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बिहार की एक अदालत में बाबा रामदेव के खिलाफ याचिका, देशद्रोह का मामला चलाने की मांग

अदालत के समक्ष दायर याचिका में बाबा रामदेव के बयानों को "धोखाधड़ी" करार देते हुए उनके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के अलावा भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग की गई है। इस मामले की अगली सुनवाई सात जून को होगी।
रामदेव

आधुनिक चिकित्सा पद्धति एलोपैथी पर दिए गए बयान को लेकर योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ बिहार की एक अदालत में याचिका दायर कर उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग की गयी है।

याचिकाकर्ता ज्ञान प्रकाश नामक व्यक्ति ने अपने वकील सुधीर कुमार ओझा के जरिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में रामदेव के खिलाफ याचिका दाखिल की। प्रकाश इससे पहले भी कई शीर्ष राजनेताओं, बॉलीवुड कलाकारों और विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के खिलाफ याचिका दायर कर चुके हैं।

कार्यवाहक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शैलेंद्र राय की अदालत के समक्ष दायर याचिका में बाबा रामदेव के बयानों को "धोखाधड़ी" करार देते हुए उनके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के अलावा भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग की गई है।

इस मामले की अगली सुनवाई सात जून को होगी।

गौरतलब है कि पतंजलि समूह के संस्थापक योग गुरु बाबा रामदेव ने हाल में एलोपैथिक चिकित्सा प्रणाली समेत कोविड रोधी टीके को लेकर कुछ विवादास्पद बयान दिए थे।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने बाबा रामदेव के विवादास्पद बयान को लेकर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग करते हुए मोर्चा खोला हुआ है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्ष वर्धन समेत भारतीय जनता पार्टी के कई नेता रामदेव के बयान की निंदा कर चुके हैं।

इससे पहले  आईएमए  ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि कोविड-19 के उपचार के लिए सरकार के प्रोटोकॉल को चुनौती देने तथा टीकाकरण पर कथित दुष्प्रचार वाला अभियान चलाने के लिए योगगुरु रामदेव पर तत्काल राजद्रोह के आरोपों के तहत मामला दर्ज करने का आग्रह किया था ।

आधुनिक चिकित्सा पद्धति से इलाज करने वाले डॉक्टरों के प्रमुख संगठन ने एलोपैथी के खिलाफ कथित अपमानजनक बयान के लिए रामदेव को मानहानि का नोटिस भी भेजा है। संघ ने उनसे 15 दिन के अंदर माफी मांगने को कहा है। उसने कहा है कि ऐसा नहीं होने पर वह उनसे 1,000 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति राशि मांगेगा।

 चिकित्सक संघ ने अपने पत्र में लिखा, ‘‘भलीभांति प्रमाणित है कि टीकाकरण से हम गंभीर संक्रमण के विनाशकारी प्रभावों से अपनी जनता और देश को बचाते हैं। इस मौके पर हम बड़े दुख के साथ आपके संज्ञान में लाना चाहते हैं कि सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि टीके की दोनों खुराक लेने के बाद भी 10,000 डॉक्टरों की मौत हो गयी और एलोपैथिक दवाएं लेने के कारण लाखों लोगों की मौत हो गयी, जैसा कि पतंजलि प्रोडक्ट्स के मालिक श्री रामदेव ने कहा है।’’

रामदेव की आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर चिकित्सकों ने देशभर में उनके ख़िलाफ़ मोर्चा खोल हुआ है। अलग-अलग राज्यों में उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत की गई है। इसके अलावा  मंगलवार एक जून को देश के कई हिस्सों में चिकित्सकों ने राष्ट्रव्यापी आंदोलन के तहत प्रदर्शन भी किया था।

चिकित्सकों की मांग है कि या तो रामदेव बिना शर्त माफी मांगें या उनके खिलाफ महामारी रोग अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए।

गौरतलब है कि एक वायरल वीडियो क्लिप में, रामदेव को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि "कोविड-19 के लिए एलोपैथिक दवाएं लेने से लाखों लोग मर गये।" उन्हें कोरोना वायरस के इलाज के लिए इस्तेमाल की जा रही कुछ दवाओं पर सवाल उठाते हुए भी सुना जा सकता है।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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