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मप्र के कई शहरों में लॉकडाउन बढ़ाया गया, हरियाणा की बसों पर उत्तराखंड में रोक

दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा- लॉकडाउन नहीं लेकिन प्रतिबंध बढ़ाएंगे
मप्र के कई शहरों में लॉकडाउन बढ़ाया गया, हरियाणा की बसों पर उत्तराखंड में रोक
फ़ोटो साभार: सोशल मीडिया

नयी दिल्ली: कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच राज्य सरकारें अपने स्तर पर अलग-अलग कदम उठा रही हैं। लेकिन इसमें काफी असमानता भी है। कहीं बेहद सख़्ती दिखाई दे रही है तो कहीं काफी लापरवाही। जितनी बातें सरकारी दावों-बयानों और काग़ज़ों में दिखाई दे रही हैं उतनी ज़मीन पर दिखाई नहीं दे रही।

मध्य प्रदेश सरकार ने इंदौर सहित कई शहरों में लागू लॉकडाउन को 19 अप्रैल तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। उधर, उत्तराखंड सरकार ने अपने राज्य में हरियाणा से आने वाली रोडवेज की बसों पर रोक लगा दी है।

इधर, दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा है कि लॉकडाउन कोई "विकल्प नहीं है" लेकिन राष्ट्रीय राजधानी में कुछ प्रतिबंध लगाए जाएंगे। गुजरात के मुख्यमंत्री रुपाणी का भी कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बावजूद राज्य सरकार लॉकडाउन लगाने के पक्ष में नहीं है क्योंकि वह गरीबों पर इसके प्रभाव पर विचार कर रही है।

इंदौर समेत मप्र के कई शहरों में लॉकडाउन 19 तक बढ़ाया गया

भोपाल: कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर मध्य प्रदेश सरकार ने इंदौर सहित कई शहरों में लागू लॉकडाउन को 19 अप्रैल तक बढ़ाने का शनिवार को निर्णय लिया।

अपर मुख्य सचिव (गृह विभाग) राजेश राजौरा ने यहां पत्रकारों को बताया कि प्रदेश सरकार ने इसके अलावा कुछ अन्य जिलों में लॉकडाउन 22 अप्रैल तक बढ़ा दिया है।

मालूम हो कि प्रदेश के शहरी इलाकों में शुक्रवार शाम से सोमवार सुबह छह बजे तक लॉकडाउन लागू किया गया है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जिला आपदा प्रबंधन समितियों के साथ कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा बैठक में इस बारे में निर्णय लिया गया।

राजौरा ने बताया कि इंदौर शहर में शुक्रवार शाम से लगाया गया लॉकडाउन अब सोमवार को खत्म नहीं होकर 19 अप्रैल को सुबह छह बजे तक रहेगा।

उन्होंने बताया कि इसके अलावा शाजापुर, उज्जैन, बड़वानी, राजगढ़ और विदिशा जिलों में लॉकडाउन बढ़ा कर 19 अप्रैल सुबह छह बजे तक कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि जबलपुर शहर के अलावा बालाघाट, नरसिंहपुर और सिवनी जिलों में 12 अप्रैल की रात से 22 अप्रैल की सुबह तक लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया गया है।

राजौरा ने कहा कि इस संबंध में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत कानूनी आदेश संबंधित जिलाधिकारियों द्वारा जारी किये जायेंगे।

हरियाणा रोडवेज की बसों के उत्तराखंड में प्रवेश करने पर रोक

भिवानी (हरियाणा): कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर उत्तराखंड सरकार ने अपने राज्य में हरियाणा से आने वाली रोडवेज की बसों पर रोक लगा दी है। रोडवेज के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।

रोडवेज के महाप्रबंधक गुलाब सिंह दूहन ने बताया कि देहरादून और उत्तराखंड की तरफ हरियाणा से जाने वाली बसें सिर्फ बार्डर तक ही जाएंगी तथा वहीं से वापस आ जाएंगी।

उल्लेखनीय है कि भिवानी से उत्तराखंड और भिवानी से देहरादून हर रोज दो बसें जाती थी तथा दो ही बसें वापस भी आती थी।

दूहन ने सभी यात्रियों से बस स्टैंड परिसर में कोविड-19 से जुड़े दिशानिर्देशों का अनुपालन करने का अनुरोध किया है।

लॉकडाउन कोई विकल्प नहीं है, कुछ प्रतिबंध लगाए जाएंगे: केजरीवाल

नयी दिल्ली: दिल्ली में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि लॉकडाउन कोई "विकल्प नहीं है" लेकिन राष्ट्रीय राजधानी में कुछ प्रतिबंध लगाए जाएंगे जो कोरोना वायरस महामारी की चौथी लहर की चपेट में है।

मुख्यमंत्री ने लोकनायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल का दौरा कर महामारी से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की।

मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में उन्होंने कहा, "लॉकडाउन कोई विकल्प नहीं है, हालांकि, हम वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कुछ प्रतिबंध लगाएंगे। हम आने वाले कुछ दिनों में प्रतिबंध जारी करेंगे। कोविड केंद्रों को फिर से स्थापित किया जा रहा है और कुछ ने काम करना शुरू भी कर दिया है।"

केजरीवाल ने कहा कि प्रशासन और अस्पताल महानगर में महामारी की "चौथी लहर" को रोकने के लिए काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, "हम इस समय अस्पतालों में बिस्तर और वेंटिलेटर की उपलब्धता के संदर्भ में अच्छी स्थिति में हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि दिल्ली के लोग सुरक्षित रहें।" गौरतलब है कि दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले पिछले कुछ दिनों में बहुत तेजी से बढ़े हैं, और मरने वालों की संख्या में भी वृद्धि हुई है।

दिल्ली में शुक्रवार को कोविड-19 के 8,521 नए मामले सामने आए, जो पिछले साल 11 नवंबर के बाद से सबसे अधिक दैनिक वृद्धि है, जबकि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण 39 और लोगों की मौत हो गई, जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 11,196 हो गई।

दिल्ली में अब तक के सबसे अधिक 8,593 मामले 11 नवंबर 2020 को सामने आए थे, जबकि अब तक की सबसे अधिक मौतें 19 नवंबर को हुई थी, जब महानगर में कोविड-19 से 131 लोगों की जान चली गई थी।

गुजरात सरकार लॉकडाउन लगाने के पक्ष में नहीं है: रूपाणी

अहमदाबाद: गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने शनिवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बावजूद राज्य सरकार लॉकडाउन लगाने के पक्ष में नहीं है क्योंकि वह गरीबों पर इसके प्रभाव पर विचार कर रही है।

हालांकि, उन्होंने गांवों में या शहरों में बाजार संघों द्वारा स्थानीय स्तर पर स्वैच्छिक रूप से लॉकडाउन किये जाने का स्वागत किया।

यह पूछे पर जाने कि क्या सरकार कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर लॉकडाउन लागू करने के बारे में सोच रही है तो रूपाणी ने कहा, ‘‘राज्य सरकार गरीब लोगों की समस्याओं को देखते हुए राज्य में लॉकडाउन लगाने को तैयार नहीं है। हमने लोगों की अनावश्यक आवाजाही को रोकने के लिए पहले ही एक दिन में 10 घंटे के लिए कर्फ्यू लगा दिया है।’’

रूपाणी ने 20 नई ‘धनवंतरी’ वैन को रवाना करने के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘यदि कोई बाजार संघ स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लगाता है या कोई गांव इस तरह का कदम उठाता है, तो यह स्वागत योग्य है।’’

मामलों में तेजी के बीच, गुजरात में कई गांवों, आवास समितियों और बाजार संगठनों ने अपने क्षेत्रों में लॉकडाउन की घोषणा की है।

अहमदाबाद में सोला रोड के बाजार संगठन ने संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए शनिवार और रविवार को लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है।

पालनपुर शहर में दो दिनों के लिए ‘जनता’ कर्फ्यू भी लागू किया गया है, लेकिन कुछ व्यापारियों ने अपनी दुकानें खुली रखीं।

राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कोविड-19 के 4,541 नये मामले सामने आने के बाद शुक्रवार को मामलों की संख्या बढ़कर 3,37,015 पर पहुंच गई।

इस बीच मुख्यमंत्री ने उन खबरों का खंडन किया कि जिनमें कहा गया है राज्य सरकार कोविड-19 संक्रमण के कारण मृतकों की संख्या का सही आंकड़ा छिपा रही है।

राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार गुजरात में शुक्रवार तक कोविड-19 से मृतकों की संख्या 4,697 थी।

कोई भी परीक्षा या अकादमिक गतिविधि नहीं रोकी जाएगी: कर्नाटक उपमुख्यमंत्री

बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार ने शनिवार को स्पष्ट किया कि वह कोविड-19 के चलते कोई भी परीक्षा या अकादमिक गतिविधियां नहीं रोकेगी।

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डॉ. सी एन अश्वत्थ नारायण ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ डिग्री, स्नातकोत्तर, अभियांत्रिकी, डिप्लोमा और अन्य पाठ्यक्रमों समेत विश्वविद्यालय स्तर की परीक्षाएं निर्धारित कार्यक्रम के हिसाब से ही होंगी। ’’

उच्च शिक्षा विभाग का कामकाज देख रहे नारायण ने कहा कि 2021-22 की अकादमिक गतिविधियों में पहले ही विलंब हो चुका हैं तथा उनमें और देर नहीं की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि यदि देरी हुई तो पाठ्यक्रम अवधि, परीक्षा, परिणाम, रोजगार, आगे की पढ़ाई का चक्र प्रभावित होगा।

उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाये गये हैं कि 2021-22 की अकादमिक गतिविधियां प्रभावित न हों।

नारायण ने कहा, ‘‘ परीक्षाएं, जो फिलहाल आयोजित करायी जा रही हैं, खत्म हो जाने के बाद ग्रीष्मावकाश नहीं होगा। उसके तुरंत बाद कक्षाएं शुरू हो जाएंगी तथा ऑफलाइन एवं ऑनलाइन दोनों कक्षाएं होंगी। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन कक्षाएं करना अनिवार्य होगा।’’

उन्होंने कहा कि लेकिन विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करना होगा।

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