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सत्ता का सेमीफाइनल: 5 राज्यों में चुनाव की तारीख़ों का ऐलान, देखें राज्यवार शेड्यूल

चुनाव आयोग ने आज पांच राज्यों, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीख़ों का ऐलान कर दिया है। राज्यवार देखते हैं, चुनावी शेड्यूल:
EC

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव बेहद अहम हैं। चुनाव आयोग ने आज इन पांच राज्यों, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। इन चुनावों को लोकसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है।

पांच राज्यों में चुनाव की तारीखें:

मिजोरम : 7 नवंबर

छत्तीसगढ़ : 7 व 17 नवंबर

मध्य प्रदेश : 17 नवंबर

राजस्थान : 23 नवंबर

तेलंगाना : 30 नवंबर

(नोट: सभी राज्यों के चुनाव परिणाम 3 दिसंबर को आएंगे।)

चुनावी शेड्यूल पर, राज्यवार नज़र डालते हैं:

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव

मध्य प्रदेश विधानसभा की कुल 230 सीटों के लिए 17 नवंबर को तीन चरणों में चुनाव होंगे जिसका परिणाम 3 दिसंबर को आएगा। यहां। बहुमत का आंकड़ा 116 है।

मप्र में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस सत्ता के मुख्य दावेदार बने रहेंगे, हालांकि आम आदमी पार्टी (आप) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) जैसे संगठन अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में भारतीय राजनीति की दो दिग्गज पार्टियों (भाजपा और कांग्रेस) के सामने अपनी उपस्थिति दर्ज कराने और कड़ी टक्कर देने की कोशिश करेंगे। साल 2018 में भाजपा राज्य में बहुमत हासिल नहीं कर पाई और कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार बनाई। लेकिन राज्य में मार्च 2020 में तब सत्ता परिवर्तन देखने को मिला जब कमल नाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर गई और भाजपा सिर्फ 15 महीने तक विपक्ष में रहने के बाद सत्ता में वापस आ गई। दिसंबर 2018 से मार्च 2020 तक की 15 महीने की अवधि को छोड़कर (जब कांग्रेस सत्ता में थी), भाजपा को लगभग चार कार्यकालों की सत्ता-विरोधी लहर से पार पाने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी ओर, कांग्रेस कई मुद्दों पर शिवराज सिंह चौहान सरकार के खिलाफ लोगों के बीच नाराजगी को भुनाने की कोशिश करेगी। 

राजस्थान विधानसभा चुनाव

राजस्थान विधानसभा की 200 सीटों के लिए 23 नवंबर को मतदान होगा और मतगणना 3 दिसंबर को की जाएगी। यहां किसी राजनीतिक दल को बहुमत के लिए 101 सीटों की ज़रूरत है। राज्य की अशोक गहलोत सरकार ने राज्य में फिर बाज़ी मारने के लिए पिछले कुछ महीने से कड़ी मेहनत की है और कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल करने सहित आम लोगों के लिए अनेक योजनाओं की घोषणा की है। सरकार ने चुनाव आचार संहिता लगने से ठीक पहले ‘जातिगत सर्वेक्षण’ कराने का दांव भी चला। पिछले विधानसभा चुनाव यानी 2018 की बात करें तो इसमें कांग्रेस ने 99 व भाजपा ने 73 सीटों पर जीत दर्ज की थी। अशोक गहलोत ने 17 दिसंबर 2018 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

तेलंगाना विधानसभा चुनाव

तेलंगाना विधानसभा की 119 सीटों के लिए 30 नवंबर को चुनाव होंगे और नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे। यहां जीत के लिए 60 सीटों की ज़रूरत है।

कर्नाटक में मई में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से शिकस्त मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पांच दक्षिणी राज्यों में से एक में सरकार बनाने के लिए तेलंगाना से उम्मीदें लगाए बैठी है।

उसे राज्य में अपनी सरकार बनाने के लिए 30 नवंबर को होने वाले चुनाव में तेलंगाना में प्रभावशाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और उत्साहित कांग्रेस की चुनौती का सामना करना पड़ेगा।

पिछले तीन साल में कुछ उपचुनाव और वृहद हैदराबाद नगर निगम चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव नीत बीआरएस की प्रमुख चुनौती बनकर उभरी भाजपा को बाद में आंतरिक कलह का सामना करना पड़ा।

अंसतुष्टों को शांत करने की कवायद के रूप में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के स्थान पर बंदी संजय कुमार को हटाकर केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी को नियुक्त करना पड़ा।

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव

छत्तीसगढ़ विधानसभा की कुल 90 सीटों के लिए 7 और 17 नवंबर को चुनाव होंगे जिसे परिणाम 3 दिसंबर को आएंगे। यहां बहुमत का आंकड़ा 46 है।

छत्तीसगढ़ सरकार की कल्याणकारी योजनाओं और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की लोकप्रियता के दम पर सत्ताधारी दल कांग्रेस को उम्मीद है कि प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव में उसे फिर से जीत मिलेगी। वहीं भाजपा फिर से सत्ता हासिल करने के लिए प्रयास कर रही है।

छत्तीसगढ़ में वर्ष 2018 के चुनाव कांग्रेस ने भारी जीत दर्ज करके भाजपा के 15 साल लंबे शासन को समाप्त कर दिया था।

पिछले चुनाव में कांग्रेस ने विधानसभा की कुल 90 सीटों में से 68 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा 15 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही।

पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी द्वारा स्थापित जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) को पांच सीटें मिली थीं और उसकी सहयोगी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने दो सीटों पर जीत हासिल की थी।

कांग्रेस को 2018 में 43.04 प्रतिशत मत मिले थे, जो भाजपा (32.97 प्रतिशत) से लगभग 10 प्रतिशत अधिक था।

सत्ताधारी दल ने 2018 के बाद पांच विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में जीत के साथ राज्य में अपनी पकड़ और मजबूत कर ली है। वर्तमान में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 71 है। वहीं भाजपा के पास 13, जेसीसी(जे) के पास तीन और बसपा के पास दो सीटें हैं। एक सीट रिक्त है।

मिजोरम विधानसभा चुनाव

मिजोरम विधानसभा की 40 सीटों के लिए 7 नवंबर को चुनाव होंगे और इसके परिणाम 3 दिसंबर को घोषित किये जाएंगे। बहुमत के लिए कुल 40 में से 21 सीटों की ज़रूरत है।

(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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