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अब पन्ना पलटने का समय आ गया है: बाइडन ने निर्वाचन मंडल की बैठक में जीत की पुष्टि के बाद कहा

क़ानून के अनुसार, निर्वाचन मंडल की बैठक दिसंबर के दूसरे बुधवार के बाद आने वाले पहले सोमवार को होती है। राष्ट्रपति पद का चुनाव तीन नवंबर को हुआ था। बाइडन 20 जनवरी को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालेंगे।
बाइडन

वाशिंगटन, 15 दिसंबर (भाषा) अमेरिका के निर्वाचन मंडल ने जो बाइडन को देश के राष्ट्रपति पद के लिए बहुमत देकर उनकी जीत की औपचारिक पुष्टि कर दी, जिसके बाद डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ने कहा कि ‘‘अब पन्ना पलटने’’ का समय आ गया है।

कानून के अनुसार, निर्वाचन मंडल की बैठक दिसंबर के दूसरे बुधवार के बाद आने वाले पहले सोमवार को होती है। राष्ट्रपति पद का चुनाव तीन नवंबर को हुआ था। बाइडन 20 जनवरी को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालेंगे।

बाइडन ने 538 सदस्यीय निर्वाचन मंडल के 270 से अधिक मत हासिल करके बहुमत हासिल कर लिया।

अमेरिकी प्रणाली में मतदान निर्वाचकों के लिए मतदान करते हैं और ये निर्वाचक इस मतदान के कुछ सप्ताह बाद मतदाताओं की ओर से उम्मीदवारों के लिए औपचारिक रूप से मतदान करते हैं। बाइडन ने तीन नवंबर का चुनाव जीता था।

निर्वाचक अमूमन अपने राज्य में विजेता रहे उम्मीदवार के लिए ही मतदान करते हैं, क्योंकि वे अपने दल के लिए समर्पित होते हैं।

निर्वाचन मंडल के मतों को अब संसद भेजा जाएगा, जहां छह जनवरी को होने वाले संयुक्त सत्र में इनकी औपचारिक गणना की जाएगी। हालांकि प्रतिनिधि सभा के कुछ रिपब्लिकन नेताओं ने संकेत दिया है कि वे अहम राज्यों के परिणाम पर आपत्ति जाएंगे, लेकिन वे संयुक्त सत्र की प्रक्रिया में देरी करने के अलावा और कुछ खास नहीं कर सकते।

हालांकि निर्वाचन मंडल की बैठक मात्र औपचारिकता होती है, लेकिन यह बैठक इस साल पहले की तुलना में अधिक चर्चा में रही, क्योंकि देश के मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हार स्वीकार करने से इनकार कर दिया है और चुनाव में धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं।

बाइडन ने डेलावेयर के विलमिंगटन से अपने भाषण में कहा कि अमेरिका के लोकतंत्र की परीक्षा ली गई और उसे खतरा पैदा किया गया, लेकिन देश का लोकतंत्र ‘‘सच्चा और मजबूत साबित’’ हुआ।

बाइडन ने कहा, ‘‘देश में बहुत समय पहले ही लोकतंत्र की मशाल जल चुकी थी और अब हम जान चुके हैं कि लोकतंत्र की इस मशाल को कोई वैश्विक महामारी या सत्ता का दुरुपयोग बुझा नहीं सकता।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका की आत्मा के लिए हुई लड़ाई में लोकतंत्र की जीत हुई। लोगों ने मतदान किया। हमारे संस्थानों में विश्वास कायम रहा। हमारे चुनावों की अखंडता बरकरार रही और इसलिए अब पन्ना पलटने का समय आ गया है। अब एकजुट होने, जख्मों को भरने का समय आ गया है।’’

बाइडन ने कहा, ‘‘मैंने और नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने निर्वाचन मंडल के 306 मत हासिल किए, जो जीत हासिल करने के लिए आवश्यक 270 मतों से बहुत अधिक है। ट्रंप और माइक पेंस को भी 2016 में इतने ही मत मिले थे। उस समय राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे ऐतिहासिक जीत बताया था। उनके स्वयं के मानकों के अनुसार, यह संख्या स्पष्ट जीत दर्शाती है।’’

उन्होंने कहा कि ट्रंप की कार्रवाई ने अमेरिका के मूल लोकतांत्रिक मूल्यों की अवहेलना की और इससे सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण भी प्रभावित हुआ।

उन्होंने कहा कि अमेरिका के दिशा निर्देशक सिद्धांत हमेशा अक्षुण्ण बने रहेंगे।

बाइडन ने कहा, ‘‘अमेरिका में जनता का शासन होता है और जनता ही किसी नेता को सत्ता की बागडोर संभालने का अधिकार देती है। ’’

ट्रंप ने हार निर्वाचन मंडल के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

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