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राजस्थान में मुफ़्त बिजली का गणित... किन-किन राज्यों में है बिजली पर छूट?

पिछले कुछ सालों से देश की राजनीति में ज़बरदस्त बिजली कौंधी है, लेकिन ये बिजली आसमान वाली नहीं बल्कि घरों, कार्यालयों व फ़ैक्ट्रियों में रोशनी करने वाली है। अब राजनीतिक पार्टियां इसे ही मुद्दा बनाकर चुनावी मैदान में उतर जाती हैं।
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फ़ोटो साभार: रॉयटर्स

सियासी गलियारों का चुनावी परिदृश्य देखेंगे तो चर्चा इन दिनों राजस्थान की है। कर्नाटक में भाजपा के चुनाव हारने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य के दौरा कर रहे हैं, और जीत सुनिश्चित करने के लिए एड़ी-चोटी का ज़ोर लगाए हुए हैं। तो दूसरी ओर सत्ताधारी कांग्रेस भले ही अंतर्कलह से जूझ रही हो लेकिन राज्य में पार्टी के मुखिया और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक के बाद एक मास्टर स्ट्रोक चलकर विपक्षियों की नींद हराम कर रहे हैं। पहले गैस सिलेंडर का दाम 500 रुपये कर दिया और अब 100 यूनिट तक बिजली फ्री कर बड़ी राजनीतिक चाल चल दी है। राज्य को बिजली में इतनी भारी छूट देने के लिए जो वक्त गहलोत ने चुना है, वो इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि गर्मियों में अक्सर बिजली की किल्लत झेलनी ही पड़ती है, दूसरी ओर राज्य में तीन महीने बाद आचार संहिता लग जाने की भी उम्मीद है, यानी राजनीतिक भविष्य के लिहाज़ से कांग्रेस की ये चाल उसे फायदा पहुंचा सकती है।

ख़ैर.. राजस्थान में बिजली में भारी छूट के बाद अब वहां की स्थिति कैसी है, यानी जनता को कितने यूनिट के बाद कितने पैसे चुकाने होंगे? इस पर नज़र डालेंगे। साथ में कांग्रेस शासित दूसरे राज्यों में भी बिजली की स्थिति को टटोलेंगे। इसके अलावा उन बड़े राज्यों पर भी फोकस करेंगे जो भाजपा शासित हैं या किसी अन्य दल के शासन में हैं।

लेकिन शुरुआत राजस्थान से...

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिस योजना के तहत छूट देने की बात कही है इसका नाम है ‘’घरेलू बिजली अनुदान योजना।’’ इसके तहत अप्रैल 2022 में 50 यूनिट बिजली फ्री देने की बात कही गई थी, इसके बाद अब साल 2023-24 के बजट में घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक बिजली फ्री देने का वादा किया गया है। जिसका फायदा फिलहाल 1 करोड़ 4 लाख परिवारों को पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। फ्री बिजली को समझने के लिए ये जानना बहुत ज़रूरी है कि सरकार कितने यूनिट पर कितनी सब्सिडी दे रही है?

* 0 से 100 यूनिट तक- कोई पैसा नहीं, बिल शून्य आएगा।

* 100 से 150 यूनिट तक- 100 के अलावा जितने भी यूनिट का इस्तेमाल होगा उसका पैसा देना होगा, इस पर 3 रुपये प्रति यूनिट तक की सब्सिडी मिलेगी, कोई भी अतिरिक्त चार्ज नहीं देना होगा।

* 150 से 200 यूनिट- इसमें 100 से 200 के बीच तक जितनी भी यूनिट का इस्तेमाल होगा उसका पैसा देना पड़ेगा। मगर 150 से ऊपर यूनिट होने पर 3 के बजाय 2 रुपये प्रति यूनिट की सब्सिडी मिलेगी। साथ ही कोई भी अतिरिक्त चार्ज नहीं देना पड़ेगा।

* 200 से 300 यूनिट- इसमें 100 यूनिट से अतिरिक्त जितना भी इस्तेमाल होगा उसका पैसा देना होगा। मगर प्रति यूनिट 2 रुपये की सब्सिडी मिलेगी। मगर यहां फ्यूल सरचार्ज, स्थाई शुल्क, इलेक्ट्रसिटी ड्यूटी, अरबन सेस जैसे अतिरिक्त सभी चार्ज देने होंगे।

* 300 यूनिट से ज्यादा- 100 यूनिट के अलावा जितनी यूनिट इस्तेमाल होगी उसका पैसा देना होगा। 750 रुपये प्रति माह की सब्सिडी मिलेगी। सभी तरह के अतिरिक्त चार्ज भी देने होंगे।

सब्सिडी के बाद अब जानते हैं कि कितने रुपये प्रति यूनिट और कैसे देने होंगे:

* राजस्थान में बीपीएल परिवारों के 50 यूनिट तक 3.50 रुपये प्रति यूनिट की दर है, छोटे उपभोक्ताओं के लिए 3.85 रुपये और सामान्य घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 4.75 रुपये प्रति यूनिट की दर है। इन तीनों श्रेणी के उपभोक्ताओं का बिजली बिल पूरा माफ है। ऐसे उपभोक्ताओं के बिजली बिल शून्य आते हैं।

* 101 से 150 यूनिट के उपयोग पर सरकार तीन रुपये सब्सिडी दे रही है। साथ ही इस स्लैब में बिजली प्रति यूनिट की दर 6.50 रुपये है, यानी मान लीजिए उपभोक्ता ने 150 यूनिट बिजली ख़र्च की, तो 100 यूनिट पूरी तरह माफ, बचा 50 यूनिट.. अब 6.50 रुपये में 3 रुपये सब्सिडी के बाद 3.50 पैसे के हिसाब से 50 यूनिट का बिल निकालेंगे तो आएगा, 175 रुपया।

* ऐसे ही मान लीजिए किसी उपभोक्ता ने 190 यूनिट बिजली खर्च की, तो यहां पर भी 100 यूनिट पूरी तरह से माफ, बचा 90 यूनिट। ये 151 से 300 के स्लैब में आता है, इस स्लैब में प्रति यूनिट बिजली की दर 7.35 पैसे है और यहां सरकार की ओर से 2 रुपये सब्सिडी दी जा रही है। यानी अब बिजली प्रति यूनिट की दर 7.35 रुपये में से 2 घटाएंगे तो बचेंगे 5.35 रुपये। यानी 90 यूनिट का बिल 5.35 के हिसाब से 481.5 रुपये देना होगा।

* इसी तरह अगर 240 यूनिट बिजली उभोक्ता की ओर से खर्च की जाती है, तो यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि अब उसे फ्यूल सरचार्ज, स्थाई शुल्क, इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी और अरबन सेस जैसे शुल्क भी देने होंगे। क्योंकि ये सब सिर्फ 200 यूनिट तक माफ है। ये भी 150 से 300 यूनिट के स्लैब का हिस्सा है। इसका गणित समझ लीजिए...

275 रुपये महीने का स्थाई शुल्क, 40 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से 16 रुपये इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी, 10 रुपये प्रति यूनिट के अनुसार 4 रुपये अरबन सैस, बिजली यूनिट दर 7.35 रुपये लेकिन 2 रुपये सब्सिडी के बाद 5.35 रुपये। बिजली यूनिट 140। कुल मिलाकर बिल हो गया 1044 रुपये।

* अब बात करते हैं 300 या उससे ऊपर यूनिट की। मान लीजिए 360 यूनिट खर्च हुए। अब इस स्लैब में 345 रुपये का स्थाई शुल्क लगेगा। 100 यूनिट माफ, तो बचे 260 यूनिट। 40 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से 64 रुपये इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी, 10 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से 16 रुपये अरबन सैस, 7.65 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से गणना। यानी बिल हुआ 2414 रुपये।

बिल का गणित समझने के बाद इन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर नज़र फेर लेनी ज़रूरी है, जिनका हमने इस्तेमाल किया। जैसे यूनिट की दर, अतिरिक्त चार्ज और सेस...

बीपीएल, आस्था कार्डधारी उपभोक्ताओं के लिए 50 यूनिट तक 3.50 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से। छोटे घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 50 यूनिट तक 3.85 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से। सामान्य घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 50 यूनिट तक 4.75 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से। 50 से 150 यूनिट तक 6.50 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से। 150 से 300 यूनिट तक 7.35 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से। 300 से 500 यूनिट तक 7.65 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से। 500 यूनिट से अधिक 7.95 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से।

इस तरह लगते हैं एक्स्ट्रा चार्ज या फिक्स्ड चार्ज

* 150 से 300 यूनिट तक- 275 रुपये महीना

* 300 से 500 यूनिट तक- 345 रुपये महीना

* 500 यूनिट से ज़्यादा- 400 रुपये महीना

इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी- ये चार्ज फिक्सड है और फिलहाल 40 पैसे प्रति यूनिट के अनुसार उपभोक्ता से वसूला जाता है।

अरबन सेस- ये चार्ज सिर्फ शहरी क्षेत्रों में लगता है। नगर निकाय क्षेत्रों से ही ये वसूला जाता है। फिलहाल ये 15 पैसे प्रति यूनिट के अनुसार वसूला जाता है।

वाटर सेस- इसी तरह वाटर सेस भी 10 पैसे प्रति यूनिट के अनुसार लिया जाता है।

फ्यूल सरचार्ज- यह कोयले के उपभोग के अनुसार बदलता रहता है। हर तीन महीने में ये वसूला जाता है। सरकार ने हाल ही में 2022 के जुलाई से सितंबर और फिर अक्टूबर से दिसंबर के महीनों के लिए 45 पैसे और 52 पैसे प्रति यूनिट वसूला था। ये स्थाई नहीं होता है।

राजस्थान के बाद अब दिल्ली की...

दिल्ली के घरेलू बिजली उपभोक्ता को बिजली बिल में सब्सिडी दी जाती है, दिल्ली के 56 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को सब्सिडी मिलती है, इसका लाभ 47 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं को मिलता है। इनमें से 30 लाख उपभोक्ता का बिजली बिल सब्सिडी के कारण जीरो आता है, वहीं 17 लाख उपभोक्ताओं को बिजली बिल में 50 फीसदी छूट मिलती है। आइए जानते हैं कि इसका फार्मूला क्या है..

* 200 यूनिट से कम बिजली खर्च होने पर 100 फीसदी बिजली बिल माफ है।

* 200 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च होने पर बिल में हर यूनिट का पैसा देना पड़ता है, इसमें 200 यूनिट तक बिजली बिल माफ नहीं है।

* 400 यूनिट तक बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ता को बिल का 50 फीसदी चुकाना पड़ता है, ये छूट अधिकतम 800 रुपये है।

* 200 यूनिट तक बिजली की प्रति यूनिट चार्ज तीन रुपये प्रति यूनिट है।

* 201 से 400 यूनिट तक 4.5 रुपये प्रति यूनिट है।

* 401 से 800 यूनिट तक 6.5 रुपये प्रति यूनिट है।

* 801 से 1200 यूनिट तक 7 रुपये प्रति यूनिट है।

* 1200 से ज्यादा यूनिट पर 8 रुपये प्रति यूनिट है।

इसके बाद बात उत्तर प्रदेश की..

उत्तर प्रदेश में बिजली पर कोई सब्सिडी नहीं दी जाती है, हालांकि यहां बिजली यूनिट दरों को ग्रामीण और शहरी में बांट दिया गया है...

* ग्रामीण इलाकों में 0 से 100 यूनिट तक बिजली खर्च करने पर 3.35 पैसे की दर से चुकाना पड़ता है, जबकि शहरी इलाकों में यही दर 5.5 रुपया है।

* इसी तरह ग्रामीण इलाकों में 101 से 150 यूनिट तक बिजली खर्च करने वाले 3.85 रुपया प्रति यूनिट का भुगतान करते हैं, जबकि इस स्लैब में यही भुगतान शहरी लोग भी करते हैं।

* 151 से 300 यूनिट तक बिजली खर्च करने वाले ग्रामीण लोग 5 रुपये प्रति यूनिट देते हैं, जबकि शहरी इलाको में इस स्लैब के लिए 6 रुपये प्रति यूनिट की दर निर्धारित की गई है।

* ग्रामीण इलाकों में 301 से 500 यूनिट बिजली खर्च करने वाले 5.5 रुपये प्रति यूनिट चुकाते हैं, जबकि शहरी इलाकों में 6.6 रुपये की दर से भुगतान करना पड़ता है।

* इसी तरह ग्रामीण इलाकों में 500 यूनिट से ऊपर खर्च करने वाले 6 रुपये प्रति यूनिट का भुगतान करते हैं, जबकि शहरों में 7 रुपये प्रति यूनिट देना पड़ता है।

तीन बड़े राज्यों का ब्योरा समझने के बाद एक नज़र ग़ैर कांग्रेस शासित और भाजपा शासित राज्यों पर दौड़ाते हैं, और जानते हैं कि कहां कितनी बिजली मुफ्त है...

कर्नाटक- 200 यूनिट बिजली मुफ्त

छत्तीसगढ़- गरीब परिवारों को 30 यूनिट तक बिजली मुफ्त में मिल रही है। किसानों को 400 यूनिट बिजली फ्री।

हिमाचल प्रदेश- 125 यूनिट बिजली फ्री, बिल में हर यूनिट पर 60 पैसे की सब्सिडी दी जा रही।

पंजाब- 300 यूनिट बिजली मुफ्त मिल रही

तेलंगाना- सलून, लॉन्ड्री, धोबी घाटों को 250 यूनिट बिजली फ्री

तमिलनाडु- पावरलूम कर्मचारियों को 1000 यूनिट तक बिजली फ्री

बिहार- MLA-MLC को हर महीने 2500 यूनिट फ्री

भाजपा शासित राज्यों में बिजली का हाल

मध्य प्रदेश- 100 यूनिट बिजली पर केवल 100 रुपये का बिल

हरियाणा- किसानों को 10 पैसे प्रति यूनिट मिल रही बिजली

उत्तराखंड- बिजली पर किसी तरह की सब्सिडी नहीं

पुडुचेरी- किसानों को 10 पैसे प्रति यूनिट की दर से मिल रही बिजली

महाराष्ट्र- 250 यूनिट फ्री बिजली देने की हो रही मांग

देश में मुफ्त बिजली बांटने वाली नई राजनीति चल पड़ी है। हालांकि इसी मुफ्त के वादों को मुफ्त की रेवड़ियां तक करार दे दिया जाता है, लेकिन आख़िर में वही रेवड़ियां बताने वाले भी इसी का सहारा लेकर चुनावी मैदान में उतरते हैं। राजस्थान सरकार ने चुनाव से ठीक पहले 100 यूनिट बिजली माफ कर प्रदेशवासियों को बड़ी सौगात देने की कोशिश की है, देखना होगा कि उन्हें इसका कितना फायदा चुनाव में पहुंचता है।

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