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कश्मीर में पोस्टपेड मोबाइल फोन सेवा बहाल, इंटरनेट सुविधा नहीं

अधिकारियों ने कहा कि इस समय सेवाएं केवल पोस्टपेड कनेक्शन से फोन कॉल और एसएमएस के लिए होंगी। वॉट्सऐप समेत 25 लाख से अधिक प्रीपेड मोबाइल फोन और अन्य इंटरनेट सेवाएं अभी काम नहीं करेंगी।
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Image courtesy: The Indian Express

श्रीनगर। सरकार की ओर से दावा किया गया है कि कश्मीर में सोमवार दोपहर से पोस्टपेड मोबाइल सेवा शुरू कर दी गई है। इस तरह राज्य के करीब 40 लाख पोस्टपेड उपभोक्ता 72 दिन के बाद देशभर में, घाटी और अपने आस-पड़ोस में अपने परिवारों और दोस्तों से जुड़ गये। हालांकि इंटरनेट सेवाएं अभी शुरू नहीं की गयी हैं।

सरकार की ओर से शनिवार को की गई घोषणा के अनुसार सोमवार दोपहर से लोगों के फोन बजने लगे और घाटी में लोग फौरन मोबाइल पर अपने प्रियजनों से बात करने के लिए बेताब दिखे। लोग पांच अगस्त से फोन पर बात नहीं कर पा रहे थे। इसी दिन केंद्र ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने का फैसला किया था।

अधिकारियों ने कहा कि इस समय सेवाएं केवल पोस्टपेड कनेक्शन के लिए हैं। सुविधा केवल फोन कॉल और एसएमएस के लिए होंगी। वॉट्सऐप समेत 25 लाख से अधिक प्रीपेड मोबाइल फोन और अन्य इंटरनेट सेवाएं अभी काम नहीं करेंगी।

समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक मोबाइल कनेक्टिविटी 12 अगस्त को ईद से ठीक एक सप्ताह पहले रोकी गयी थी। सोमवार को मोबाइल संचार बहाल होने के बाद लोग इतनी राहत में थे कि एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद भी दी।

घाटी के नागरिक निगहत शाह ने कहा, ‘‘यह दिन हमारे लिए ईद से कम नहीं है। वैश्वीकरण के दौर में हम दो महीने से अधिक समय तक बाकी दुनिया से कटे रहे।’’

पुराने शहर में रहने वाले बशरत अहमद ने कश्मीर और राज्य से बाहर अपने दोस्तों तथा रिश्तेदारों को फोन करने में जरा भी वक्त नहीं गंवाया। उन्होंने एक घंटे के भीतर 30 फोन कॉल किये।

अहमद ने कहा, ‘‘मैंने 70 दिन से दिल्ली में और कश्मीर के बाहर कहीं भी अपने रिश्तेदारों से बात नहीं की थी। मैं उन सभी की आवाज़ सुनना चाहता हूं और उन्हें बताना चाहता हूं कि हम जिंदा हैं।’’

कुछ लोग अपने करीब रहने वालों से भी बात नहीं कर पा रहे थे। उन्हें भी आज राहत मिली।

यासिर अहद ने कहा कि वह अपनी होने वाली पत्नी से बात कर ही रहे थे कि अचानक फोन कट गया।

उन्होंने बताया कि उनकी होने वाली पत्नी उनके घर से केवल पांच किलोमीटर दूर रहती हैं। लेकिन इतने दिनों से उन्हें एक दूसरे के बारे में कुछ नहीं पता था।

अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा बल मोबाइल सेवाएं शुरू होने के बाद सामने आने वाली किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

इससे पहले पिछले सप्ताह राज्य को पर्यटकों के लिए खोला गया था। शिक्षण संस्थान भी खुल गये हैं, लेकिन छात्रों की उपस्थिति बहुत कम है।

घाटी में 17 अगस्त को लैंडलाइन टेलीफोन सेवा आंशिक रूप से शुरू की गयी थी। चार सितंबर को करीब 50 हजार लैंडलाइन फोन चालू हो गये थे।

जम्मू कश्मीर के प्रधान सचिव और प्रवक्ता रोहित कंसल ने शनिवार को यहां देशभर में प्रसारित संवाददाता सम्मेलन में सोमवार से पोस्टपेड सेवाएं बहाल करने की घोषणा की थी।

जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पहले कहा था कि आतंकवादी राज्य में नफरत का माहौल पैदा करने के लिए मोबाइल फोनों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ) 

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