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अम्फान के बाद निसर्ग चक्रवात का संकट : महाराष्ट्र में हाई अलर्ट, नौसेना भी तैयार

अधिकारी ने कहा कि चक्रवाती तूफान उत्तरी महाराष्ट्र और हरिहरेश्वर और दमन के बीच अलीबाग के पास दक्षिण गुजरात के तट को तीन जून को पार करेगा और हवा की गति 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी।
Nisarga Cyclone
Image courtesy: Prabhat Khabar

दिल्ली/मुंबई: कोरोना और लॉकडाउन के बीच अम्फान के बाद अब निसर्ग चक्रवात का संकट सामने है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि अगले 12 घंटे में निसर्ग चक्रवात के “गंभीर चक्रवाती तूफान” का रूप लेने की प्रबल आशंका है और यह बुधवार को महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तट को पार कर जाएगा।

अभी 20 मई के आसपास पश्चिम बंगाल और ओडिशा ने अम्फान चक्रवात का सामना किया जिसमें बड़ी संख्या में जन-धन की हानि हुई। इसके अलावा आंधी-बारिश और ओलाबारी में यूपी समेत कई राज्यों में भारी नुकसान हुआ है। यही नहीं देश के कई राज्य टिड्डी दल के हमले का भी सामना कर रहे हैं। यह टिड्डी दल खेती को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा रहा है।

मुंबई के मौसम विज्ञान विभाग के उप महानिदेशक के एस होसलिकर ने ट्वीट कर जानकारी दी कि चक्रवाती तूफान उत्तरी महाराष्ट्र और हरिहरेश्वर और दमन के बीच अलीबाग के पास दक्षिण गुजरात के तट को तीन जून को पार करेगा और हवा की गति 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कार्यालय की ओर से कहा गया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) 16 दलों में से 10 को राज्य के तटवर्ती क्षेत्रों में तैनात किया गया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया कि मुंबई के अतिरिक्त ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुगिरि जिले में चेतावनी जारी की गई है।

कार्यालय की ओर से यह भी कहा गया कि कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए राहत कार्य के दौरान एहतियाती उपाय भी किए जाएंगे। एक जून तक महाराष्ट्र में कोविड-19 के 70,000 मामले आ चुके हैं जिनमें 41,099 मरीज मुम्बई में है। देश में इस महमारी के सर्वाधिक मामले महाराष्ट्र में सामने आये हैं।

चक्रवाती तूफान को लेकर सरकार की तैयारी का ब्योरा देते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया कि मुंबई शहर और उपनगरीय इलाकों, ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरि और सिंधुदुर्ग जिलों के लिए अलर्ट जारी किया गया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि चक्रवात के मद्देनजर कच्चे मकानों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और गैर कोविड अस्पतालों को तैयार रखा जा रहा है।

राज्य सरकार बिजली की आपूर्ति बंद होने से रोकने के लिए भी कदम उठा रही है और वह पालघर एवं रायगढ़ जिलों में रासायनिक उद्योगों तथा परमाणु विद्युत संयंत्रों में एहतियात बरत रही है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा, ‘‘पेड़ों के गिरने, भूस्खलन और भारी बारिश से होने वाले नुकसानों की आशंका से टीमों को ऐसी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखा गया है। ’’

मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि मंत्रालय (राज्य सचिवालय) में एक नियंत्रण कक्ष चौबीसों घंटे काम कर रहा है और सेना, वायुसेना, नौसेना तथा आईएमडी को तालमेल सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी चक्रवात को लेकर महाराष्ट्र और गुजरात के मुख्यमंत्रियों से बात की। केन्द्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

मुंबई पुलिस ने चक्रवात के मद्देनजर लोगों को तटों पर जाने से रोकने के लिये शहर में धारा 144 लगा दी है।

पालघर में 21 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया

पालघर: चक्रवात ‘निसर्ग’ के मद्देनजर महाराष्ट्र के पालघर जिले के गांवों से 21 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इस तूफान के तीन जून को राज्य के पश्चिमी तट से टकराने की संभावना है।

जिलाधिकारी कैलास शिन्दे ने मंगलवार को बताया कि वसई, पालघर, दहानु और तालासरी तालुकाओं के 21,080 ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि जिला आपदा प्रबंधन कार्यक्रम लागू कर दिया गया है। इस अवधि में सभी औद्योगिक और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि मछुआरों से चार जून तक समुद्र में न जाने को कहा गया है।

चक्रवात : नौसेना की टीम मुंबई में तैयार

मुंबई : चक्रवात ‘‘निसर्ग’’ के कारण उत्पन्न परिस्थितियों से निपटने के लिए पश्चिम नौसेना कमान ने अपनी सभी टीमों को सतर्क कर दिया है। रक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि नौसेना ने पांच बाढ़ टीम और तीन गोताखोरों की टीम को मुंबई में तैयार रखा है। उन्होंने कहा कि ये टीम राहत एवं बचाव अभियानों के लिए प्रशिक्षित और सुसज्जित हैं, जो मुंबई के विभिन्न नौसेना क्षेत्रों में तैनात हैं और ये तेजी से बचाव कार्यों के लिए सक्षम हैं।

बाढ़ संभावित इलाकों की रेकी की गई है और सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसी तरह की व्यवस्था करवार नौसेना क्षेत्र, गोवा नौसेना क्षेत्र के साथ ही गुजरात, दमन और दीव नौसेना क्षेत्रों में भी की गई है।

इस बीच भारतीय तटरक्षक बल ने वाणिज्यिक पोतों और मछुआरों से नजदीकी बंदरगाह लौटने का आग्रह किया है।

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