Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

प्रयागराज: गंगा के तट पर फिर से देखने को मिले 100 से अधिक संदिग्ध कोविड पीड़ितों के शव  

अकेले शुक्रवार को ही फाफामऊ घाट पर संदिग्घ कोविड-19 पीड़ितों के करीब 60 शव उपर आ गये थे, जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया।
प्रयागराज: गंगा के तट पर फिर से देखने को मिले 100 से अधिक संदिग्ध कोविड पीड़ितों के शव  

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लगातार मूसलाधार बारिश होने की वजह से प्रयागराज में गंगा नदी के जलस्तर के काफी बढ़ जाने के बाद, नदी के तट पर दबाए गए संदिग्ध कोविड-19 पीड़ितों के दस शव कथित तौर पर रविवार को फाफामऊ घाट पर एक बार फिर से नमूदार हो गए।
समूचे राज्य भर में बारिश के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ता जा रहा है, जिससे भूमि का कटाव हो रहा है। इसके चलते, नदी के किनारे की रेट का क्षरण हो रहा है। जिसके परिणामस्वरूप, जिन शवों को रेत के गड्ढों में मुश्किल से तीन से चार फुट गहरा खोदकर दफना दिया गया गया था, वे फिर से उभर कर सामने आ गए हैं। एक परिचित अधिकारी ने न्यूज़क्लिक को जानकारी दी है कि अकेले शुक्रवार के दिन फाफमाऊ घाट पर तकरीबन 60 संदिग्ध कोविड-19 पीड़ितों के शव देखने को मिले थे, जिसके बाद प्रयागराज नगर निगम के मंडलीय अधिकारी, नीरज सिंह की देखरेख में उनका अंतिम संस्कार किया गया।

अधिकारी ने आगे बताया कि नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण नदी के किनारे दबे और भी शवों के फिर से किनारे लगने की संभावना है। प्रयागराज नगर निगम ने अंतिम संस्कार को संपन्न करने के लिए टीमें तैनात कर रखी हैं।

अंतिम संस्कार करने वाले लोगों में से एक, सिंह ने न्यूज़क्लिक को बताया: “कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान जिन शवों को रेत में दफना दिया गया था, वे फिर से सामने आ रहे हैं। शुक्रवार को ऐसे कुल 60 शव मिले थे और करीब तीन दर्जन शवों का हिन्दू रीति-रिवाजों को ध्यान में रखते हुए अंतिम संस्कार कर दिया गया था। लगातार बारिश होने के कारण नगर निगम के कर्मचारियों को इन शवों को दफनाने के लिए संघर्ष करना पड़ा।” सिंह ने आगे बताया कि नगर निगम द्वारा क्षेत्र में गठित की गई निगरानी समिति ने अभी भी नमूदार होने वाले शवों के दाह-संस्कार का जिम्मा लिया हुआ है।

सिंह और उनकी टीम प्रतिदिन गंगा के रेतीले तटों का मुआयना करते हैं। यदि कोई शव उजागर होने की कगार पर पाया जाता है तो टीम शव को खोदकर बाहर निकालती है और उसका अंतिम संस्कार संपन्न करती है। वे न सिर्फ दाह संस्कार में हिस्सा लेते हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करते हैं कि सभी अनुष्ठानों का पालन हो।

सिंह के मुताबिक, पिछले डेढ़ महीने में फाफमाऊ घाट पर 100 से अधिक की संख्या में शव सामने आ चुके हैं। नागरिक निकाय ने सुनिश्चित किया है कि इन सभी का अंतिम संस्कार सही तरीके से संपन्न हो।

निगरानी समिति के एक सदस्य, मुकुंद तिवारी ने बताया “गंगा के बढ़ते जलस्तर के बीच भी मृत शवों की खोजने की प्रकिया निरंतर जारी है। रविवार को भी हमारी पड़ताल के दौरान दस दफनाये जा चुके शव पाए गए। देर शाम तक इन शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। अभी तक कुल मिलाकर तकरीबन 350 शवों को जलाया जा चुका है।”

यह कोई पहली बार नहीं था जब हिंदुओं द्वारा पवित्र मानी जाने वाली नदी में शव तैरते हुए पाए गए हों। कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान, उत्तर प्रदेश और बिहार में गंगा के तट पर सैकड़ों की संख्या में शवों के बहकर आने के भयानक नजारे देखने को मिले थे।
इस खोज से आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों के बीच में दहशत फ़ैल गई थी।

एक स्थानीय निवासी अनिल यादव ने कहा “हमने इससे पहले कभी भी गंगा नदी के किनारे ऐसा नजारा नहीं देखा था। यहाँ पर हजारों की संख्या में शव पड़े हुए हैं। सरकार को अपने ‘स्वच्छ भारत’ के आदर्श वाक्य का पालन करना चाहिए और क्षेत्र में स्वच्छता को बरकरार रखना चाहिए। उन्होंने फिलहाल जो कुछ भी चल रहा है उस पर अपनी आपत्ति जताते हुए कहा कि रात के दौरान गुप्त रूप से शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है, और हिन्दू रीति-रिवाजों का पालन नहीं किया जा रहा है।

इस बीच, कई दफा की कोशिशों के बावजूद, जिले के अधिकारियों ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण कुमार गुप्ता ने कहा कि जिला प्रशासन को अपनी चौकसी को बढ़ाने और 24 घंटे इसे बनाये रखने की आवश्यकता है। उन्हें चेताया कि “गंगा में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए आने वाले दिनों में नदी के तट की 24x7 चौकसी की जरूरत होगी।” उन्होंने आगे कहा कि सिर्फ फाफामऊ घाट ही नहीं बल्कि अन्य घाटों – जहाँ हजारों शवों को दफनाया गया था, पर भी निगाह बनाए रखनी चाहिए।

पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था, जब राज्य में गंगा के किनारे बड़ी संख्या में उथली रेत में दफन किये गये शव पाए गये या गंगा के किनारे बहते हुए पाए गए थे। आलोचनाओं के बीच, प्रयागराज नगर निगम ने संगम क्षेत्र में नदी के तटों पर एक टीम तैनात की थी, ताकि बारिश के कारण दिखने वाली भगवा कफन से ढकी लाशों को छिपाया जा सके।

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।

Prayagraj: Over 100 Dead Bodies of Suspect COVID Victims Resurface on Ganga's Banks

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest