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जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज में ‘द केरला स्टोरी’ को लेकर कश्मीरी छात्रों पर ‘हमला’

घटना के बाद सोमवार को मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने प्रशासन से न्याय की मांग को लेकर परिसर के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने दावा किया कि प्रशासन अब तक उनकी सुरक्षा चिंताओं को नज़रअंदाज़ कर रहा है।
jammu and kashmir

हाल ही में विवादित फिल्म 'द केरला स्टोरी' को लेकर हुई बहस के बाद जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज के कैंपस हॉस्टल में भीड़ द्वारा कुछ छात्रों पर कथित तौर पर हमला किया गया था जिसके बाद कई छात्र घायल हो गए थे।

चश्मदीदों के मुताबिक, जम्मू के भदेरवाह का रहने वाला एक छात्र हसीब गंभीर रूप से घायल हो गया जब उसने अन्य छात्रों को हमलावरों से बचाने की कोशिश की। नाम न छापने की शर्त पर एक छात्र ने न्यूज़क्लिक को बताया, "उसे लोहे की रॉड से मारा गया था और उसे लगभग 10-12 टांके लगे हैं।"

छात्रों ने कहा कि वे महीनों से कैंपस में डर के साये में जी रहे हैं। उन्होंने कहा कि 'द केरला स्टोरी' जैसी फिल्मों ने विभिन्न समुदायों के छात्रों के बीच केवल वैमनस्य को बढ़ाया है।

घटना के बाद सोमवार को मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने प्रशासन से न्याय की मांग को लेकर परिसर के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने दावा किया कि प्रशासन अब तक उनकी सुरक्षा चिंताओं को नज़रअंदाज़ कर रहा है।

हालांकि, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्होंने घटना का संज्ञान लिया है और मामले की जांच शुरू की है।

छात्रों में से एक ने कहा कि विवाद तब शुरू हुआ जब एक मेडिकल छात्र ने 'एमबीबीएस प्रोफेसर 1 जनरल ग्रुप' नामक एक ऑनलाइन ग्रुप में फिल्म का एक लिंक पोस्ट किया। यह ग्रुप नोट्स, क्लास शेड्यूल और कॉलेज से संबंधित अन्य अपडेट के एक्सचेंज के लिए था। छात्र ने लिंक के साथ एक मैसेज भी पोस्ट किया जिसमें दावा किया गया कि यह फिल्म "जागृत लोगों को अवश्य देखनी चाहिए" और यह फिल्म "वास्तविक घटनाओं" पर आधारित थी, इसका अन्य छात्रों, ज़्यादातर कश्मीरियों ने विरोध किया और तर्क दिया कि यह फिल्म प्रमोशन के लिए सही मंच नहीं था।

एक छात्र ने ग्रुप में लिखा, "यह एक एजुकेशनल ग्रुप है...यहां किसी अन्य धार्मिक या राजनीतिक या किसी भी मुद्दे के लिए कोई गुंजाइश नहीं है...इस तरह के संदेशों को यहां भेजने से परहेज़ करें।"

एक अन्य छात्र ने सुझाव दिया कि "प्रोपेगेंडा फिल्म" "सांप्रदायिक सद्भाव" को प्रभावित करेगी।

हालांकि, छात्रों ने यह बहस वहीं छोड़ दी। उन्होंने दावा किया कि अन्य छात्र, जिन्होंने कैंपस के बाहर से लोगों को बुलाया था, बाद में हॉस्टल में घुस गए और कश्मीरी छात्रों के साथ मारपीट करने लगे।

जे&के स्टूडेंट्स एसोसिएशन के एक्टिविस्ट नासिर खुएहामी ने कहा कि उन्हें हमले के बारे में देर रात कई फोन कॉल आए, जिसके बाद उन्होंने अधिकारियों को हस्तक्षेप करने की सूचना दी।

उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, "मैं जम्मू-कश्मीर के एलजी ऑफिस से हस्तक्षेप करने और स्थिति का समाधान करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं। मैं अनुरोध कर रहा हूं कि इस घटना की गहन जांच की जाए और सभी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाए जाएं।"

जम्मू कॉलेज की ये घटना ऐसे कई उदाहरणों में से एक है जहां कश्मीरी छात्रों को भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैचों समेत कई अलग-अलग मुद्दों पर दूसरों के गुस्से का सामना करना पड़ा है। कई छात्रों पर पाकिस्तानी क्रिकेट टीम का समर्थन करने का आरोप लगने के बाद राजद्रोह जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। मार्च 2022 में एक और विवादास्पद फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' की रिलीज़ के बाद भारतीय राज्यों में इसी तरह के तनाव की सूचना मिली थी, जिसमें कई लोगों ने दावा किया था कि कश्मीरी मुसलमानों को "विलिफाई" करने के उद्देश्य से एक पूरी तरह से प्रोपेगेंडा फिल्म थी।

मई में रिलीज़ होने के बाद से, 'द केरला स्टोरी' जो एक कांस्पीरेसी थ्योरी है जिसमें मुसलमानों पर आरोप लगाया जाता है कि वे हिंदू महिलाओं को जबरदस्ती इस्लाम में परिवर्तित करने के लिए लुभाते हैं। इसे इस्लामोफोबिक ट्रॉप्स और "लव जिहाद" के बारे में अतिरंजित दावों के लिए भारी आलोचना का सामना करना पड़ा है। फिल्म में केरल की 32,000 महिलाओं की कहानी होने का दावा किया गया था, जिन्हें इस्लामिक जिहाद में परिवर्तित किया गया था और लालच दिया गया था लेकिन आलोचना का सामना करने के बाद इसके निर्माताओं ने इस दावे को वापस ले लिया था।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल ख़बर को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Kashmiri students "Assaulted" at Jammu’s Govt Medical College Over ‘The Kerala Story’

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