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रिजिजू की टिप्पणी पर वकीलों ने कहा, "सरकार की आलोचना भारत-विरोधी नहीं"

300 से अधिक वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों पर रिजिजू की टिप्पणी की निंदा की।
kiren rijiju
फ़ोटो साभार: PTI

नई दिल्ली: केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजिजू ने हाल में अपनी टिप्पणी में सरकार की आलोचना करने वाले कुछ सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को 'भारत-विरोधी' कहा था। उनकी इस टिप्पणी की आलोचना करते हुए सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के 300 से अधिक वरिष्ठ वकीलों ने एक बयान जारी कर कहा है, "सरकार की आलोचना" न तो देश के खिलाफ है, न ही देशद्रोह और न ही 'भारत विरोधी’ है।” गौरतलब है कि हाल ही में एक मीडिया कॉन्क्लेव में रिजिजू ने कहा था कि कुछ सेवानिवृत्त 'कार्यकर्ता' न्यायाधीश "विपक्षी दल की भूमिका निभाने की कोशिश कर रहे हैं।"

मंत्री की टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए इकबाल चगले, राजू रामचंद्रन, कपिल सिब्बल, दुष्यंत दवे, चंदर उदय सिंह, इंदिरा जयसिंह, रेबेका जॉन, नित्या रामकृष्णन जैसे वरिष्ठ वकीलों सहित 323 वकीलों द्वारा हस्ताक्षर किए गए बयान में कहा गया, " मंत्री ने यह दावा करके संवैधानिक मर्यादाओं की सभी सीमाओं को पार कर दिया है कि इस 'भारत-विरोधी गिरोह' के सदस्य "न्यायपालिका से विपक्ष की भूमिका निभवाना चाहते हैं। वे आलोचकों को बिना उनका नाम लिए ‘भारत-विरोधी गिरोह’ कह रहे हैं।"

लाइव लॉ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के इन सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को स्पष्ट रूप से धमकी दी कि "कोई भी बच नहीं पाएगा" और "जो देश के खिलाफ काम करते हैं, उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।" वकीलों ने मंत्री की टिप्पणी की निंदा करते हुए अपने बयान में कहा है कि, "मौजूदा सरकार, देश नहीं है और देश, सरकार नहीं है।"

रिपोर्ट के अनुसार, बयान में यह भी रेखांकित किया गया है कि "हमारी संवैधानिक योजना के तहत, सरकार की आलोचना के लिए स्थान न तो केवल संसद या विधानसभाओं के लिए आरक्षित है और न ही यह किसी विशेष वर्ग के व्यक्तियों तक सीमित है या किसी अन्य के लिए वर्जित है।” इसलिए, "सरकार की आलोचना किसी व्यक्ति की देशभक्ति को कलंकित करने के लिए किसी उच्च राज्य अधिकारी को अधिकृत नहीं करती है।"

कानून मंत्री से अपनी टिप्पणी को सार्वजनिक रूप से वापस लेने का आग्रह करते हुए बयान में कहा गया है कि " मंत्री ‘राज्य की कार्यकारी और न्यायिक शाखाओं के बीच एक पुल है’ इसलिए उन्हें एक सार्वजनिक विमर्श में गरिमापूर्ण व्यवहार बनाए रखना चाहिए।"

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल ख़बर को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें :

Over 300 Lawyers Slam Rijiju’s Comment on Retd SC Judges, Say “Govt Criticism not Anti-India’

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