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थाईलैंड में प्रदर्शनकारी सड़कों पर फिर उतरे, पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे

पिछले साल के विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिरासत में लिए गए एक्टिविस्टों की रिहाई की मांग करते हुए हज़ारों लोग प्रदर्शन में शामिल हुए और राजनीतिक सुधारों के लिए अपनी पिछली मांगों को भी दोहराया।
थाईलैंड में प्रदर्शनकारी सड़कों पर फिर उतरे, पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे

थाईलैंड में प्रदर्शनकारी बैंकॉक की सड़कों पर उतर आए जो यह दर्शाता है कि लोकतंत्रीकरण के लिए संघर्ष फिर से शुरू हो गया है। माना जाता है कि गुरुवार 11 फरवरी को राष्ट्रीय राजधानी बैंकॉक के केंद्र में एक विशाल प्रदर्शन में हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी शामिल हुए। अन्य सिविल सोसाइटी समूहों के साथ साथ इस प्रदर्शन का आयोजन रैट्सेडॉर्न (पीपुल्स पार्टी) समूह और लेबर नेटवर्क फॉर पीपुल्स राइट्स द्वारा आयोजित किया गया था और म्यांमार में तख्तापलट के विरोध प्रदर्शन से प्रेरित होकर "इस तानाशाही के खिलाफ" प्रदर्शनकारियों ने बर्तन बजाए।

ये प्रदर्शनकारी बैंकाक के पथुमवन जिले के स्काईवॉक पर इकट्ठा हुए थे। प्रचेतई के अनुसार, पिछले साल विरोध प्रदर्शन के दौरान अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिए गए कार्यकर्ताओं और प्रदर्शनकारियों की रिहाई की मांग करने के लिए और थाईलैंड के आर्थिक संकट से निपटने के लिए प्रदर्शनकारियों को इकट्ठा किया गया था। इन प्रदर्शनकारियों ने राजनीतिक सुधारों के लिए अपनी तीन मूल मांगें भी दोहराईं, जिनमें सैन्य समर्थित प्रधानमंत्री प्रयुत चान-ओ-चा का इस्तीफा, देश को आगे लोकतांत्रिक बनाने के लिए संविधान में प्रमुख संशोधन और राजतंत्र की शक्तियों और विशेषाधिकारों को सीमित करने के लिए सुधार शामिल है।

ये प्रदर्शन बैंकॉक की एक आपराधिक अदालत द्वारा गिरफ्तार चार एक्टिविस्ट को जमानत देने से इनकार करने के बाद हुआ। इन पर सितंबर के विरोध प्रदर्शन में उनकी भूमिका के लिए राजद्रोह और लेसे मैजेस्टे (राजशाही का अपमान) के आरोप लगाया गया था। इन एक्टिविस्टों की जमानत से इनकार के बाद मंगलवार शाम सैकड़ों लोग अदालत के फैसले का विरोध करते हुए एक जगह इकट्ठा हो गए। खबरों के मुताबिक, गुरुवार का विरोध प्रदर्शन गिरफ्तार एक्टिविस्टों को मामले से हटाने और प्रयुत सरकार के खिलाफ आंदोलन को फिर से शुरू करने के लिए किया गया।

एक पूर्व सांसद टोस्सापोर्न सेरिराक ने कहा, “मैं सरकार, प्रधानमंत्री या सभी महान लोगों से कहता हूं कि विरोध प्रदर्शन के लिए परिस्थितियां बनाना बंद करें। जल्दी सब कुछ रोकना और बातचीत शुरू करना बेहतर है।”

बाद में, जैसे ही शाम को प्रदर्शन बढ़ा पुलिस ने स्काईवॉक क्षेत्र के चार प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेना शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने पथुमवन पुलिस स्टेशन की ओर जाना शुरु किया जहां हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों को उनकी रिहाई की मांग की जा रही थी। 100 से अधिक भीड़ नियंत्रण करने वाली पुलिस तैनात की गई थी जिससे अंततः थाने के बाहर झड़पें हुईं। इस क्षेत्र को खाली कराने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठियां बरसाई।

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