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प्रधानमंत्री देश को बताएं कि वह अडानी के खिलाफ जांच क्यों नहीं करा रहे : राहुल गांधी

गांधी ने यह भी कहा कि नफरत एवं हिंसा से देश प्रगति नहीं कर सकता है और न ही वह आर्थिक रूप से सशक्त हो सकता है।
Rahul Gandhi
फ़ोटो साभार : ट्विटर

रायपुर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद राहुल गांधी ने कहा है कि प्रधानमंत्री को देश की जनता को बताना चाहिए कि वह अडानी के खिलाफ जांच क्यों नहीं करा रहे हैं।

गांधी ने यह भी कहा कि नफरत एवं हिंसा से देश प्रगति नहीं कर सकता है और न ही वह आर्थिक रूप से सशक्त हो सकता है।

गांधी ने शनिवार को नवा रायपुर में राजीव युवा मितान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ''कुछ दिनों पहले आर्थिक मामलों के दुनिया के सबसे बड़े अखबार ने लिखा था कि नरेन्द्र मोदी के करीबी अडानी ने हिंदुस्तान से हजारों करोड़ रुपये बाहर भेजे और उस पैसे से स्टॉक मार्केट में अपने शेयर के दाम बढ़ाए।''

उन्होंने कहा, ''प्रधानमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए तथा देश को और छत्तीसगढ़ युवाओं को बताना चाहिए कि वह अडानी की जांच क्यों नहीं करा रहे हैं। ऐसी क्या बात है कि नरेन्द्र मोदी जांच नहीं करा रहे हैं। हिन्दुस्तान से जो हजारों करोड़ रुपए बाहर गये वह किसका पैसा था। वह अडानी का पैसा नहीं था, किसी और का पैसा था।''

गांधी ने कहा, ''मैं आपको साफ कर देता हूं कि हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री अडानी की कोई जांच नहीं करा सकते क्योंकि जांच का नतीजा नतीजा निकल गया तो उसका नुकसान अडानी को नहीं किसी और को होगा।''

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ''भाजपा और नरेन्द्र मोदी हिन्दुस्तान के दो-तीन अरबपतियों के लिए काम करते हैं। नाम आप जानते ही हैं।''

राहुल गांधी ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा, ''कुछ महीने पहले कर्नाटक में चुनाव हुआ एक तरफ भाजपा और उनकी विचारधारा तथा दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी की विचारधारा थी। उनका काम लोगों को बांटने का, नफरत फैलाने का, हिंसा फैलाने का है। हमारा काम लोगों को जोड़ने का है तथा नफरत के बाज़ार में मोहब्बत की दुकान खोलने का है।''

उन्होंने कहा, ''छत्तीसगढ़ में हमने किसानों को धान के लिए सही दाम दिया। हम झूठे वादे नहीं करते। हम 15 लाख रुपये देने का वादा नहीं कर सकते।''

गांधी ने कहा, ''देश नफरत से आगे नहीं जा सकता है। हिंसा से देश आगे नहीं जा सकता है, इससे अर्थव्यवस्था नहीं बढ़ सकती है। मोहब्बत से, इज्जत से काम किया जाता है और देश को जोड़ा जाता है तथा सब को एक साथ लाया जाता है तो देश तेजी से प्रगति करता है।'' 

उन्होंने कहा कि भाजपा आदिवासियों को वनवासी कहती है क्योंकि वह नहीं चाहती कि वे जंगल से बाहर आएं और विभिन्न क्षेत्रों में अपने सपनों को पूरा करें।'

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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