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पेट्रोल, डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी जारी, राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कई शहरों में पेट्रोल 100 के पार

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों द्वारा जारी मूल्य अधिसूचना के मुताबिक गुरुवार को पेट्रोल 24 पैसे प्रति लीटर और डीजल 29 पैसे प्रति लीटर महंगा हुआ। यह इस महीने में 14वीं बढ़ोतरी है, जिसके चलते देश भर में पेट्रोल-डीजल की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं।
पेट्रोल, डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी जारी

नयी दिल्ली : पेट्रोल की कीमत गुरुवार को महाराष्ट्र के ठाणे जिले में 100 रुपये प्रति लीटर के स्तर को पार कर गई, जबकि मुंबई में इसकी कीमत 99.94 रुपये प्रति लीटर हो गई है।

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों द्वारा जारी मूल्य अधिसूचना के मुताबिक गुरुवार को पेट्रोल 24 पैसे प्रति लीटर और डीजल 29 पैसे प्रति लीटर महंगा हुआ।

यह इस महीने में 14वीं बढ़ोतरी है, जिसके चलते देश भर में पेट्रोल-डीजल की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। हालांकि, इससे पहले पांच राज्यों में जारी विधानसभा चुनावों के दौरान दो सप्ताह से अधिक समय तक दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया।

पेट्रोल की कीमत पहले ही राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कई शहरों में 100 रुपये का आंकड़ा पार कर चुकी थी और गुरुवार को महाराष्ट्र भी इस सूची में शामिल हो गया।

महाराष्ट्र के ठाणे में अब पेट्रोल 100.06 रुपये प्रति लीटर और डीजल 91.99 रुपये प्रति लीटर के भाव पर मिल रहा है।

मुंबई में पेट्रोल की कीमत बढ़कर 99.94 रुपये प्रति लीटर हो गई, जबकि डीजल की कीमत बढ़कर 91.87 रुपये हो गई।

वैट और माल ढुलाई शुल्क जैसे स्थानीय करों के आधार पर विभिन्न राज्यों में ईंधन की कीमतें अलग-अलग होती हैं।

देश में पेट्रोल पर सबसे अधिक मूल्य वर्धित कर (वैट) राजस्थान में लगाता है, जिसके बाद मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र का स्थान है।

दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 93.84 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 84.61 रुपये प्रति लीटर हो गई।

तेल कंपनियों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम लगातार ऊंचा बना हुआ है। कच्चे तेल का दाम 70 डालर प्रति बैरल के आसपास चल रहा है।

एक समय ख़ासतौर से 2014 से पहले यूपीए सरकार के समय में तेल के दाम बढ़ने पर मुख्य धारा के मीडिया में बड़ी-बड़ी हेडलाइन बनतीं थी और उस पर घंटों-घंटों बहस होती थी। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जो उस समय विपक्ष में थी लगातार तेल, गैस के दामों को लेकर सड़कों पर उतरती थी और मनमोहन सरकार से इस्तीफ़ा मांगती थी। तेल-गैस के साथ सभी तरह की महंगाई उस समय एक बड़ा मुद्दा था, लेकिन मोदी सरकार आने के बाद से ऐसा नहीं रहा। टीवी स्क्रीन पर अब लगातार नौवें दिन तेल के दाम बढ़ने पर हेडलाइन और बहस नहीं दिखाई देती।

तेल विपणन कंपनियों द्वारा जारी मूल्य अधिसूचना में कहा गया है कि ईंधनों के दाम पूरे देश में एक साथ बढ़ाये गये हैं लेकिन राज्यों में इन पर लगने वाले बिक्री कर अथवा मूल्य वर्धित कर (वैट) की दर अलग होने से यह वृद्धि अलग अलग हो सकती है।

सरकार ने मार्च 2020 के मध्य में पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क में वृद्धि की थी तब से दोनों ईंधनों के दाम में घटबढ रुकी हुई थी। इस दौरान सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों इंडियन आयल कार्पोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने उत्पाद शुल्क वृद्धि को ग्राहकों पर डालने के बजाय अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में आने वाली गिरावट के साथ उसका समायोजन किया। इससे दाम स्थिर रहे। हालांकि जानकारों का कहना था कि जिस स्तर पर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में गिरावट आई, उसकी तुलना में भारतीय उपभोक्ता को कोई भी लाभ नहीं दिया गया।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ )

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