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केरल, तमिलनाडु और बंगाल: चुनाव में केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल

किसान आंदोलन के आज सौ दिन पूरे हो गये. दूसरी तरफ पांच राज्यों में चुनाव का बिगुल बज गया. बंगाल, केरल, तमिलनाडु, असम और पुड्डुचेरी के इन लोकतांत्रिक चुनावों को भाजपा ने सचमुच किसी छद्म-युद्ध जैसा बना दिया है!

किसान आंदोलन के आज सौ दिन पूरे हो गये. दूसरी तरफ पांच राज्यों में चुनाव का बिगुल बज गया. बंगाल, केरल, तमिलनाडु, असम और पुड्डुचेरी के इन लोकतांत्रिक चुनावों को भाजपा ने सचमुच किसी छद्म-युद्ध जैसा बना दिया है! विपक्षियों पर हमला करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का खुलेआम इस्तेमाल हो रहा है. दूसरी तरफ, चुनाव-बाद के लिए भी रणनीति बन रही है. भाजपा के विपक्षी अगर इन राज्यों में बडे बहुमत से नहीं जीतते तो उनका सत्ता में आना लगभग नामुमकिन होगा. भाजपा गोवा, मणिपुर, कर्नाटक, मध्यप्रदेश या हाल के पुड्डुचेरी जैसे सियासी उलटफेर का इस्तेमाल कर सकती है. HafteKiBaat में पांच राज्यों के चुनावी परिदृश्य का विश्लेषण कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार Urmilesh:

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