Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

मोहम्मद ज़ुबैर ने पुलिस हिरासत के ख़िलाफ़ उच्च न्यायालय का रुख़ किया

याचिका में ज़ुबैर को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेजने के निचली अदालत के 28 जून के आदेश को चुनौती दी गई है। उनकी वकील वृंदा ग्रोवर ने न्यायमूर्ति संजीव नरूला के समक्ष इसका उल्लेख किया और वह शुक्रवार को मामले को सूचीबद्ध करने के लिए सहमत हो गए।
zubair

नयी दिल्ली: ‘ऑल्ट न्यूज़’ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर ने बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख कर 2018 के कथित आपत्तिजनक ट्वीट मामले में उनकी पुलिस हिरासत को चुनौती दी है।

याचिका में ज़ुबैर को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेजने के निचली अदालत के 28 जून के आदेश को चुनौती दी गई है। उनकी वकील वृंदा ग्रोवर ने न्यायमूर्ति संजीव नरूला के समक्ष इसका उल्लेख किया और वह शुक्रवार को मामले को सूचीबद्ध करने के लिए सहमत हो गए।
     
ज़ुबैर को दिल्ली पुलिस ने 27 जून को धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। निचली अदालत ने इसके बाद उन्हें एक दिन के लिये पुलिस हिरासत में भेज दिया था। यह मामला 2018 में एक हिंदू देवता के बारे में कथित तौर पर आपत्तिजनक ट्वीट से संबंधित है।
     
एक दिन की हिरासत की अवधि पूरी होने पर अदालत में पेश किए जाने के बाद मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट स्निग्धा सरवारिया ने उनकी पुलिस हिरासत चार और दिन के लिये बढ़ा दी थी।
     
इस महीने के शुरू में, ज़ुबैर के खिलाफ, भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (धर्म, नस्ल, जन्मस्थान, भाषा आदि के आधार पर दो विभिन्न समूहों में बैर को बढ़ाना) और 295ए (धार्मिक भावनाओं को आहत करने के उद्देश्य से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करना) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
     
पुलिस ने कहा कि यह मामला एक ट्विटर उपयोगकर्ता की शिकायत पर दर्ज किया गया था, जिसने ज़ुबैर पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया था।
     
दिल्ली पुलिस ने ज़ुबैर की पांच दिन की हिरासत की मांग करते हुए अदालत को बताया था कि ज़ुबैर ने ‘‘ प्रसिद्धि पाने के लिए धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले विवादास्पद ट्वीट किए।’’
     
जांच एजेंसी ने यह भी बताया था कि आरोपी तफ्तीश में शामिल हुआ लेकिन उसने सहयोग नहीं किया और उसके फोन से विभिन्न सामग्री डिलीट कर दी गई है।
     
ज़ुबैर की ओर से पेश वकील ग्रोवर ने पुलिस की याचिका का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें किसी और मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन जल्दबाज़ी में इस मामले में गिरफ्तार कर लिया।

आपको बता दें कि हाल ही में  मोहम्मद ज़ुबैर ने ही एक टीवी बहस की एक क्लिप पोस्ट कर पैगंबर मुहम्मद पर बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा की टिप्पणी को देश के सामने उजागर किया था, जिसके बाद नूपुर को पार्टी से सस्पेन्ड भी कर दिया गया था।

आपको यहां यह भी बता दें कि ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर और संस्थापक प्रतीक सिन्हा को शांति अनुसंधान संस्थान ओस्लो (PRIO) ने नोबेल शांति पुरस्कार के लिए अपनी वार्षिक शॉर्टलिस्ट में नामित किया था।

(भाषा इनपुट के साथ)

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest