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येरुशलम के अस्पताल ने इज़रायल यात्रा प्रतिबंधों का हवाला देते हुए ग़ाज़ा की नर्सों को निकाला

इन नर्सों का कहना है कि उन्हें घिरे ग़ाज़ा पट्टी में काम मिलने की बहुत कम उम्मीद है, जहां बेरोज़गारी की दर 50 प्रतिशत है।
इजरायल

ब्लॉक की गई गाजा पट्टी के सात फिलिस्तीनी नर्सों ने बुधवार 21 अक्टूबर को प्रदर्शन किया। इन नर्सों को क़ब्ज़े वाले पूर्वी येरुशेलम स्थित मकास्सेड अस्पताल से बर्खास्त कर दिया गया था। इज़रायल में प्रवेश करने पर फिलिस्तीनियों पर इज़रायली ट्रेवल प्रतिबंध है। प्रदर्शन करने वाली नर्स अपने मेडिकल लैब की कोट पहने हुई थीं और बैनर लिए हुई थी जिस पर लिखा था "हमें हटाना हमारे पेशे और परिवारों के लिए मौत की सजा है।"

उचित स्पष्टीकरण दिए बिना इन सात नर्सों को बर्खास्त करने से पहले ये नर्स इस अस्पताल में 20 वर्षों से अधिक समय से काम कर रही थीं। बहुत सख्त यात्रा प्रतिबंध लागू होने के बाद, अस्पताल ने नर्सों को गाजा पट्टी में चिकित्सा केंद्रों में काम करने को तब तक कहा गया था जब तक कि उन्हें इजरायल में वापस आने जाने की अनुमति नहीं दी जाती। हालांकि, उसने हाल ही में बिना किसी पूर्व चेतावनी या सूचना के बर्खास्तगी पत्र जारी कर दिया। ये बर्खास्तगी पत्र उन्हें गाजा के एक फिलिस्तीनी मरीज द्वारा दी गई थी जो इलाज के बाद येरूशेलम लौट रहा था।

ज्यादातर नर्सों ने अस्पताल में उस समय काम करना शुरू किया जब गाजा से येरूशेलम की यात्रा के लिए उन्हें विशेष इज़रायल यात्रा परमिट प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं थी। यद्यपि क़ब्ज़े वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों से फिलिस्तीनियों के लिए इज़रायल की हमेशा इजरायल में प्रवेश करने और बाहर निकलने के लिए एक आधिकारिक यात्रा परमिट नीति थी, इस नीति को 1987-1993 से पहली फिलिस्तीनी इंतिफादा (विद्रोह) के बाद कठोरता से लागू किया गया, जिससे फिलिस्तीनियों के लिए येरूशेलम की यात्रा करना और अधिक कठिन हो गया।

इज़रायल ने साल 2006 में सुरक्षा मामलों का हवाला देते हुए गाजा पट्टी की भूमि, समुद्र और हवाई ब्लॉकेड शुरू करने के बाद इन प्रतिबंधों को और भी सख्त कर दिया। केवल खास लोगों को मंजूरी देते हुए इज़रायल फिलिस्तीनी परमिट के अधिकांश आवेदनों को खारिज करता है। यह गाजा में हज़ारों फिलिस्तीनियों के लिए मुसीबतें पैदा करता है जिनके वेस्ट बैंक और पूर्वी येरुशेलम के क़ब्ज़े वाले इलाकों जैसे क्षेत्रों में रिश्तेदार हैं। यह इज़रायल में काम कर रहे फिलिस्तीनियों के ज़िंदगी को भी मुश्किल बनाता है।

मानवाधिकार संगठनों ने बहुत स्थूल और अस्पष्ट बताते हुए इजरायल की परमिट नीति की समय-समय पर आलोचना की है। इसका इस्तेमाल करते हुए इज़रायल सभी फिलिस्तीनी परमिट आवेदनों को अस्वीकार कर सकता है।

इन नर्सों के अनुसार, उनकी बर्खास्तगी का एक अन्य कारण राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के अधीन अमेरिकी प्रशासन द्वारा 2018 के फैसले से उत्पन्न मकास्सेड अस्पताल का वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना है। अमेरिकी प्रशासन ने अपने मिड्ल ईस्ट पीस प्लान क् प्रति सहमत होने या सरेंडर करने के लिए फिलिस्तीनियों पर दबाव डालने के प्रयास में क़ब्ज़े वाले पूर्वी येरुशेलम में स्थित विभिन्न अस्पतालों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता रद्द करने का फैसला किया था। फिलिस्तीनियों ने इस प्लान को इज़रायल के पक्ष में पूरी तरह एकतरफा और पक्षपाती बताते हुए खारिज कर दिया है।

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