन दोनों संकाय के केंद्रीय पैनल में दो उपाध्यक्ष, दो महासचिव और चार सहायक महासचिव के पद हैं। जादवपुर यूनिवर्सिटी के कला, विज्ञान व इंजीनियरिंग विभाग के लिए बुधवार 19 फरवरी को चुनाव हुए थे।
इंजीनियरिंग विभाग में कुल 1405 वोट पड़े, जिनमें से डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फ्रंट (डीएसएफ) को 1167 वोट मिले। एबीवीपी की झोली में 115 वोट आए, वहीं एसएफआइ को 70 वोट मिले यानी एसएफआई को पीछे छोड़कर एबीवीपी ने दूसरा स्थान हासिल कर लिया। एसएफआई तीसरे स्थान पर आ गया। वहीं, तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद को महज 29 वोट के साथ चौथे स्थान पर संतोष करना पड़ा। नोटा के लिए भी 22 वोट पड़े। डीएसएफ का पहले भी इस पर कब्जा था।
इसी तरह विज्ञान विभाग में भी छात्र संगठन ‘वी द इंटिपेंडेंट' (डब्ल्यूयूटीआइ) ने अपना कब्जा बरकरार रखते हुए निकटतम प्रतिद्वंद्वी एसएफआइ को हराया।
बता दें कि कला, विज्ञान व इंजीनियरिंग विभाग के लिए चुनाव बुधवार को हुए थे। छात्र संघ का चुनाव होने के बावजूद जेयू परिसर में पिछले कुछ समय के दौरान हुई घटनाओं के कारण सबकी इसपर नजर थी। पिछले साल यहीं केंद्रीय राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो का छात्रों ने घेराव किया था, जिन्हें छुड़ाने खुद बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को आना पड़ा था।
गौरतलब है कि वर्ष 2016 में राज्य के शिक्षाविभाग की ओर से निर्देशिका जारी कर छात्रसंघ चुनाव बंद करा दिए गए थे। कुल ढाई साल तक राज्य के शिक्षण संस्थानों में छात्रसंघ चुनाव बंद थे। लेकिन छात्र लगातार यूनिवर्सिटी में चुनाव करवाने के लिए आंदोलनरत थे। जिसके बाद बुधवार 19 फरवरी को परिसर में छात्रसंघ का चुनाव हुआ। इस बार के चुनावों में एम.फिल के छात्रों ने भी मतदान किया। इससे पहले एम.फिल के विद्यार्थियों को मतदान का अधिकार नहीं था।
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