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म्यांमार : दो प्रदर्शनकारियों की मौत के बाद प्रदर्शन तेज़

हज़ारों की संख्या में प्रदर्शनकारी सैन्य तख़्तापलट के ख़िलाफ़ म्यांमार की प्रमुख सड़कों पर उतर गए हैं। 20 फ़रवरी को मंडाले में दो प्रदर्शनकारियों की मौत के बाद विरोध प्रदर्शन तेज़ हो गया है।
म्यांमार : दो प्रदर्शनकारियों की मौत के बाद प्रदर्शन तेज़

म्यांमार सेना द्वारा दी गई धमकियों के बावजूद लोकतंत्र के समर्थन में और सैन्य तख्ता पलट के खिलाफ नारा लगाते हुए हजारों लोग म्यांमार की सड़कों पर उतर गए। 20 फरवरी को मंडाले में सुरक्षा बलों द्वारा दो प्रदर्शनकारियों को मारे जाने के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है।

रिपोर्टों के अनुसार, प्रदर्शनकारी उत्तर में मिटकिना, चीनी सीमा के पास भामो और केंद्रीय शहर पाइनमाना जैसे विभिन्न शहरों में भी प्रदर्शन कर रहे थे। 22 फरवरी को प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए सभी प्रमुख व्यवसायिक, शैक्षिक और सार्वजनिक संस्थान बंद रहे।

रिपोर्ट के अनुसार 1 फरवरी को हुए तख्तापलट के बाद सोमवार 22 फरवरी को देश के विभिन्न हिस्सों में सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शन की अगुवाई करने वाले संगठन सिविल डिसओबेडिएंस मूवमेंट (सीडीएम) ने सोमवार को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।

सेना ने रविवार को एक बयान में कहा कि, "प्रदर्शनकारी अब लोगों विशेष रूप से भावनात्मक किशोरों और युवाओं को संघर्ष के लिए उकसा रहे हैं जहां वे अपनी जिंदगी को गंवाएंगे।"

9 फरवरी को नैपीतौ में पहली बार जनहानि का मामला सामने आने के बाद म्यांमार की सेना के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन तेज हो गया है। असिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स

के अनुसार अब तक 640 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है।

20 फरवरी को राजधानी में बड़ी संख्या में लोगों ने 20 वर्षीय महिला म्या थ्वाटे थ्वाटे खैंग के अंतिम संस्कार में भाग लिया। इन पर 9 फरवरी को एक विरोध प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा कर्मियों द्वारा काफी करीब से गोली मारी गई थी।

युवा महिला म्या लाइफ सपोर्ट पर थी और शनिवार को उसकी मौत हो गई जो पिछले तीन हफ्तों से देश में जारी जन आंदोलन की पहली जनहानि है।

इसी तरह, दो प्रदर्शनकारियों की मौत तब हो गई जब सुरक्षा बलों ने एक स्थानीय शिपयार्ड पर श्रमिकों को विरोध प्रदर्शन रोकने के लिए मजबूर किया था। इससे टकराव बढ़ गया जिसके बाद अधिकारियों ने हजारों प्रदर्शनकारियों पर रबर की गोलियां और आंसू गैस के गोले दागे। पुलिस की इस कार्रवाई में 40 प्रदर्शनकारी घायल हो गए।

इस बीच, म्यांमार में टकराव में कोई कमी नजर नहीं आ रही है और तनाव बढ़ रहा है।

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