मोदी सरकार को निजता और राष्ट्रीय सुरक्षा की परवाह नहीं : खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कोविन प्लेटफॉर्म के डेटा में सेंधमारी से जुड़े दावों को लेकर मंगलवार को सरकार पर तीखा प्रहार किया और आरोप लगाया कि सरकार को न तो निजता के मौलिक अधिकार की परवाह है और न ही राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई मतलब है।
उन्होंने यह दावा भी किया कि इस सरकार मे डेटा लीक और साइबर हमले के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
खरगे ने ट्वीट किया, "एक गैरज़िम्मेदार मोदी सरकार कोविन डेटा लीक पर चाहे जितनी भी लीपापोती करे, यह साफ है कि जनता का निजी डेटा सुरक्षित नहीं है। सभी भारतीय जानते हैं कि 2017 में किस तरह मोदी सरकार ने उच्च न्यायालय में निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार घोषित करने का कड़ा विरोध किया था।"
एक गैरज़िम्मेदार मोदी सरकार CoWIN Data Leak पर चाहे जितनी भी लीपापोती करे,
3 बातें साफ़ हैं -
1⃣ जनता का निजी data सुरक्षित नहीं है।
सभी भारतीय जानते हैं कि 2017 में किस तरह मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में Right to Privacy को Fundamental Right घोषित करने का कड़ा विरोध किया था।… pic.twitter.com/0b1wiIwQ42— Mallikarjun Kharge (@kharge) June 13, 2023
उन्होंने कहा, "देश में साइबर हमले और डेटा लीक लगातार बढ़ रहे हैं। फिर चाहे वो 2018 में आधार डाटा में सेंध लगना हो या फिर नवंबर 2022 में एम्स पर साइबर हमला।"
खरगे के मुताबिक, ''मोदी सरकार ने सितम्बर 2018 में उच्चतम न्यायालय को बताया था कि आधार डेटा 13 फुट ऊंची और पांच फुट मोटी दीवारों में सुरक्षित है!''
उन्होंने दावा किया कि डिजिटल इंडिया का ढ़ोल पीटने वाली मोदी सरकार के कार्यकाल में साइबर हमले कई गुना बढ़े हैं।
खरगे ने आरोप लगाया, "कुल मिलाकर स्थिति स्पष्ट है कि मोदी सरकार को न तो निजता के मौलिक अधिकार की परवाह है, और न ही राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई मतलब। उसने न तो डेटा निजता कानून बनाया है और न ही साइबर हमलों पर कोई राष्ट्रीय सुरक्षा नीति लागू नहीं की है।"
उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि कोविन प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत लाभार्थियों के डेटा में सेंध लगने का दावा करने वाली खबरें ‘‘बेबुनियाद’’ हैं और उसने देश की नोडल साइबर सुरक्षा एजेंसी सर्ट-इन से मामले में जांच करने और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का अनुरोध किया है।
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोमवार को कहा था कि ऐसा नहीं लगता कि कोविन ऐप या डेटाबेस सीधे तौर पर इसका शिकार हुआ है।
(न्यूज़ एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)
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