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फिलिस्तीनी मानवाधिकार समूह ने इज़रायली बस्ती से होने वाली बार-बार हिंसा पर यूएन को लिखा

मानवाधिकार समूह ने साल 2013 में पूरा हुए इज़रायली बस्ती को लेकर संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राष्ट्रीय फैक्ट फाइंडिंग मिशन का हवाला दिया और संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से इसकी सिफारिशों को लागू करने का आह्वान किया।
फिलिस्तीनी मानवाधिकार समूह ने इज़रायली बस्ती से होने वाली बार-बार हिंसा पर यूएन को लिखा

फिलिस्तीनी मानवाधिकार समूह अल हक ने यूनाइटेड नेशन्स (यूएन) स्पेशल प्रोसिजर्स से अपील करते हुए लिखा है कि वह कब्जे वाले वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनियों के खिलाफ यित्जर बस्ती से होने वाली इज़रायली बस्ती के लोगों की हिंसा की जांच करे और ऐसे हमलों के खिलाफ कार्रवाई करे। फिलिस्तीन की डब्ल्यूएएफए समाचार एजेंसी 18 फरवरी को ये रिपोर्ट प्रकाशित किया।

अल हक ने लिखा कि इन हमलों में मार-पीट करना, पत्थरबाजी करना, ग्रामीणों पर गोलीबारी करना, कृषि भूमि, पेड़ और कारों को आग के हवाले करना, पेड़ों को उखाड़ना, प्राकृतिक संसाधनों अर्थात भूमि तथा जल को नष्ट करना और लूटना, शांतिपूर्ण सभाओं को कुचलना और हमला करना, संपत्ति और आजीविका के स्रोतों तक पहुंच को रोकना और कार, दीवारों व अन्य फिलिस्तीनी संपत्तियों पर नफरत फैलाने वाली भाषा का स्प्रे-पेंटिंग के जरिए इस्तेमाल करना शामिल है।

मानवाधिकार समूह ने यूएन को इजरायली अवैध यित्ज़र बस्ती के लोगों की ओर से किए गए 10 ऐसे हमलों की सबूतों को पेश किया है जिसमें फिलिस्तीनियों की मौत के आंकड़े, घायलों के आंकड़े और उनकी संपत्तियों के नुकसान का विवरण है जिसका वे वर्षों से शिकार हैं।

इसने संयुक्त राष्ट्र से आग्रह किया कि वह इजरायल पर कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों में बस्तियों के अवैध निर्माण और विस्तार पर रोक लगाए। इजरायल इस प्रक्रिया में सैकड़ों फिलिस्तीनियों को विस्थापित करते हुए फिलिस्तीनियों के स्वामित्व वाली भूमि को जब्त करना जारी रखे हुए।

अल हक के अनुसार फिलिस्तीनियों पर इजरायली बस्ती के लोगों द्वारा हमला इजरायली सेना और सुरक्षा बलों की पूरी सुरक्षा में किया जाता है जो कथित तौर पर न केवल फिलीस्तीनियों पर इन लोगों के क्रूर और हिंसक हमलों को लेकर आंखें बंद कर लेते हैं बल्कि कई बार सक्रिय रूप से भाग भी लेते हैं। इतना ही नहीं वे इन हमलों के बाद फिलिस्तीनियों के खिलाफ कार्रवाई करते हैं और आरोप लगाते हैं।

मानवाधिकार समूह ने यह भी मांग की कि फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन और युद्ध अपराधों के लिए इजरायल पर अंतर्राष्ट्रीय जांच की जाए और साथ ही अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय से फिलिस्तीन में स्थिति की पूर्ण व व्यापक आईसीसी जांच शुरू करने का आग्रह किया।

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