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जी-7 देशों के अधिकांश लोग चाहते हैं कि उनकी सरकार कोविड-19 वैक्सीन उत्पादन में एकाधिकार को रोके

कोविड-19 उत्पादन पर कुछ दवा कंपनियों का एकाधिकार समाप्त होने से उत्पादन में वृद्धि होगी और ग़रीब देशों के लिए इसकी अधिक पहुंच को सक्षम बनाया जाएगा।
जी-7 देशों के अधिकांश लोग चाहते हैं कि उनकी सरकार कोविड-19 वैक्सीन उत्पादन में एकाधिकार को रोके

सभी जी-7 देशों में किए गए एक नए जनमत सर्वेक्षण में सामने आया है कि इन देशों में 70% से अधिक लोग चाहते हैं कि उनकी सरकारें यह सुनिश्चित करे कि वैक्सीन निर्माता COVID-19 टीकों के उत्पादन की जानकारी दूसरों के साथ साझा करें। इस सर्वेक्षण के निष्कर्षों को बुधवार 5 मई को एक प्रेस वार्ता में पीपल्स वैक्सीन एलायंस द्वारा साझा किया गया।

इस सर्वेक्षण के अनुसार अधिकांश उत्तरदाताओं का मानना है कि उचित मुआवजे के बदले में दवा कंपनियों को COVID-19 वैक्सीन उत्पादन पर एकाधिकार करने से रोका जाना चाहिए और इसके व्यापक उत्पादन की अनुमति देनी चाहिए।

जी-7 दुनिया के सबसे अमीर देशों का एक समूह है जिसमें यूके, यूएस, जापान, जर्मनी, इटली, कनाडा और फ्रांस शामिल हैं। वे इस समय लंदन में बैठक कर रहे हैं।

एकाधिकार को रोकने के लिए सरकारी कार्रवाई के लिए लोगों का समर्थन इटली में सबसे अधिक था। यहां 82% से अधिक उत्तरदाताओं ने सरकार को हस्तक्षेप करने के लिए कहा। कनाडा (76), यूके (74), जर्मनी (70), अमेरिका (69) और फ्रांस (63) के करीब दो तिहाई लोगों ने इस निर्णय का समर्थन किया है। जापान में 58 प्रतिशत से अधिक लोगों ने राजनीतिक विचारधाराओं से इतर इस निर्णय का समर्थन किया।

जी-7 के अधिकांश सदस्य अग्रणी देश हैं जो विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में 100 से अधिक देशों द्वारा रखे गए एक प्रस्ताव को रोक रहे हैं। ये सौ देश ट्रेड रिलेटेड इंटेलेक्चुअल प्रोपर्टी राइट्स (ट्रिप्स) के तहत वैक्सीन उत्पादन पर पेटेंट अधिकारों को निलंबित करने की मांग कर रहे हैं। पेटेंट को निलंबित करने की मांग करने वाले देशों का कहना है कि इससे वैक्सीन का अधिक से अधिक और सस्ता उत्पादन होगा और गरीब देशों के बीच समान पहुंच बनाने में मदद मिलेगी। हालांकि, इस प्रस्ताव को रोकने वाले अमेरिका और अन्य देशों का कहना है कि ये निलंबन भविष्य के नई प्रक्रिया को नुकसान पहुंचा सकता है।

टीके पेटेंट को निलंबित करने का प्रस्ताव सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका और भारत ने पिछले साल रखा था। बाद में इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), संयुक्त राष्ट्र और कई अन्य नागरिक समाज और मानवाधिकार समूहों के समर्थन के साथ 100 से अधिक देशों से समर्थन मिला जो टीका समानता के लिए और टीके की जमाखोरी करने वाले समृद्ध देशों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं।

डब्ल्यूटीओ के सदस्यों की एक अन्य बैठक पेटेंट छूट के प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए बुधवार को होना निर्धारित है।

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