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ऑक्सीजन सिलिंडर और कॉन्सेंट्रेटर से मदद का केंद्र बनी मस्जिद

मस्जिद के गेट पर बैनर लगाया गया है जिसमें लिखा है कि कोई भी जरूरतमंद, चाहे वह किसी भी धर्म का हो, मस्जिद आकर ऑक्सीजन सिलिंडर या Concentrator मुफ़्त में ले जा सकता है और इस्तेमाल के बाद उसे वापस कर दे।
ऑक्सीजन सिलिंडर और कॉन्सेंट्रेटर से मदद का केंद्र बनी मस्जिद
Image courtesy : Hindustan

लखनऊ: कोविड-19 महामारी से निजात की दुआओं का मरकज़ बनी मस्जिदों में से लखनऊ की एक मस्जिद अब इस घातक वायरस के रोगियों की ऑक्सीजन सिलिंडर और सांद्रक (Concentrator) के जरिए मदद करने का भी केंद्र बन गई है।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के लाल बाग स्थित जामा मस्जिद में जरूरतमंदों को ऑक्सीजन सिलिंडर और कॉन्सेंट्रेटर मुफ्त दिए जा रहे हैं। खास बात यह है कि इनमें से 50 फीसदी उपकरण गैर मुस्लिमों के लिए आरक्षित हैं।

मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष ज़ुन्नून नोमानी ने मंगलवार को 'भाषा' को बताया कि कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर में एक-एक सांस के लिए तड़प रहे मरीजों की मदद के लिए समिति ने एक पहल करने का फैसला किया था और पिछली एक मई से यह काम शुरू किया गया।

उन्होंने बताया कि शुरू में उनके पास महज तीन-चार ऑक्सीजन सिलिंडर ही थे लेकिन जब धीरे धीरे लोगों को इस पहल के बारे में मालूम हुआ तो उनके पास बड़ी संख्या में फोन आने लगे। किसी ने योगदान के तौर पर मस्जिद कमेटी को ऑक्सीजन सिलिंडर दिए और किसी ने खरीद कर सांद्रक (Concentrator) दे दिए। इस योगदान की वजह से अब मस्जिद में 50 सिलेंडर और 25 ऑक्सीजन सांद्रक हो गए हैं।

नोमानी ने बताया कि मस्जिद कमेटी किसी भी योगदानकर्ता से नकद रकम नहीं लेती बल्कि उससे गुजारिश करती है कि वह खुद सिलिंडर या सांद्रक का भुगतान सीधे विक्रेता को करें और रसीद व्हाट्सएप पर भेज दें। मस्जिद कमेटी के लोग रसीद दिखाकर उस उपकरण को दुकान से ले लेंगे।

मस्जिद के गेट पर बैनर लगाया गया है जिसमें लिखा है कि कोई भी जरूरतमंद, चाहे वह किसी भी धर्म का हो, मस्जिद आकर ऑक्सीजन सिलिंडर या सांद्रक ले मुफ्त में जा सकता है और इस्तेमाल के बाद उसे वापस कर दे।

नोमानी ने बताया कि कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति मस्जिद में आकर अपना आधार कार्ड और कुछ अन्य दस्तावेज दिखाकर सिलिंडर या सांद्रक ले सकता है। मस्जिद कमेटी से जुड़ा एक व्यक्ति सिलेंडर या सांद्रक पहुंचाने के लिए खुद जरूरतमंद के घर जाता है।

उन्होंने बताया कि 50 फीसदी ऑक्सीजन सिलिंडर और सांद्रक गैर मुस्लिमों के लिए आरक्षित किए गए हैं लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो और भी ज्यादा मदद की जा सकती है।

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