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जम्मू-कश्मीर परिसीमन : जम्मू में 6, कश्मीर में 1 विधानसभा सीट बढ़ाने के मसौदे पर राजनीतिक दलों का विरोध

विपक्षी दलों ने आयोग पर आरोप लगाया कि वो बीजेपी के राजनीतिक एजेंडे को उसकी सिफ़ारिशों के तहत तय करने की अनुमति दे रहा है।
J&K

जम्मू-कश्मीर परिसीमन यानी delimitation के प्रस्ताव का अधिकतर विपक्षी दलों ने विरोध किया है। इस मसौदे के तहत जम्मू में 6 और कश्मीर में 1 विधानसभा सीट को बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है।

केंद्रशासित प्रदेश के लिए विधानसभा क्षेत्रों की सीमा को नए सिरे से तय करने के मकसद से गठित परिसीमन आयोग ने 16 सीट अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए आरक्षित करते हुए जम्मू क्षेत्र में 6 नई सीटें और कश्मीर में एक और सीट का प्रस्ताव रखा है। नेशनल कान्फ्रेंस जैसे दलों ने इस पर आपत्ति जताई है।

इन दलों ने आयोग पर आरोप लगाया कि वो बीजेपी के राजनीतिक एजेंडे को उसकी सिफारिशों के तहत तय करने की अनुमति दे रहा है। पीडीपी, जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, जिसे बीजेपी के क़रीबी माना जाता है, ने भी आयोग के मसौदे की सिफारिशों का कड़ा विरोध किया, जो जम्मू कश्मीर के चुनावी नक्शे को बदल देगी। कश्मीर संभाग में फिलहाल 46 और जम्मू में 37 सीट हैं।

सूत्रों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में एसटी के लिए 9 सीट और एससी के लिए 7 सीट का प्रस्ताव रखा गया है. सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना देसाई की अध्यक्षता वाले आयोग की सोमवार को दूसरी बैठक हुई थी. जम्मू-कश्मीर के पांच लोकसभा सांसद आयोग के सहयोगी सदस्य और मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा इसके पदेन सदस्य हैं. नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला समेत पार्टी के 3 सांसद पहली बार आयोग की बैठक में शामिल हुए.

प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह सहित बीजेपी के दो सांसद भी बैठक में मौजूद थे। 

एनडीटीवी में छपी ख़बर के अनुसार सूत्रों ने बताया कि राजनीतिक दलों से सीट संख्या में प्रस्तावित वृद्धि पर 31 दिसंबर तक अपनी राय देने को कहा गया है। पांच दलों वाले गुपकर गठबंधन के अध्यक्ष अब्दुल्ला ने कहा कि वो समूह के साथ-साथ अपनी पार्टी के सहयोगियों को आयोग के विचार-विमर्श के बारे में जानकारी देंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि यह बेहद निराशाजनक है कि आयोग ने आंकड़ों की बजाय बीजेपी के सियासी एजेंडे को आगे बढ़ाने का रास्ता साफ किया है। जम्मू के लिए छह और कश्मीर के लिए सिर्फ 1 नया विधानसभा क्षेत्र तो 2011 की जनगणना के आंकड़ों के हिसाब से उचित नहीं है। पूर्व मंत्री अल्ताफ बुखारी की अध्यक्षता वाली जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी ने भी आयोग के प्रस्ताव को खारिज किया है।

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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