1300 से अधिक फ़िलिस्तीनी क़ैदी इज़रायली जेलों में दुर्व्यवहार के विरोध में भूख हड़ताल करेंगे
6 सितंबर को गिल्बोआ जेल से छह कैदियों के भागने के बाद इजरायल की जेलों और हिरासत केंद्रों के अंदर बढ़ी क्रूरता और दमन का विरोध करने के लिए सैकड़ों की संख्या में फिलिस्तीनी कैदी शुक्रवार 17 सितंबर को सामूहिक भूख हड़ताल शुरू करेंगे। पैलेस्टिनियन प्रीजर्स मूवमेंट ने इसकी घोषणा की है।
सभी फिलिस्तीनी गुटों ने इजरायल के कब्जे के विरोध में सभी कैदियों को एकजुट करने के लिए अपने विभिन्न नियामक निकायों को भंग करने पर सहमति जाहिर की है। इन कैदियों ने इजरायली जेल अधिकारियों से मांग रखी है और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं तब तक वे 'दे बेटल ऑफ डिफेंडिंग द राइट' के बैनर तले अपनी सामूहिक भूख हड़ताल जारी रखेंगे और बाद में इस भूख हड़ताल में बारी बारी से समूह में शामिल होंगे।
प्रीजनर्स मूवमेंट के अनुसार, गिल्बोओ जेल के 100 कैदियों सहित इजरायल और कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों में विभिन्न इजरायली जेलों के 1,380 कैदी इस शुक्रवार को भूख हड़ताल शुरू करेंगे। अगले सप्ताह 21 सितंबर मंगलवार से शुरू होने वाली समूह में और कैदी इस हड़ताल में शामिल होंगे। बेहद लोकप्रिय और जाने-माने फिलीस्तीनी नेता मारवन बरघौती सहित लगभग 100 वरिष्ठ कैदी भी हड़ताल में भाग लेंगे।
कैदियों की विभिन्न मांगों में फिलिस्तीनी कैदियों के दमन और दुर्व्यवहार की इजरायल की नीति को फौरन समाप्त करना, एक जेल से दूसरी जेल में मनमाने स्थानान्तरण को रोकना, उन पर लगाए गए प्रतिबंधों और कठोर दंड को पलटना, एकांत कारावास या अलग थलग रखे गए कैदियों को सामान्य सेक्शन में वापस लाना और हिरासत की शर्तों को 5 सितंबर से पहले की स्थिति में बहाल करना शामिल है। अन्य मांगें जो इसी तरह से महत्वपूर्ण हैं उनमें प्रशासनिक हिरासत की नीति को समाप्त करना और अनुचित रूप से उनकी हिरासत को समाप्त करना, परिवार से मिलने की अनुमति देना, जेलों में सरकारी टेलीफोन लगाना, कैदियों को अपनी जरूरत की चीजें जैसे कि भोजन, कपड़े आदि खरीदने की अनुमति देना शामिल है।
इस बीच, इज़रायली सुरक्षा बलों द्वारा फिर से पकड़े गए छह में से चार कैदियों को पिछले हफ्ते नजारथ की एक अदालत ने नौ दिनों के लिए एक्सटेंडेड रिमांड पर भेज दिया। फिर से उनकी गिरफ्तारी के बाद इन कैदियों को बेरहमी से पीटा गया और प्रताड़ित किया गया और बाद में उनमें से एक कैदी ज़कारिया जुबैदी को इलाज के लिए अस्पताल में भेजना पड़ा और अभी वह आईसीयू में है।
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