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मदर्स डे: प्यार का इज़हार भी ज़रूरी है

कभी-कभी प्यार और सद्भावना को जताना भी चाहिए। अच्छा लगता है। जैसे मां-बाप हमें जीने की दुआ हर दिन हर पल देते हैं, लेकिन हमारे जन्मदिन पर अतिरिक्त प्यार और दुआएं मिलती हैं। तो यह प्रदर्शन भी बुरा नहीं।
mother's day
तस्वीर गूगल से साभार

आज सुबह हमारे भांजे ने परिवार के ग्रुप में यह मैसेज किया-

Should we celebrate  only one day as mother's day or father's day?. It is a genuine feeling which cannot describe in any words. So enjoy and express yourself everyday as mother's day or father's day.

(क्या हमें केवल एक दिन को मातृ दिवस या पितृ दिवस के रूप में मनाना चाहिए?. यह एक वास्तविक अनुभूति है जिसे किसी भी शब्द में वर्णित नहीं किया जा सकता है। तो आनंद लें और खुद को हर रोज मदर्स डे या फादर्स डे के रूप में व्यक्त करें।)

यह हर बार की बहस है। कुछ लोग इसलिए एक दिन को नहीं मनाना चाहते क्योंकि उनका आग्रह है कि उनके लिए तो हर दिन मदर्स डे-फादर्स डे है। कुछ के लिए ये पूरब-पश्चिम की बहस है। अपनी संस्कृति का बखान करते हुए वे मदर्स डे-फादर्स डे को एक दिखावा कहते हैं और ऐसे ही एक दिन वेलेंटाइन डे यानी प्रेम दिवस को संस्कृति का बिगाड़ कहते हुए लाठी-बल्लम लेकर सड़कों पर आ जाते हैं।

इन लोगों से यह भी पूछा जाना चाहिए कि वे फिर क्यों भाई-बहन का प्यार दिखाने के लिए एक दिन रक्षा बंधन मनाते हैं। या पति-पत्नी का प्यार और समर्पण दिखाने को करवा चौथ। संतान प्राप्ति और उनकी सुख-समृद्धि के लिए क्यों छठ पूजा होती है, क्यों अहोई अष्टमी मनाई जाती है (हालांकि इन सबके मूल विचार में काफ़ी दिक्कते हैं)।

इसी तरह क्यों एक दिन रामनवमी मनाते हैं, हनुमान जयंती मनाते हैं। जबकि वे पूजते तो उन्हें रोज़ ही हैं। अब तो ये इसका ख़ूब प्रदर्शन भी करने लगे हैं। हालांकि इसके पीछे की मंशा भी किसी से छिपी नहीं है। इस बार तो यह पर्व खुशी से ज़्यादा हिंसा के लिए याद किए जाएंगे। मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसा। ख़ैर इसके विस्तार में जाएंगे तो बहस लंबी हो जाएगी।

बहस तो यह भी हो सकती है कि परशुराम जयंती मनाने वालों को क्यों मदर्स डे पसंद आएगा! परशुराम पितृसत्ता के सबसे बड़े प्रतीक हैं। जिन्होंने पिता के कहने पर अपनी मां का सिर, धड़ से अलग कर दिया था।

हालांकि कहा जाता है कि बाद में उन्होंने पिता से मां और अपने भाइयों का जीवनदान भी मांग लिया था। लेकिन इससे क्या उनका स्त्री की स्वतंत्रता और मां के प्रति प्रेम और सम्मान ज़ाहिर होता है।     

ख़ैर बहस के कई विषय है जैसे पूरब-पश्चिम की बहस करने वालों का सारा रहन-सहन, पहनावा, खान-पान सब पश्चिमी से प्रभावित है। वे सारा दिन पश्चिम को गरियाते भी हैं और अपने ठाठ-बाट और सुख-सुविधाओं का सारा सामान उन्होंने पश्चिम के अविष्कारों की बदौलत ही हासिल कर रखा है जिसका वे बेधड़क न केवल प्रयोग करते हैं, बल्कि प्रदर्शन भी करते हैं। यही नहीं अपने बच्चों को सबसे पहले अमेरिका-यूरोप भेजने की जुगत में रहते हैं।

ख़ैर...कई आयाम हैं, कुछ लोग तो ऐसे भी हैं जो मां-बाप को बरसों बरस याद नहीं करते और एक दिन प्यार का ऐसा अतिरिक्त प्रदर्शन करते हैं कि मां-बाप भी शरमा जाएं। या ज़िंदा जी उन्हें पूछते भी नहीं, बीमार हो जाएं तो सेवा तो दूर ठीक से इलाज तक नहीं कराते लेकिन मरने के बाद ऐसे प्यार का प्रदर्शन कि पूछिए मत...।

यह सब अतिरेक हैं। एक दिन की खुशियां देखकर नाक-भौं सिकोड़ना या एक ही दिन सारा प्यार दिखाना (दिखावा करना)।

मैंने भांजे की बात (Should we celebrate  only one day as mother's day or father's day?...) का मर्म समझकर उसे जवाब लिखा—

यह एक आदर्श स्थिति है। और हमारे लिए तो यही सच है कि हमारे लिए रोज़ मदर्स डे और फादर्स डे है। लेकिन कभी-कभी प्यार और सद्भावना को जताना भी चाहिए। अच्छा लगता है। जैसे मां-बाप हमें जीने की दुआ हर दिन हर पल देते हैं, लेकिन हमारे जन्मदिन पर अतिरिक्त प्यार और दुआएं मिलती हैं। तो यह प्रदर्शन भी बुरा नहीं।

हमें मालूम है कि हमारे मां-बाप हर स्थिति में हमारे साथ हैं, लेकिन किसी मुश्किल समय में या यूं ही कह देते हैं कि बेटा/बेटी तू किसी भी स्थिति में घबराना मत, हम तेरे साथ खड़े हैं तो इससे अलग ही संबल मिलता है, हौसला मिलता है।

इसी तरह आप अगर अपने साथी से कभी यूं ही चलते-फिरते कह दें कि आज बहुत अच्छे लग रहे हो या आई लव यू...तो उसके भी अलग मायने हैं। यह अतिरिक्त खुशी है। मूलधन का ब्याज़ है इसलिए इसे भी चुकाते रहें। इसमें कोई बुराई नहीं है।

अंत में हमारी मां जैसी बड़ी बहन का यह संदेश ज़रूर ग़ौर से पढ़ा जाना चाहिए-

वास्तव में हर उत्सव हमारे जीवन में एक नई ऊर्जा ,उमंग ,उत्साह और खुशियां लाता है। इसलिए प्रत्येक स्पेशल दिन को जीवंतता से जियो।

अब सभी बच्चों मेरी बात ध्यान से सुनो?,  मदर्स डे पर कविताएं व बातें तो बहुत हो गईं

शाम को हम अपना मदर्स डे बढ़िया सा celebrate कर सकें इसके लिए सभी बच्चे celebration rashi  भेजने का कष्ट करें

रेस्टोरेंट में दावत हम खुद कर लेंगे।

 

मदर्स डे मुबारक...

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