झारखंड सरकार विकसित करेगी ‘जनजातीय विकास डिजिटल एटलस’
रांची: झारखंड सरकार राज्य में रह रहे सभी जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का पता लगाने के लिए जल्द ही एक जनजातीय विकास डिजिटल एटलस विकसित करेगी और विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समुदायों (पीवीटीजी) को सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने में शामिल करने के लिए कदम उठाएगी। एक अधिकारिक बयान में शनिवार, 28 अक्टूबर को यह जानकारी दी गई।
पहले चरण में, पीवीटीजी वाले सभी इलाकों का सर्वेक्षण किया जाएगा।
बयान में कहा गया है, ‘‘मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में एक जनजातीय विकास डिजिटल एटलस तैयार करने के ईमानदार प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि राज्य में रह रहे सभी जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का पता लगाया जा सके।’’
मुख्यमंत्री श्री @HemantSorenJMM के निर्देश पर आदिवासी समूह के लिए ट्राइबल डेवलपमेंट डिजिटल एटलस तैयार किया जा रहा है... pic.twitter.com/sWV59gsVON
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) October 28, 2023
इसमें कहा गया है, ‘‘जनजातीय कल्याण विभाग, जनजातीय विकास डिजिटल एटलस तैयार करेगा, जिसके तहत पहले चरण में सभी पीवीटीजी इलाकों की पहचान और समीक्षा की जाएगी तथा एक डिजिटल ‘जियो लिंक्ड डेटाबेस’ तैयार किया जाएगा। इसके आधार पर प्रमुख सामाजिक-आर्थिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और आजीविका केंद्रित पहलों के कार्यान्वयन के लिए एक व्यापक कार्य योजना को मिशन मोड पर लागू किया जाएगा।’’
इस संबंध में जनजाति कल्याण विभाग जनजातीय कल्याण आयुक्त के माध्यम से तैयारी कर रहा है।
राज्य सरकार पीवीटीजी के सामाजिक बुनियादी ढांचे, आजीविका और स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए कार्य योजना लागू करेगी, ताकि इन जनजातीय समूहों के लोगों को रहने के लिए पक्के मकान, स्वच्छ परिवेश, पाइपलाइन के माध्यम से शुद्ध पेयजल, बिजली/सौर विद्युतीकरण, पेंशन, आयुष्मान कार्ड, पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) और ई-श्रम के लाभ, स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंच, आंगनवाड़ी, शिक्षा, सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता और अन्य सुविधाएं मिल सकें।
पीवीटीजी को सामाजिक-बुनियादी ढांचे में एकीकृत किया जाएगा और उनकी आजीविका संबंधी पारंपरिक गतिविधियों को मजबूत करने के लिए लगातार काम किया जाएगा।
(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।