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दिल्ली: AAP ने सरकार को ‘पोस्टर’ से चिढ़ाया... 100 पर FIR

‘मोदी हटाओ देश बचाओ’ वाले पोस्टर पर जंग तेज़ हो गई है, दिल्ली पुलिस ने अभी तक 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
MODI POSTER

वो कहते हैं कि देश में लोकतंत्र बिल्कुल सुरक्षित है, सब कुछ सामान्य है, सभी संवैधानिक एजेंसियां स्वतंत्र हैं... फिर भी वो एक पोस्टर से डर जाते हैं, क्यों?

क्योंकि उन्हें पता है कि वो झूठ बोलते हैं, क्योंकि उन्हें मालूम है कि उनके ख़िलाफ़ कहीं लिखा जाएगा तो तानाशाही कमज़ोर पड़ेगी। इसी तानाशाही रवैये को जारी रखने के लिए मौजूदा सरकार ख़ुद की आलोचना से इतना ज़्यादा डरने लग गई है, कि अब वो ऐसे सभी संसाधनों को मिटा देने पर अमादा है, जिसके ज़रिए उन्हें आईना दिखाया जाता है। फिर चाहे वो प्रिंटिंग प्रेस हो, मीडिया हो या विपक्ष के द्वारा उठाई जाने वाली आवाज़ हो।

ख़ैर... इसका ताज़ा उदाहरण देखने को मिला है राजधानी दिल्ली में। जहां आम आदमी पार्टी की ओर से मोदी हटाओ देश बचाओ लिखे नारों वाले पोस्टर लगाए जा रहे थे। लेकिन पोस्टर लग पाते, लोगों के भीतर विपक्ष की आवाज़ पहुंच पाती उससे पहले इस सरकार ने अपने बल का इस्तेमाल करते हुए 100 से ज़्यादा एफआईआर दर्ज कर लीं।

जिसके बाद आम आदमी पार्टी ने अपने ऑफिशियल ट्वीटर से ट्वीट करते हुए ये सवाल भी किया कि इस पोस्टर में ऐसा क्या आपत्तिजनक है, जो इसे लगाने पर मोदी जी ने 100 एफआईआर कर दी?

 

 

हालांकि आम आदमी पार्टी की ओर से भी सरकार की इस कार्रवाई का लगातार जवाब ट्वीट के ज़रिए दिया जा रहा है, आम आदमी पार्टी की ओर से एक और ट्वीट कर कहा गया कि ख़ुद को 56 इंच बताने वाले 56 इंच के पोस्टर से डर गए।

 

 

स्पेशल कमिश्नर ऑफ दिल्ली पुलिस दीपेंद्र पाठक के मुताबिक जिन 100 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, उन सभी के ख़िलाफ प्रिंटिंग प्रेस एक्ट और प्रॉपर्टी डिफेसमेंट एक्ट के तहत मामल दर्ज किया गया है। साथ ही पांच लोगों को से ज़्यादा लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। इसके अलावा आम आदमी पार्टी के दफ्तर से निकल रही एक वैन को ज़ब्त किया गया है, जिसमें ढेरों पोस्टर रखे हुए थे।

पुलिस के मुताबिक दिल्ली के कुछ हिस्सों में 'मोदी हटाओ देश बचाओ' नारों वाले पोस्टर लगे थे। इन पोस्टरों में प्रिंटिंग प्रेस का ब्योरा नहीं था। आईपी स्टेट थाने के एक कॉन्स्टेबल ने पप्पू मेहता नाम के एक शख्स को पोस्टर लगाते हुए पकड़ा था। पप्पू के पास 38 बंडल पोस्टर मिले थे।

दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ लगाए गए कुछ पोस्टरों को आम आदमी पार्टी की ओर से शेयर किया गया है।

 

 

स्पेशल कमिश्नर ऑफ पुलिस दीपेंद्र पाठक ने बताया कि दो प्रिंटिंग प्रेस फर्म को ऐसे 50-50 हजार पोस्टर बनाने का ऑर्डर मिला था। कंपनियों से जुड़े कर्मचारियों ने रविवार देर रात से सोमवार सुबह तक इनमें से कई पोस्टर शहर के अलग-अलग इलाकों में लगाए। पुलिस ने प्रिंटिंग प्रेस का नाम प्रकाशित न करने के आरोप में मालिकों को गिरफ्तार किया है।

इन पोस्टरों को छापने के लिए 17 मार्च को ऑर्डर दिया गया था, इसके बाद ये पोस्टर 19 मार्च की रात अलग-अलग लोगों को दिए गए थे।

आपको याद होगा कि 2 साल पहले भी ऐसे ही मोदी के ख़िलाफ दिल्ली की दीवारों पर पोस्टर देखने को मिले थे। इन पोस्टरों में लिखा था ‘’मोदी जी हमारे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यों भेज दिया?

इन पोस्टरों को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भी शेयर किया था।

इस मामले में भी शिकायतों के आधार पर धारा-188 यानी सरकारी अधिकारी की ओर से जारी आदेश या नियम का उल्लंघन और दूसरी धाराओं के तहत 25 एफआईआर  दर्ज की गई थी। इनमें दिल्ली के कई जिलों में प्रापर्टी एक्ट के तहत सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धारा-3 भी शामिल है। इसमें 5 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।

ख़ैर... आपको बता दें कि जिस लोकतंत्र की दुहाई देकर मौजूदा सरकार इन पोस्टरों को आपत्तिजनक बता रही है, यही वो सरकार है जिसने कुछ महीने पहले दिल्ली में एमसीडी चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी और केजरीवाल को ठग तक कह दिया था।

जिसका सुबूत आप ख़ुद दिल्ली भाजपा के इस ट्वीट में देख सकते हैं...

 

 

भाजपा ने अपने ट्वीट के ज़रिए शेयर किए गए पोस्टर में साफ तौर पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को महाठग बताया है, साथ ही मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन जैसे नेताओं की तस्वीरें भी साथ में शेयर कर इन्हें दिल्ली के ठग्स की संज्ञा दे दी।

अब इन पोस्टरों को देखने के बाद भारतीय जनता पार्टी के लिए एक ही कहावत सटीक बैठती है... ‘’सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली’’

वैसे ये कहना ग़लत नहीं होगा कि ख़ुद की शक्ल से चिढ़ जाने के बाद आईने को दूसरी ओर घुमा देना भाजपा ख़ूब आता है, लेकिन इनके कारनामों की फहरिस्त इतनी लंबी है, कि ग़िनती में शामिल हो ही नहीं पाती।

अभी कुछ दिन पहले की बात है... झारखंड के गोड्डा से एक विधायक हैं निशिकांत दुबे, जो आजकल बहुत चर्चा में है। अच्छे कामों या शब्दों के लिए नहीं, ओछी टिप्पणियों के कारण।

दरअसल निशिकांत दुबे ने महागमा से कांग्रेस की विधायक दीपिका पांडेय सिंह को नगर वधु तक कह डाला।

 

 

हालांकि निशिकांत दुबे की टिप्णी का दीपिका पांडेय ने भी करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि नगरवधु ही क्यों? वैश्या ही बोल देते। कांग्रेस विधायिका ने कहा कि इसमें छिपाकर बोलने जैसे क्या था, वो भी हमारे समाज का हिस्सा हैं.. भाजपा सांसद ने वैश्या बहनों का भी अपमान किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सांसद की मानसिकता में ही दिक्कत है।

ऐसे ही न जाने के कितने उदाहरण है कि जो भाजपा और मौजूदा सरकार को कटघरे में खड़ा करती हैं।

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