प्रधानमंत्री मोदी के साथ अडाणी के संबंधों के कारण नहीं हुई कोई कार्रवाई : माकपा
नयी दिल्ली: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने अडाणी समूह के खिलाफ ताजा आरोपों के मद्देनजर बृहस्पतिवार को कहा कि गुजरात स्थित व्यापारिक समूह के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ संबंधों के कारण उसके खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
‘ऑर्गेनाइजड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट’ (ओसीसीआरपी) ने अडाणी समूह पर निशाना साधते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि उसके प्रवर्तक परिवार के साझेदारों से जुड़ी विदेशी इकाइयों के जरिए अडाणी समूह के शेयरों में करोड़ों डॉलर का निवेश किया गया।
अडाणी समूह ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है।
जॉर्ज सोरोस और रॉकफेलर ब्रदर्स फंड द्वारा वित्त पोषित संगठन ने ऐसे समय में आरोप लगाए हैं, जब कुछ महीने पहले अमेरिकी वित्तीय शोध एवं निवेश कंपनी हिंडनबर्ग ने अडाणी समूह पर बही-खातों में धोखाधड़ी तथा शेयरों के भाव में गड़बड़ी के साथ विदेशी इकाइयों के अनुचित उपयोग का आरोप लगाया था। इन आरोपों के बाद समूह के शेयरों में बड़ी गिरावट आई थी।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने एक बयान में कहा, ‘‘अडाणी समूह द्वारा अपनी कंपनियों के मूल्य और संपत्ति को बढ़ाने के लिए उनके स्टॉक की कीमतों में हेरफेर करने के ताजा सबूत सामने आए हैं। प्रधानमंत्री मोदी के साथ गौतम अडाणी के संबंधों ने अब तक यह सुनिश्चित किया है कि नियामक अधिकारी शेयर बाजार में व्यापक धोखाधड़ी और हेरफेर के खिलाफ कोई कार्रवाई न करें। ’’
माकपा ने कहा कि रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) 2014 में अडाणी समूह की कंपनियों की विदेशी फंडिंग के मामले की जांच कर रहा था, लेकिन बाद में उसने पूछताछ बंद कर दी थी। ताजा सबूतों के लिए एक गंभीर जांच की आवश्यकता है और उच्चतम न्यायालय को यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाना होगा कि कोई लीपापोती न हो।
ओसीसीआरपी ने कई ‘टैक्स हैवेन’ की फाइलों और अडाणी समूह के कई आंतरिक ईमेल की समीक्षा का हवाला देते हुए कहा कि उसकी जांच में कम से कम दो मामले पाए गए जहां ‘‘अस्पष्ट’’ निवेशकों ने ऐसी विदेशी इकाइयों के जरिए अडाणी के शेयर खरीदे व बेचे।
'टैक्स हैवेन' उन देशों को कहते हैं जहां अन्य देशों की अपेक्षा बहुत कम कर लगता है।
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