NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu
image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
दलितों, महिलाओं, पिछड़ों के उत्पीड़न व हाथरस घटना के विरोध में देशव्यापी प्रदर्शन
सीटू, AIKS, AIAWU, AIDWA और DSMM के संयुक्त राष्ट्रीय आह्वान पर देशभर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए। जिसमें हाथरस पीड़िता के लिए न्याय की मांग के साथ ही देशभर में दलितों, महिलाओं, पिछड़ों के उत्पीड़न की घटना को लकेर भी रोष प्रकट किया।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
14 Oct 2020
ALL INDIA PROTEST

हाथरस की घटना और पूरे देश में महिलाओं के खिलाफ हो रही यौन हिंसा और उत्पीड़न के खिलाफ मज़दूर किसान और महिलाओं का मंगलवार 13 अक्टूबर को देशव्यापी प्रदर्शन हुआ। इस प्रदर्शन का आह्वान सेंटर ऑफ़ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू),अखिल भारतीय किसान सभा (AIKS) व अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन(AIAWU) , अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति(AIDWA ) और दलित शोषण मुक्ति मंच(DSMM) के संयुक्त रूप से किया था। बिहार, यूपी ,दिल्ली , हिमाचल , बंगाल ,हरियाणा ,कर्नाटक सहित तमाम राज्यों में इसका असर दिखा।

दिल्ली के जंतर- मंतर पर सभी संगठनों के केंद्रीय नेताओ ने जनसभा को संबोधित किया। देशव्यापी व्यापक विरोध प्रदर्शन में हाथरस पीड़िता के लिए न्याय की मांग की गई। इसके साथ ही देशभर में दलितों, महिलाओं, पिछड़ों के उत्पीड़न की घटना को लेकर भी रोष प्रकट किया ।

इस सभा को AIKS के हन्नान मोल्ला, सीटू के महासचिव तपन सेन ने संबोधित किया। इसके अलावा बाकी संगठनों के राष्ट्रीय नेता और दिल्ली प्रदेश के नेताओ ने संबोधित किया। इसके साथ ही वैज्ञानिक और प्रसिद्ध शायर गौहर रज़ा ने भी सभा को संबोधित किया और अपनी कविताएं पेश कीं।

121464182_1257896064555219_2585521404731780080_o.jpg

नेताओ ने कहा कि सत्तारूढ़ दल द्वारा दलितों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है। अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 पहले की सरकारों द्वारा पूरी तरह से लागू नहीं किया गया था, लेकिन भाजपा सरकार न केवल इसे कमजोर कर रही है, बल्कि उन अपराधियों को संरक्षण दे रही है, जो दलितों के खिलाफ हमलों की बढ़ती संख्या की ओर अग्रसर हैं।

संयुक्त बयान में संगठनों ने कहा कि यूपी के हाथरस में जमींदार, ऊंची जाति के लोगों द्वारा 19 वर्षीय लड़की के साथ जघन्य सामूहिक बलात्कार और हत्या की गई। जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। लोग इस अपराध के खिलाफ सड़कों पर हैं और जिस तरह से यूपी की भाजपा सरकार अपराधियों को बचाती है और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करती है और खुले तौर पर पीड़ितों के गरीब कृषि मजदूर परिवार के खिलाफ जमींदार समूहों की धमकी और आतंककारी गतिविधियों का समर्थन करती है, उसे लेकर भी चिंता है।

इसी को लेकर हिमाचल प्रदेश के जिला व ब्लॉक मुख्यालयों पर मजदूरों व किसानों ने प्रदर्शन किया। शिमला के डीसी ऑफिस में मजदूरों द्वारा जोरदार प्रदर्शन किया गया सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व उपाध्यक्ष जगत राम ने कहा कि देश में दलितों, महिलाओं व पिछड़ों पर हमले लगातार बढ़ रहे हैं। उनका शोषण बढ़ रहा है। उनके दमन में निरन्तर इज़ाफ़ा हो रहा है। उनकी हत्याओं की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। महिलाओं से बलात्कार की घटनाओं में भी वृद्धि हुई है। नेशनल क्राइम ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार पिछले पांच वर्षों में दलितों, महिलाओं व पिछड़ों पर अत्याचार लगातार बढ़ा है व पिछले वर्षों की तुलना में कई गुणा ज़्यादा हुआ है।

IMG-20201013-WA0014.jpg

उन्होंने चिंता व्यक्त की है कि दलितों, महिलाओं व पिछड़ों के खिलाफ अत्याचार व उनकी हत्याओं के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। रोहित वेमुला की आत्महत्या भी इसका एक उदाहरण है। हिमाचल में गुड़िया, केदार जिन्दान, रजत व मेध राम की हत्या भी इसी के उदाहरण हैं। इन सभी पीड़ितों को सरकार व प्रशासन की बेपरवाही के कारण आज भी न्याय नहीं मिल पाया है। उन्नाव घटनाक्रम भी सरकार की संवेदनहीनता को ही दर्शाता है।

आपको बता दें की सीटू, AIKS, AIAWU और AIDWA के एक प्रतिनिधिमंडल ने 4 अक्टूबर को यूपी के हाथरस में पीड़िता के गांव का दौरा किया और पीड़ित के परिवार का समर्थन और एकजुटता का वादा किया था।

सरकार से मांग

प्रदर्शनकारियों ने सरकार से मांग की है कि

-  हाथरस घटना के दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।

- इस घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश की अध्यक्षता में करवाई जाए।

- उन पुलिस अधिकारियों और अन्य अधिकारियों को सख्त सजा दी जाए जिन्होंने अपना कर्तव्य नहीं निभाया था

- लड़की के परिवार को सुरक्षा सुनिश्चित की जाए

- उन्नाव, बलरामपुर और अन्य स्थानों सहित ऐसे सभी मामलों के पीड़ितों को न्याय मिले

- जस्टिस वर्मा समिति की सिफारिशों को लागू करना सुनिश्चित करें

- महिलाओं, दलितों व पिछड़ों पर अत्याचार करने वालों को सख्त सज़ा दी जाए।

- एससी एसटी एक्ट को मजबूत किया जाए।

- भूमिहीनों को भूमि और आवास

- सभी को नौकरी और न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित करें

 

 

Nationwide protest against
UP Hathras GangRape
UP
oppression of Dalits
CITU
AIDWA
AIKS
AIAWU
DSMM
Himachal Pradesh
Haryana

Trending

किसानों का दिल्ली में प्रवेश
गण ने किया तंत्र पर दावा : देश भर में किसान उतरे सड़कों पर, दिल्ली में निकली ट्रैक्टर परेड
देश की विवधता और एकता के साथ गणतंत्र दिवस परेड को तैयार किसान
किसान परेड : ज़्यादातर तय रास्तों पर शांति से निकली ट्रैक्टर परेड, कुछ जगह पुलिस और किसानों के बीच टकराव
शाहजहांपुर: अनगिनत ट्रैक्टरों में सवार लोगों ने लिया परेड में हिस्सा
26 जनवरी किसानों और जवानों के नाम

Related Stories

सिंघु बॉर्डर के सेवादार : “घर वालों को बोल आए हैं हमारी राह ना देखना”
नाज़मा ख़ान
सिंघु बॉर्डर के सेवादार : “घर वालों को बोल आए हैं हमारी राह ना देखना”
26 January 2021
''मुझे दुबई जाना था लेकिन वहां निकलने से पहले मैंने सोचा एक बार दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे किसानों को देख आऊं, मैं और मेरा दोस्त आए थे यहां घूमने लेक
देश की विवधता और एकता के साथ गणतंत्र दिवस परेड को तैयार किसान
मुकुंद झा
देश की विवधता और एकता के साथ गणतंत्र दिवस परेड को तैयार किसान
25 January 2021
देशभर में जारी किसान आंदोलन के बीच दिल्ली के बॉर्डर पर किसान 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के परेड के लिए पूरे जोश के साथ तैयार हैं।
abhisar sharma
न्यूज़क्लिक टीम
26 जनवरी को अब होगा जय जवान जय किसान
25 January 2021

Pagination

  • Next page ››

बाकी खबरें

  • ak
    भाषा सिंह
    बात बोलेगी: साज़िश के छुपे पत्तों को भी बेनक़ाब किया किसान परेड ने
    27 Jan 2021
    किसान आंदोलन को ध्वस्त करने और बदनाम करने की सत्ता की साज़िश कोई नई नहीं।
  • Uttar Pradesh
    असद रिज़वी
    यूपी में पत्रकार लगातार सरकार के निशाने पर, एक ख़बर को लेकर 3 मीडियाकर्मियों पर मुक़दमा
    27 Jan 2021
    जहां एक टीवी एंकर की गिरफ़्तारी पर आधा दर्जन से ज़्यादा केंद्रीय मंत्री सोशल मीडिया पर निंदा कर उसे प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला बताते हैं। वहीं देश के सबसे बड़े प्रदेश में लगातार आलोचनात्मक ख़बरें…
  •  Tractor Parade: Farmers not guilty for violence
    न्यूज़क्लिक टीम
    ट्रैक्टर परेड: हिंसा के लिए किसान दोषी नहीं
    27 Jan 2021
    गणतंत्र दिवस पर हज़ारों किसानों ने जहाँ एक तरफ तय रास्ते पर शांतिपूर्वक ट्रैक्टर परेड निकाली, तो वहीं दूसरी तरफ कुछ रास्ते से अलग होकर कर लाल क़िले के तरफ गए और कुछ जगह दिल्ली पुलिस और किसानों के बीच…
  • nj
    राज कुमार
    कौन है दीप सिद्धू जिसने लाल क़िले पर निशान साहिब फहराने की ज़िम्मेदारी ली है?
    27 Jan 2021
    लाल क़िले पर अटैक कह रहा है और पाकिस्तान से संबंध जोड़ रहा है। बहुत सारे आम लोगों को भी लगता होगा कि ये किसान आंदोलन ने किया है। जबकि दीप सिद्धू ने वीडियो जारी करके इस घटना की ज़िम्मेदारी ले ली है।…
  • सोनिया यादव
    यौन उत्पीड़न मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट का बयान दुर्भाग्यपूर्ण क्यों है?
    27 Jan 2021
    पॉक्सो एक्ट के तहत यौन उत्पीड़न को लेकर हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक विवदित फैसला सुनाया था जिस पर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। हाईकोर्ट के इस फैसले की नागरिक समाज और महिलावादी संगठनों…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें