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पटना: नागरिक समाज ने इरफ़ान हबीब पर  केरल के राज्यपाल की अशोभनीय टिप्पणी की निंदनीय की

पटना सिटीजन्स फोरम ने इरफ़ान हबीब पर केरल के राज्यपाल द्वारा की गई टिप्पणी का विरोध किया और कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे शख्स द्वारा एक विख्यात बुजुर्ग इतिहासकार के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल राज्यपाल की निम्न मानसिकता को दिखलाता है।
Irfan Habib

नागरिक सरोकारों व जनतांत्रिक अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन 'सिटीजन्स फोरम' ने केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान द्वारा प्रतिष्ठित इतिहासकार प्रोफेसर इरफान हबीब के लिए 'सड़क छाप गुंडे' जैसे शब्दों का इस्तेमाल किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है।

संगठन ने बयान जारी कर कहा कि, "राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर बैठे शख्स द्वारा एक विख्यात बुजुर्ग इतिहासकार के लिए ऐसे शब्दों के इस्तेमाल की हम निंदा करते हैं।"

संगठन ने आगे कहा, "तीन साल पहले भारतीय इतिहास कांग्रेस में प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अबुल कलाम आजाद का हवाला गलत ढंग से देने पर प्रोफेसर हबीब द्वारा टोके जाने की घटना का अब बेवजह किसी दूसरे प्रसंग में जिक्र करना राज्यपाल की निम्न मानसिकता को दिखलाता है।"

खान ने इस वाकये का जिक्र केरल के मुख्यमंत्री के निजी सचिव और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता की पत्नी को कन्नूर विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर बहाली को रोकने और ऐसी तमाम बहालियों की जांच कराने के बयान का विरोध किये जाने के संदर्भ में किया था। संगठन ने खान द्वारा अभद्र भाषा इस्तेमाल करने की निंदा करते हुए कहा, "अगर यह बहाली गलत थी भी और केरल में सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा राज्यपाल के फैसले का विरोध करना गलत है तो भी राज्यपाल द्वारा प्रोफेसर हबीब जैसे बुजुर्ग विद्वान के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल निहायत गलत और निंदनीय है।"

संगठन ने खान के राजनीतिक इतिहास और विवादित अतीत को देखते हुए कहा कि, "हम केरल के राज्यपाल से यह उम्मीद भी नहीं करते कि वे अपनी इस गलत करतूत के लिए प्रोफेसर इरफान हबीब से माफी भी मांगेंगे। उसने देश के तमाम संवेदनशील नागरिकों से आग्रह किया कि सब केरल के राज्यपाल की इस अनर्गल बयानबाजी की भर्त्सना करें। 

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