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अब कोविड-19 के नए स्वरूप ‘ओमीक्रॉन’ का डर, दुनियाभर के देशों ने लगायी यात्रा पाबंदियां

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ओमीक्रॉन के वास्तविक खतरों को अभी समझा नहीं गया है लेकिन शुरुआती सबूतों से पता चलता है कि अन्य अत्यधिक संक्रामक स्वरूपों के मुकाबले इससे फिर से संक्रमित होने का जोखिम अधिक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसके मद्देनजर ‘प्रोएक्टिव’ रहने की आवश्यकता पर बल दिया है।
Covid new variant omicron
Image courtesy : India.com

ब्रसेल्स: कोविड-19 महामारी फैलने के तकरीबन दो साल बाद दुनिया बीते दिनों सामने आए वायरस के नए स्वरूपों से संभवत: अधिक खतरनाक एक और नये स्वरूप से जूझती नजर आ रही है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक समिति ने कोरोना वायरस के नये स्वरूप को ‘ओमीक्रॉन’ नाम दिया है और इसे ‘बेहद संक्रामक चिंताजनक स्वरूप’ करार दिया है। इससे पहले इस श्रेणी में कोरोना वायरस का डेल्टा स्वरूप था जिससे यूरोप और अमेरिका के कई हिस्सों में लोगों ने बड़े पैमाने पर जान गंवाई।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने नए स्वरूप के बारे में कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि यह तेजी से फैलता है।’’ नयी यात्रा पाबंदियों की घोषणा करते हुए उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘मैंने फैसला किया है कि हम सतर्कता बरतेंगे।’’

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ओमीक्रॉन के वास्तविक खतरों को अभी समझा नहीं गया है लेकिन शुरुआती सबूतों से पता चलता है कि अन्य अत्यधिक संक्रामक स्वरूपों के मुकाबले इससे फिर से संक्रमित होने का जोखिम अधिक है। इसका मतलब है कि जो लोग कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं और उससे उबर गए हैं, वे फिर से संक्रमित हो सकते हैं। हालांकि, यह जानने में हफ्तों का वक्त लगेगा कि क्या मौजूदा टीके इसके खिलाफ कम प्रभावी हैं।

दक्षिणी अफ्रीका में कोरोना वायरस का नया स्वरूप सामने आने के बाद अमेरिका, कनाडा, रूस और कई अन्य देशों के साथ यूरोपीय संघ ने उस क्षेत्र से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिका सोमवार से दक्षिण अफ्रीका और क्षेत्र में सात अन्य देशों से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगाएगा। बाइडन ने कहा कि इसका मतलब है कि देश लौट रहे अमेरिकी नागरिकों और स्थायी निवासियों के अलावा इन देशों से न कोई आएगा और न ही कोई वहां जाएगा।

डब्ल्यूएचओ समेत चिकित्सा विशेषज्ञों ने इस स्वरूप के बारे में विस्तारपूर्वक अध्ययन किए जाने से पहले जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया देने के खिलाफ आगाह किया है। लेकिन इस वायरस से दुनियाभर में 50 लाख से अधिक लोगों की मौत के बाद लोग डरे हुए हैं।

ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने सांसदों से कहा, ‘‘हमें जल्द से जल्द हर संभव कदम उठाने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।’’ दक्षिणी अफ्रीका के साथ ही बेल्जियम, हांगकांग और इजराइल आने वाले यात्रियों में भी ओमीक्रॉन स्वरूप के मामले देखे गए हैं।

दक्षिण अफ्रीकी विशेषज्ञों ने कहा कि अभी ऐसे कोई संकेत नहीं है कि क्या इस स्वरूप से अधिक गंभीर रूप से बीमार पड़़ सकते हैं। अन्य स्वरूपों की तरह कुछ संक्रमित लोगों में कोई लक्षण नहीं देखे गए हैं। हालांकि, कुछ आनुवंशिक बदलाव चिंताजनक लगते हैं लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इससे जन स्वास्थ्य को कितना खतरा है। पहले कुछ स्वरूपों जैसे कि बीटा स्वरूप ने शुरुआत में वैज्ञानिकों को चिंता में डाला था लेकिन यह इतना ज्यादा नहीं फैला था।

नए स्वरूप ने दुनियाभर के शेयर बाजारों को तुरंत प्रभावित किया। एशिया, यूरोप और अमेरिका में प्रमुख सूचकांक गिर गये। जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री जेन्स स्पैन ने कहा, ‘‘यह नया स्वरूप कई समस्याएं पैदा करेगा।’’ 27 देशों वाले यूरोपीय संघ के सदस्य हाल में संक्रमण के मामलों में वृद्धि का सामना कर रहे हैं।

ब्रिटेन, यूरोपीय संघ के देशों और कुछ अन्य देशों ने शुक्रवार को नयी यात्रा पाबंदियां लगायी और इनमें से कुछ देशों ने नए स्वरूप का पता चलने के कुछ घंटों के भीतर पाबंदियां लगा दी। यह पूछे जाने पर कि अमेरिका ने सोमवार तक का इंतजार क्यों किया, इस पर बाइडन ने कहा, ‘‘केवल इसलिए कि मेरे चिकित्सा दल ने यही सिफारिश की है।’’

यूरोपीय संघ आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा, ‘‘उड़ानों को तब तक स्थगित किया जाना चाहिए जब तक कि हमें इस नए स्वरूप से उत्पन्न खतरे के बारे में स्पष्ट समझ न हो और इस क्षेत्र से लौटने वाले यात्रियों को सख्त पृथक-वास नियमों का पालन करना चाहिए।’’ उन्होंने आगाह किया कि ‘‘उत्परिवर्तन से संक्रमण कुछ ही महीनों में दुनियाभर में फैल सकता है।’’

बेल्जियम के स्वास्थ्य मंत्री फ्रैंक वैंडेनब्रुक ने कहा, ‘‘यह एक संदिग्ध स्वरूप है। हम नहीं जानते कि क्या यह बहुत खतरनाक स्वरूप है।’’

अमेरिकी सरकार के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फाउची ने कहा कि ओमीक्रॉन का अभी अमेरिका में कोई मामला नहीं आया है। उन्होंने कहा, हालांकि हो सकता है कि यह अन्य स्वरूप के मुकाबले अधिक संक्रामक हो और इस पर टीके का उतना असर न हो लेकिन ‘‘हमें अभी निश्चित रूप से कुछ नहीं पता है।’’

बाइडन ने कहा कि नया स्वरूप ‘‘गंभीर चिंता’’ का विषय है और यह स्पष्ट होना चाहिए कि जब तक दुनियाभर में टीकाकरण नहीं हो जाता तब तक महामारी खत्म नहीं होगी।

दुनिया के सबसे अधिक टीकाकरण करने वाले देशों में से एक इजराइल ने शुक्रवार को एलान किया कि उसके यहां मलावी से लौटे एक यात्री में कोरोना वायरस के नए स्वरूप का पहला मामला आया है। यात्री और दो अन्य संदिग्ध लोगों को पृथक-वास में रखा गया है। इजराइल ने बताया कि तीनों ने टीके की खुराक ले रखी है लेकिन अधिकारी उनके टीकाकरण की वास्तविक स्थिति का पता लगा रहे हैं।

रात भर 10 घंटे की उड़ान के बाद दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन से एम्सटर्डम की केएलएम फ्लाइट 598 में सवार यात्रियों को शुक्रवार सुबह विशेष जांच के लिए चार घंटों तक शिफॉल हवाई अड्डे के रनवे पर रोक कर रखा गया।

ब्रिटेन ने दक्षिण अफ्रीका और पांच अन्य दक्षिणी अफ्रीकी देशों से शुक्रवार दोपहर उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया और घोषणा की कि जो कोई भी हाल में उन देशों से आया था, उसे कोरोना वायरस जांच कराने के लिए कहा जाएगा।

ब्रिटेन ने शुक्रवार से दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, लेसोथो, इस्वातिनी, जिम्बाब्वे और नामीबिया से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लागू कर दिया है। हालांकि, सरकार ने दोहराया कि देश में अब तक वायरस के नए स्वरूप के किसी भी मामले का पता नहीं चला है।

जर्मनी, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, माल्टा और चेक गणराज्य, यूरोप के उन देशों में शामिल है जिन्होंने यात्रा पर कड़े प्रतिबंध लगाये हैं और पहले से ही कोविड-19 मामलों के चिंताजनक वृद्धि के बीच लॉकडाउन लगाया है।

कोरोना के नए स्वरूप के मद्देनजर ‘प्रोएक्टिव’ रहने की आवश्यकता: मोदी

नयी दिल्ली: दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस के नये स्वरूप का पता चलने और इसे लेकर दुनिया भर में पैदा हुई आशंकाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके मद्देनजर ‘प्रोएक्टिव’ रहने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि लोगों को अधिक सतर्क रहने तथा मास्क पहनने व उचित दूरी सहित बचाव के सभी अन्य उपायों का पालन करने की जरूरत है।

देश में कोविड-19 की ताजा स्थिति और जारी टीकाकरण अभियान की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री ने शीर्ष अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की। लगभग दो घंटे चली इस बैठक के दौरान अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को कोराना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ के पाए जाने से पैदा हुई चिंताओं और विभिन्न देशों में इसके प्रभावों से अवगत कराया।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने प्रोएक्टिव रहने व बचाव के उपायों का पालन करने के साथ ही सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की निगरानी करने की भी आवश्यकता जताई।

पीएमओ के मुताबिक प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सभी अंतरराष्ट्रीय विमानों की निगरानी करने के साथ ही ‘जोखिम’ वाले देशों से आने वाले लोगों की, दिश-निर्देशों के अनुरूप जांच की जानी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कोरोना के नए स्वरूप के खतरों के मद्देनजर अधिकारियों से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध हटाने की योजना की समीक्षा करने को भी कहा। 

डिजिटल माध्यम से हुई इस बैठक में कैबिनेट सचिव राजीव गाउबा, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पी के मिश्रा, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल, नीति आयोग के ही ए के भल्ला, और भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन सहित कुछ अन्य अधिकारी मौजूद थे।

भारत में एक दिन में कोविड-19 के 8,318 नए मामले आने से संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 3,45,63,749 हो गयी जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम हो कर 1,07,019 हो गयी, जो 541 दिनों में सबसे कम है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, 465 मरीजों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या बढ़ कर 4,67,933 हो गयी है। कोरोना वायरस के रोज आने वाले मामले लगातार 50 दिनों से 20,000 से कम और लगातार 153वें दिन 50,000 से कम है।

देश में अब तक कोविड-19 रोधी टीके की कुल 120.96 करोड़ खुराक दी जा चुकी है।

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