हाथरस की पीड़िता के परिवार से मिला वाम दलों का प्रतिनिधिमंडल, न्यायिक जांच की मांग की
देश की प्रमुख वामपंथी पार्टियों भारत की कम्युनिस्ट पार्टी- मार्क्सवादी (माकपा/CPM) और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा/CPI) के एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के हाथरस जाकर सामूहिक बलात्कार की पीड़िता के परिवार से मुलाकात की और न्यायिक जांच की मांग की।
इस प्रतिनिधिमंडल में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव डी राजा, माकपा पोलितब्यूरो की सदस्य बृंदा करात, भाकपा की राष्ट्रीय सचिव अमरजीत कौर, माकपा की उत्तर प्रदेश इकाई के सचिव हीरालाल यादव और भाकपा की उत्तर प्रदेश इकाई के सचिव गिरीश शर्मा शामिल थे।
येचुरी ने कहा, ‘‘हमें सामूहिक बलात्कार की इस घटना के बारे में जानकारी दी गई और यह भी बताया गया कि लड़की का देर रात परिवार की सहमति के बिना अंतिम संस्कार कर दिया गया।’’
उन्होंने कहा कि इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए। उन्होंने साफ कहा कि वे यहां केवल सहानुभूति जताने नहीं आए हैं बल्कि ये कहने आए हैं कि वे पीड़ित परिवार के साथ हैं और इंसाफ़ के लिए संघर्ष करेंगे।
Comrade @SitaramYechury speaks after meeting the family of the Dalit girl who was gangraped and killed in #Hathras. pic.twitter.com/Sa6uRyRbSR
— CPI (M) (@cpimspeak) October 6, 2020
बृंदा करात ने कहा कि परिवार ने उन्हें बताया कि वे इस माहौल में खुद को बहुत असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने ये भी बताया कि वे सीबीआई जांच की बात से बहुत ज़्यादा खुश नहीं हैं। बृंदा ने कहा कि कोर्ट की निगरानी में जांच होनी चाहिए। परिवार की रक्षा के लिए होना चाहिए। उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रवैये की भी आलोचना की। बृंदा के अनुसार मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने आज तक नहीं कहा कि ये अपराध हुआ, ग़लत हुआ और हम लड़की के साथ हैं।
Brinda Karat at #Hathras after speaking with the mother of the Dalit girl who was gangraped and killed. pic.twitter.com/Bf965N7kKA
— CPI (M) (@cpimspeak) October 6, 2020
इसे पढ़ें : हाथरस मामले में सरकार और प्रशासन का दोहरा रवैया क्यों दिखाई पड़ता है?
गौरतलब है कि 14 सितम्बर को हाथरस में चार युवकों ने 19 वर्षीय एक दलित युवती से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था। गत मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई, जिसके बाद मंगलवार देर रात उसके शव का दाह-संस्कार कर दिया गया।
परिवार का कहना है कि पीड़िता का अंतिम संस्कार रात के समय जबरन कर दिया गया। हालांकि, प्रशासन ने कहा है कि परिवार की सहमति से अंतिम संस्कार किया गया।
उप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने राज्यपाल को लिखा पत्र, योगी सरकार को बर्खास्त करने की मांग
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी ने मंगलवार को राज्यपाल को पत्र लिखकर लोकतंत्र और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए योगी सरकार को बर्खास्त करने की संस्तुति केंद्र सरकार को भेजने तथा हाथरस कांड की जांच किसी सेवारत न्यायाधीश की देखरेख में कराने की मांग की है।
समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता चौधरी ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण उत्तर प्रदेश में महिलाओं व बच्चियों के अपहरण तथा बलात्कार जैसे अपराध निरन्तर बढ़ रहे हैं। राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े इसकी पुष्टि कर रहे हैं। हर 15 मिनट में बलात्कार की एक घटना हो रही है।
उन्होंने एनसीआरबी की वर्ष 2019 के रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि देश भर में भारतीय दंड संहिता के तहत पंजीकृत अपराध में 10.09 फीसदी अपराध उत्तर प्रदेश में हुए हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में वर्ष 2018 में 5,85,157 और वर्ष 2019 में 6,28,578 आपराधिक वारदात दर्ज की गई। यह पूरे देश में दर्ज अपराधों का 12.2 फीसदी है। इस तरह उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर आ गया है।
चौधरी ने हाथरस कांड की चर्चा करते हुए कहा कि इस मामले में पुलिस और प्रशासन का रवैया अत्यंत शर्मनाक रहा है। उन्होंने इस मामले की जांच किसी सेवारत न्यायाधीश की देखरेख में कराने की मांग की।
उन्होंने कहा कि हाथरस के साथ ही सूबे के विभिन्न हिस्सों में हुई छेड़छाड़ व बलात्कार की घटनाओं से प्रदेश की बदनामी हुई है जबकि राज्य की भाजपा सरकार अपनी असफलताओं को बर्बरतापूर्ण तरीके से छिपा रही है।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।