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महाराष्ट्र सिंचाई घोटाला : क्या अजित पवार को मिल गया है इनाम? 9 मामले बंद

कांग्रेस व अन्य के आरोप के बाद एसीबी ने सफाई दी है कि ये मामले उप मुख्यमंत्री अजित पवार से जुड़े हुए नहीं हैं।
Ajit pawar
Image courtesy: Google

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री और एनसीपी के नेता अजित पवार को क्या बीजेपी का साथ देने का विशेष इनाम मिल गया है! सिंचाई घोटाले से जुड़े कई मामलों के बंद होने के बाद ये बात तेज़ी से मीडिया और सोशल मीडिया में वायरल हो गई है। हालांकि जांच एजेंसी ने इससे इंकार किया है।

महाराष्ट्र के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने सोमवार को बताया कि उसने राज्य की नौ सिंचाई परियोजनाओं में कथित अनियमितताओं की जांच बंद कर दी है। एजेंसी ने इसके साथ ही स्पष्ट किया कि ये मामले उप मुख्यमंत्री अजित पवार से जुड़े हुए नहीं हैं।

एसीबी ने यह सफाई विपक्षी कांग्रेस के इस दावे के बाद दी कि दो दिन पहले सरकार बनाने में भाजपा की मदद करने की वजह से अजित पवार को ‘‘दोषमुक्त’’ कर दिया गया है।

एसीबी अधिकारियों ने ‘पीटीआई-भाषा’से कहा कि 2013 में हुए सिंचाई घोटाले से जुड़े ऐसे किसी भी मामले को बंद नहीं किया गया है जिनमें कथित तौर पर अजित पवार का नाम है।

आपको बता दें कि अजित पवार के ऊपर सिंचाई घोटाले का आरोप है। 28 नवंबर 2018 को महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने अजित पवार को 70 हजार करोड़ के कथित सिंचाई घोटाले में आरोपी बनाया था। अजित पवार एनसीपी के उन मंत्रियों में शामिल रहे, जिनके पास महाराष्ट्र में 1999 से 2014 के दौरान कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन सरकार में सिंचाई विभाग का प्रभार था। अभी भी यह मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है।

इसके अलावा अजित पवार महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (MSCB) घोटाले में आरोपी हैं। यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है।

दरअसल, इसी साल चुनाव से पहले 24 सितंबर को ईडी ने MSCB घोटाले में अजित पवार समेत 70 लोगों पर मामला दर्ज किया था। ये घोटाला करीब 25 हजार करोड़ रुपये का है।

आरोप है कि चीनी मिल को कम दरों पर कर्ज दिया गया था और डिफॉल्टर की संपत्तियों को सस्ते में बेच दिया था। आरोप है कि संपत्तियों को बेचने, सस्ते लोन देने और उनका रीपेमेंट नहीं होने से बैंक को 2007 से 2011 के बीच 1,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। अजित पवार उस समय बैंक के डायरेक्टर थे।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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