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मध्य प्रदेश : बुज़ुर्ग़ महिला को इसलिए पीटा क्योंकि वह दलित है

सामंती सोच आज भी किस क़दर हावी है, ये मध्य प्रदेश में देखने को मिला, जहां एक बुज़ुर्ग़ महिला को इसलिए पीटा गया क्योंकि वह दलित है।
dalit women

सदियों से जातियों में उलझा हमारा देश पिछले कुछ सालों में धर्मों में उलझा हुआ है। ऐसा नहीं है कि धर्म विषय से जुड़ने के बादजाति मतभेद खत्म हो गए हैं बल्कि अब ये समाज इन दोनों विषयों को साथ लेकर चल रहा है। बस अंतर इतना है कि अब धर्म कीखबरें आप तक तुरंत पहुंच जाती हैं और जाति के नाम पर हो रहे अत्याचार आप तक नहीं पहुंच पा रहे। कहने को तो हम 21वीं सदीमें हैं जहां साइंस का वर्चस्व है, लेकिन मन के अंदर आज सदियों पुरान मैल जमाकर बैठे हैं।

ताजा मामला मध्य प्रदेश के खरगोन सनावद थाना क्षेत्र के ग्राम हीरापुर गांव का है, जहां सामंती मानसिकता वाले लोगों ने एक बुजुर्गदलित महिला को बांध कर बुरी तरह से मारपीट की है। आरोपी अपने घर के पास से दलित महिला के घर को हटाना चाहते थे।आरोपियों ने पीड़ित महिला के परिवार को कई बार घर खाली कर चले जाने की हिदायत भी दे चुके हैं, नहीं मानने पर आरोपियों ने दोदिन पहले महिला को रस्सियों से दो घंटे तक बांध कर रखा और मारपीट की। अब इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरलहोने हो रहा है, जिसके बाद पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

द दलित वॉइस नाम के ट्विटर हैंडल से महिला की पिटाई का वीडियो शेयर किया गया है,

इस मामले में पुलिस के मुताबिक शनिवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था। पुलिस ने वायरल वीडियो कोलेकर तत्काल मामले पर संज्ञान लेते हुए अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया। पुलिस ने कहा कि छानबीन के दौरान पताचला कि महिला दलित है और आरोपी उसके पड़ोसी हैं। पीड़िता ने अपने बयान में बताया कि उसके पड़ोस में रहने वाले आरोपीउसको घर खाली कर यहां से चले जाने की कई बार हिदायत दे चुके हैं। कई बार आरोपियों ने उसका घर तोड़ने और जान से मारनेकी धमकी भी दी है।

पीड़िता के अनुसार, उसके साथ यह घटना शु्क्रवार की दोपहर में हुई। वो अपने घर में थी कि अचानक पड़ोस में रहने वाले गणेशयादव, उसकी पत्नी और मां उसके घर में घुस आए और मारपीट शुरू कर दी। उसने विरोध किया तो आरोपियों ने उसके हाथ-पांवबांध दिए। पीड़ित महिला के परिजनों ने बताया कि आरोपी उसका घर खरीदना चाहते थे, जबकि महिला इसके लिए तैयार नहीं है। 

ऐसा नहीं है कि मध्य प्रदेश ये जातिगत पहला मामला है। आए दिन इस तरह की तस्वीरें आपको देखने को मिल जाएंगे। कुछ दिनपहले ही मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड में छतरपुर के एक स्कूल में छात्रों को मिड डे मील के दौरान जातिगत भेदभाव की खबर सामने आईथी। बच्चों का आरोप था कि स्कूल में खाना बनाने वाली महिला उन्हें फेंक कर रोटियां देती हैं। उन्हे सबसे बाद में खाना दिया जाता हैऔर कई बार तो हाथों में गर्म रोटी ही पकड़ा दी जाती है। 

2021 की NCRB रिपोर्ट के मुताबिक, अनुसूचित जाति के खिलाफ 2021 में हिंदी क्षेत्र में सबसे ज्यादा अत्याचार के मामले दर्जकिए गए हैं। उत्तर प्रदेश में ऐसे मामलों की संख्या सबसे ज्यादा है। वहीं, राजस्थान और मध्य प्रदेश दूसरे और तीसरे स्थान पर है।इन तीन राज्यों में अनुसूचित जातियों के खिलाफ होने वाले अपराध/अत्याचारों के कुल मामलों के 55 फीसदी यहीं दर्ज हुए हैं।

मध्य प्रदेश में इस समय भाजपा की सरकार है। शिवराज सिंह चौहान सूबे के मुखिया है। मुखिया साहब मंच से बड़े-बड़े दावें करते हैंविकास की। ये कैसा विकास है। सिर्फ मंच पर चढ़कर बोलने से अगर विकास होता तो आज भारत कहां होता ये हम सिर्फ सोच हीसकते हैं। धर्म और जाति के नाम पर हो रहे अत्याचार पर जब तक सरकार चुप्पी साधे रखेगी तब तक देश के कौने से ऐसे ही विकास के नजारे आपको देखने को मिलेंगे।

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